रांची: गणतंत्र दिवस के मौके पर विशिष्ट सेवा के लिए मिलने वाले राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक के लिए झारखंड से अभी तक केंद्रीय गृह मंत्रालय को मनोयन नहीं भेजा गया है. मनोयन नहीं मिलने पर एक बार फिर से आईजी मानवाधिकार के ओर से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा गया है.
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हर साल केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक के लिए राज्यों से मनोनयन की मांग की जाती है. लेकिन आदेश के बावजूद झारखंड के कई जिलों के एसपी और पुलिस की अन्य विंग के प्रमुखों ने मनोनयन के लिए पुलिस पदाधिकारियों या कर्मियों का नाम अब तक पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध नहीं कराया है. ऐसे में राज्य पुलिस के आईजी मानवाधिकार अखिलेश झा ने नए सिरे से पुलिस मुख्यालय को योग्य पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों का त्रुटि रहित मनोनयन उचित माध्यम से मांगा है.
मनोनयन संबंधी सूची के लिए पत्राचार
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के गृह विभाग ने पदकों के लिए मनोनयन की मांग संबंधी पत्र 10 सितंबर को ही भेजा था. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 20 सितंबर को पहली बार सभी जिलों और विंग के प्रमुखों से पत्र लिखकर मनोनयन की मांग की थी. लेकिन 5 अक्बटूर तक किसी भी जिलों से मनोनयन संबंधी सूची नहीं आने पर मुख्यालय ने नए सिरे से पत्राचार किया है.
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क्या क्या देना होगा
पुलिस मुख्यालय के द्वारा जिलों के एसपी और सभी विंग के प्रमुखों से विहित पत्र, सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र, चिकित्सा प्रमाण पत्र, पदक प्रदान किए जाने संबंधी दिशा निर्देश, सेवा अभिलेख प्रपत्र, निगरानी विभाग का स्वच्छता प्रमाण पत्र संदग्न कर भेजने का निर्देश दिया गया है.
सभी पदकों के लिए योग्यता निर्धारित
झारखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर पुलिस अफसरों और कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राज्यपाल पदक, वीरता के लिए मुख्यमंत्री पदक और सराहनीय सेवा के लिए झारखंड पुलिस पदक के नाम मनोनयन मांगा है. राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी मानवाधिकार अखिलेश झा ने योग्य पुलिसकर्मियों के 10 साल के सेवा अभिलेख, सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र, गोपनीय चरित्र अभियुक्ति, निगरानी के स्वच्छता प्रमाण पत्र की मांग की है. सभी पदकों के लिए योग्यता का निर्धारण भी किया गया है.