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नक्सलियों के जाल में नहीं फंसेगी पुलिस, मुख्यालय ने बनाई नई रणनीति

पुलिस बलों पर हुए हमले और लगातार माओवादी गतिविधियों को लेकर पुलिस ने नई रणनीति बनाई है. इसके लिए जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह बगैर सूचना ग्रामीण हाटबाजारों में गश्ती में न जाएं. गश्ती में जाने के पहले खुफिया सूचना जुटाएं.

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Published : Jun 29, 2019, 8:03 AM IST

झारखंड पुलिस मुख्यालय

रांची: झारखंड के सरायकेला के तिरूलडीह स्थित साप्ताहिक हाट में पुलिस बलों पर हुए हमले और लगातार माओवादी गतिविधियों को लेकर पुलिस ने नई रणनीति बनाई है. राज्य पुलिस मुख्यालय से आईजी आशीष बत्रा ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी, एएसपी अभियान और सीआरपीएफ आईजी को पत्र भेजा है.

क्या है निर्देश
जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह बगैर सूचना ग्रामीण हाटबाजारों में गश्ती में न जाएं. गश्ती में जाने के पहले खुफिया सूचना जुटाएं. साथ ही अलग-अलग टीमों में गश्ती में जाएं, ताकि किसी तरह की वारदात होने पर पुलिस की बाकि टीमें मदद कर सकें. अभियान को अब पूरी तरह गुप्त रखने और अभियान में शामिल जवानों को अभियान में जाने के ठीक पहले जानकारी देने का आदेश दिया गया है. अभियान संबंधी सूचना पर किसी दूसरे स्टेशन को वायरलेस नहीं करने का आदेश भी दिया गया है. पुलिस को अलग-अलग कार्यप्रणाली लगाने का आदेश दिया गया है.

एक ही रास्ते का नहीं करना होगा इस्तेमाल
अभियान में लगे जवानों को आने- जाने के लिए एक ही मार्ग अपनाने पर पूरी तरह रोक लगायी गई है, ताकि उग्रवादी लौटने वाले मार्ग में आईइडी न लगा सकें. जवानों को पुलिस अधिकारियों के द्वारा यह ब्रीफ किया जाएगा कि छोटा विस्फोट होने पर ये न समझे कि उग्रवादियों ने एक ही माइंस लगाया होगा. उग्रवादी संगठनों ने हाल में श्रेणीबद्ध आईइडी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 26 मई को सरायकेला में श्रेणीबद्ध आईइडी धमाके उग्रवादियों ने किए थे. राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी क्लेमोर माइंस लगाने का अंदेशा जाहिर किया गया है.

ये भी पढ़ें- श्रावणी मेले की तैयारी में जुटा निगम प्रशासन, 8 करोड़ 50 लाख होंगे खर्च

मोटरसाइकिल दस्ता पर नजर
पुलिस मुख्यालय ने जिलों के एसपी को नक्सलियों के मोटरसाइकिल दस्ता पर नजर रखने की हिदायत दी है. 14 जून के हमले को माओवादियों के मोटरसाइकिल दस्ते ने ही अंजाम दिया था. मोटरसाइकिल दस्ते के संबंध में सूचना जूटाने और अभियान चलाने का आदेश दिया गया है.

ये भी दी गई है सलाह

  • विशेषज्ञ न हों तो आईइडी को टच न करें.
  • अभियान के दौरान लैंड माइंस मिलने पर वहां आगे-पीछे निशान छोड़ें और इसकी जानकारी मुख्यालय को दें.
  • तार दिखने पर लैंड माइंस निकालने के लिए जमीन खोदने का प्रयास न करें, ऐसा करने पर भी ब्लास्ट होता है.
  • अभियान के दौरान शरीर का विशेष जैकेट, चश्मा, हेलमेट पहनें.
  • आईइडी या विस्फोटक मिलने पर चारों तरफ से इसे बालू से घेर दें, ताकि विस्फोट होने पर प्रभाव को कम किया जा सके.

रांची: झारखंड के सरायकेला के तिरूलडीह स्थित साप्ताहिक हाट में पुलिस बलों पर हुए हमले और लगातार माओवादी गतिविधियों को लेकर पुलिस ने नई रणनीति बनाई है. राज्य पुलिस मुख्यालय से आईजी आशीष बत्रा ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी, एएसपी अभियान और सीआरपीएफ आईजी को पत्र भेजा है.

क्या है निर्देश
जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह बगैर सूचना ग्रामीण हाटबाजारों में गश्ती में न जाएं. गश्ती में जाने के पहले खुफिया सूचना जुटाएं. साथ ही अलग-अलग टीमों में गश्ती में जाएं, ताकि किसी तरह की वारदात होने पर पुलिस की बाकि टीमें मदद कर सकें. अभियान को अब पूरी तरह गुप्त रखने और अभियान में शामिल जवानों को अभियान में जाने के ठीक पहले जानकारी देने का आदेश दिया गया है. अभियान संबंधी सूचना पर किसी दूसरे स्टेशन को वायरलेस नहीं करने का आदेश भी दिया गया है. पुलिस को अलग-अलग कार्यप्रणाली लगाने का आदेश दिया गया है.

एक ही रास्ते का नहीं करना होगा इस्तेमाल
अभियान में लगे जवानों को आने- जाने के लिए एक ही मार्ग अपनाने पर पूरी तरह रोक लगायी गई है, ताकि उग्रवादी लौटने वाले मार्ग में आईइडी न लगा सकें. जवानों को पुलिस अधिकारियों के द्वारा यह ब्रीफ किया जाएगा कि छोटा विस्फोट होने पर ये न समझे कि उग्रवादियों ने एक ही माइंस लगाया होगा. उग्रवादी संगठनों ने हाल में श्रेणीबद्ध आईइडी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 26 मई को सरायकेला में श्रेणीबद्ध आईइडी धमाके उग्रवादियों ने किए थे. राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी क्लेमोर माइंस लगाने का अंदेशा जाहिर किया गया है.

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मोटरसाइकिल दस्ता पर नजर
पुलिस मुख्यालय ने जिलों के एसपी को नक्सलियों के मोटरसाइकिल दस्ता पर नजर रखने की हिदायत दी है. 14 जून के हमले को माओवादियों के मोटरसाइकिल दस्ते ने ही अंजाम दिया था. मोटरसाइकिल दस्ते के संबंध में सूचना जूटाने और अभियान चलाने का आदेश दिया गया है.

ये भी दी गई है सलाह

  • विशेषज्ञ न हों तो आईइडी को टच न करें.
  • अभियान के दौरान लैंड माइंस मिलने पर वहां आगे-पीछे निशान छोड़ें और इसकी जानकारी मुख्यालय को दें.
  • तार दिखने पर लैंड माइंस निकालने के लिए जमीन खोदने का प्रयास न करें, ऐसा करने पर भी ब्लास्ट होता है.
  • अभियान के दौरान शरीर का विशेष जैकेट, चश्मा, हेलमेट पहनें.
  • आईइडी या विस्फोटक मिलने पर चारों तरफ से इसे बालू से घेर दें, ताकि विस्फोट होने पर प्रभाव को कम किया जा सके.
Intro:नक्सलियो के जाल में नही फसेंगी पुलिस , मुख्यालय ने बनाई नई रणनीति


रांची।

झारखंड के सरायकेला के तिरूलडीह स्थित साप्ताहिक हाट में पुलिस बलों पर हुए हमले और लगातार माओवादी गतिविधियों को लेकर पुलिस ने नई रणनीति बनायी है। राज्य पुलिस मुख्यालय से आईजी आशीष बत्रा ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी, एएसपी अभियान व सीआरपीएफ आईजी को इस संबंध में पत्र भेजा है।

क्या है निर्देश

जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह बगैर सूचना ग्रामीण हाटबाजारों में गश्ती में न जाएं। गश्ती में जाने के पहले खुफिया सूचना जुटाएं साथ ही अलग अलग टीमों में गश्ती में जाएं, ताकि किसी तरह की वारदात होने पर पुलिस की बाकि टीमें मदद कर सके। अभियान को अब पूरी तरह गुप्त रखने और अभियान में शामिल जवानों को अभियान में जाने के ठीक पहले जानकारी देने का आदेश दिया गया है। अभियान संबंधी सूचना पर किसी दूसरे स्टेशन को वायरलेस नहीं करने का आदेश भी दिया गया है। पुलिस को अलग अलग कार्यप्रणाली लगाने का आदेश दिया गया है।

एक ही रास्ते का नहीं करना होगा इस्तेमाल

अभियान में लगे जवानों को आने- जाने के लिए एक ही मार्ग अपनाने पर पूरी तरह रोक लगायी गई है ताकि उग्रवादी लौटने वाले मार्ग में आईइडी न लगा सकें। जवानों को पुलिस अधिकारियों के द्वारा यह ब्रीफ किया जाएगा कि छोटा विस्फोट होने पर ये न समझे कि उग्रवादियों ने एक ही माइंस लगाया होगा। उग्रवादी संगठनों ने हाल में श्रेणीबद्ध आईइडी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। 26 मई को सरायकेला में श्रेणीबद्ध आईइडी धमाके उग्रवादियों ने किए थे। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी क्लेमोर माइंस लगाने का अंदेशा जाहिर किया गया है।

मोटरसाइकिल दस्ता पर नजर

पुलिस मुख्यालय ने जिलों के एसपी को नक्सलियों के मोटरसाइकिल दस्ता पर नजर रखने की हिदायत दी है। 14 जून के हमले को माओवादियों के मोटरसाइकिल दस्ते ने ही अंजाम दिया था। मोटरसाइकिल दस्ते के संबंध में सूचना जूटाने व अभियान चलाने का आदेश दिया गया है।

ये भी दी गई है सलाह
- विशेषज्ञ न हों तो आईइडी को न छूएं
- अभियान के दौरान लैंड माइंस मिलने पर वहां आगे - पीछे निशान छोड़े व इसकी जानकारी मुख्यालय को दें।
- तार दिखने पर लैंड माइंस निकालने के लिए जमीन खोदने का प्रयास न करें, ऐसा करने पर भी ब्लास्ट होता है।
- अभियान के दौरान शरीर का विशेष जैकेट, चश्मा, हेलमेट पहनें।
- आईइडी या बिस्फोटक मिलने पर चारों तरफ से इसे बालू से घेर दें, ताकि बिस्फोट होने पर प्रभाव को कम किया जा सके।Body:2Conclusion:3
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