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परिवहन सचिव केके सोन को झटका, झारखंड हाई कोर्ट ने सैलरी रोकने का दिया आदेश

झारखंड हाई कोर्ट ने परिवहन सचिव केके सोन के वेतन पर रोक (Order Withholding Salary) लगाने का आदेश दिया है. बता दें कि हाई कोर्ट ने विभाग के रिटायर्ड कर्मियों की याचिका पर फैसला दिया. लेकिन विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की गई है.

Jharkhand High Court
परिवहन सचिव केके सोन को झटका
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Published : Sep 23, 2022, 4:43 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने परिवहन सचिव केके सोन की सैलरी रोकने का आदेश (Order Withholding Salary) दिया है. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने अवमानना मामले में सैलरी रोकने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट का यह आदेश राज्य ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन भगुतान मामले में आया है.

यह भी पढ़ेंः आयुष्मान योजना का भुगतान नहीं होने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, पीआईएल दायर

अलग राज्य बनने के बाद कैडर विभाजन में ट्रांसपोर्ट कर्मियों का झारखंड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में समायोजन हुआ था. लेकिन रिटायर होने पर विभाग ने एकीकृत बिहार में दी गई सेवा अवधि को नहीं जोड़ा. इसी पर पूर्व में हाई कोर्ट ने पुरानी अवधि को जोड़कर पेंशन भुगतान करने का आदेश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया था. इसपर राज्य सरकार की ओर से अपील याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट का आदेश पूरा नहीं होने पर कर्मियों ने अवमानना याचिका दाखिल किया था, इसपर सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव ने कोर्ट में उपस्थित होकर अंडरटेकिंग दिया था कि आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा. इसके बावजूद कर्मियों को लाभ नहीं दिया गया.

इसी के विरोध में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी. शुक्रवार को सुनवाई हुई. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण और सरकार की ओर अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने परिवहन सचिव केके सोन की सैलरी पर रोक लगाने का आदेश देते हुए स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन होने के बाद ही उनकी सैलरी रिलीज की जाए.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने परिवहन सचिव केके सोन की सैलरी रोकने का आदेश (Order Withholding Salary) दिया है. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने अवमानना मामले में सैलरी रोकने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट का यह आदेश राज्य ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन भगुतान मामले में आया है.

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अलग राज्य बनने के बाद कैडर विभाजन में ट्रांसपोर्ट कर्मियों का झारखंड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में समायोजन हुआ था. लेकिन रिटायर होने पर विभाग ने एकीकृत बिहार में दी गई सेवा अवधि को नहीं जोड़ा. इसी पर पूर्व में हाई कोर्ट ने पुरानी अवधि को जोड़कर पेंशन भुगतान करने का आदेश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया था. इसपर राज्य सरकार की ओर से अपील याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट का आदेश पूरा नहीं होने पर कर्मियों ने अवमानना याचिका दाखिल किया था, इसपर सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव ने कोर्ट में उपस्थित होकर अंडरटेकिंग दिया था कि आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा. इसके बावजूद कर्मियों को लाभ नहीं दिया गया.

इसी के विरोध में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी. शुक्रवार को सुनवाई हुई. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण और सरकार की ओर अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने परिवहन सचिव केके सोन की सैलरी पर रोक लगाने का आदेश देते हुए स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन होने के बाद ही उनकी सैलरी रिलीज की जाए.

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