रांचीः यौन शोषण के आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सुनील तिवारी को दो शर्तों पर जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई.
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जिन दो शर्तों पर जमानत मिली है, उसमें पहली शर्त यह है कि जेल से निकलने के बाद वह अगले छह माह तक झारखंड राज्य में नहीं प्रवेश करेंगे. दूसरी शर्त यह है कि वह अपना मोबाइल नंबर नहीं बदलेंगे. जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने निर्देश में यह भी कहा है कि सुनवाई के दौरान अगर जरूरत पड़ी तभी झारखंड आ सकते हैं.
पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि मामला चुकि एससी-एसटी एक्ट से जुड़ा हुआ है, इसीलिए इस मामले में पीड़ित के पक्ष को जाने बगैर जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है. इसलिए पीड़ित पक्ष को भी सुना जाना आवश्यक है. अदालत ने इस बिंदु पर भी सुनवाई की. सभी पक्षों को सुना उसके उपरांत उन्होंने सशर्त जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया
खूंटी की रहने वाली एक युवती ने सुनील तिवारी के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया है. पिछले दिनों सुनील तिवारी की पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने पूरे घटनाक्रम को राजनीति से प्रेरित साजिश करारा दिया था.