रांचीः Patna Ranchi NH में कोडरमा से रजौली एनएच की लचर स्थिति को दुरुस्त करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार सरकार और झारखंड सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश किया गया. बिहार सरकार के जवाब पर अदालत ने संतुष्टि जताई, वहीं झारखंड सरकार के जवाब पर काफी नाराजगी व्यक्त की. झारखंड सरकार के वन विभाग के सचिव को अदालत में 20 दिसंबर सोमवार को 10:30 बजे हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है.
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Jharkhand High Court के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान NHAI की ओर से जानकारी दी गयी कि कोडरमा से रजौली तक जो सड़क की मरम्मत का काम लगभग पूरा कर लिया गया है, वो 31 दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगा. इसको लेकर बिहार सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि Bihar State Wildlife Board की बैठक 28 दिसंबर को होगी. एनएच के निर्माण से संबंधित कठिनाइयों को दूर कर लिया जाएगा. अदालत ने उनके जवाब पर अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए उन्हें प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा.
इस मामले में झारखंड सरकार की ओर से बताया गया कि Jharkhand State Wildlife Board के 2 सदस्य का पद खाली है. इसलिए कमिटी की बैठक नहीं हो पा रही है. जिस पर अदालत ने पूछा कि यह कब से खाली है. इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि अगस्त माह से खाली है. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी अदालत में आकर कहते हैं कि शीघ्र काम पूरा कर लेंगे लेकिन कुछ भी काम नहीं हो पाता है. अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिर क्यों ऐसा होता है, क्यों नहीं कमिटी के सदस्यों का पद भरा गया. इसके लिए क्या कुछ किया गया. कोर्ट के पूछे गए सवालों पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. इस पर अदालत ने सचिव को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देने का आदेश दिया है.
पटना रांची एनएच में कोडरमा से लेकर रजौली तक की सड़क की लचर स्थिति को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया गया था. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.