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झारखंड सरकार गिराने का साजिश मामला: रांची पुलिस की पूछताछ में आया सिर्फ 3 विधायकों का नाम, बनाया जा सकता है आरोपी

झारखंड सरकार गिराने की साजिश में जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनसे रांची पुलिस (Ranchi Police) पूछताछ कर रही है. इस पूछताछ में आरोपियों ने सिर्फ तीन विधायकों का नाम ही बताया है. अब ऐसे में सामने आए तथ्यों के आधार पर 15 जुलाई को दिल्ली जाने वाले तीन विधायकों का आरोपी बनना तय माना जा रहा है.

Jharkhand government topple case
सरकार गिराने की साजिश
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Published : Aug 6, 2021, 10:58 PM IST

रांची: झारखंड में सरकार गिराने की साजिश (Conspiracy to topple the government in Jharkhand) और विधायकों की तथाकथित खरीद-फरोख्त के मामले में रांची पुलिस ने आरोपियों से डिमांड पर दूसरे दिन पूछताछ की. शुक्रवार को कोतवाली थाने में आरोपी अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण कुमार महतो से सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने पूछताछ की.

सिर्फ तीन विधायकों का लिया नाम
पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने सिर्फ तीन विधायकों का ही नाम लिया. तीन के अलावा किसी अन्य विधायक की भूमिका को लेकर इनकार किया है. आरोपियों के मुताबिक, किसी अन्य विधायक से उनका संपर्क नहीं था. आरोपियों ने पूछताछ में अपने पूर्व की स्विकारोकोक्ति बयान का ही समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र के नेताओं से अपने संपर्क की बात भी कबूली है.

ये भी पढ़ें: Conspiracy to Topple Jharkhand Government: विधायक इरफान ने खुद को बताया बेदाग


विधायकों का आरोपी बनना तय
रिमांड पर पूछताछ के बाद कि स्विकारोकोक्ति और जांच में अब तक आए तथ्यों के आधार पर 15 जुलाई को दिल्ली जाने वाले तीन विधायकों का आरोपी बनना तय है. केस डायरी में नाम सामने आने के बाद पुलिस तीनों विधायकों को 41 सीआरपीसी के तहत नोटिस देगी. महाराष्ट्र के नेताओं को भी नोटिस भेजकर पक्ष मांगा जाएगा.

विधायकों को मनाने लौटे थे तीनों आरोपित
पूछताछ में तीनों आरोपितों ने यह भी बताया है कि तीन विधायक जब दिल्ली गए थे और वहां महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं के साथ बैठक हुई थी. इस दौरान 1 करोड़ रुपये एडवांस में देने की बात पर नाराज होकर सभी वापस लौट आए थे. उनके लौटने के बाद आरोपित वापस रांची उन्हें मनाने के लिए आए थे. इस मामले में रिमांड के नाम पर खानापूर्ति की नजर आ रही है जो कि तीनों आरोपितों को 48 घंटे की रिमांड पर लाया गया है. बीते गुरुवार की दोपहर 3:00 बजे से लेकर शनिवार की दोपहर 3:00 बजे तक रिमांड अवधि है. शनिवार को दोनों वापस जेल भेज दिए जाएंगे. लेकिन इससे पहले ज्यादातर ये आरोपित हाजत में ही बंद रहे.

पुलिस की चुप्पी कायम, अनुसंधान भी धीमी
इस मामले में रांची पुलिस की चुप्पी अब भी कायम है. जबकि अनुसंधान की गति धीमी है. इस केस में कई तरह के सुराग पुलिस को मिले हैं. साजिश रचने में कई नाम सामने आए हैं. बावजूद उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा गया. न ही पूछताछ की गई. पकड़े गए तीनों आरोपितों ने अपने बयान में कई नामों का खुलासा किया था. इनमें महाराष्ट्र के भाजपा नेता, दो पत्रकारों सहित कई नाम सामने आए हैं. जिन्हें पुलिस ने अबतक सीआरपीसी 41 के तहत कोई नोटिस भी नहीं भेजा है.



ये भी पढ़ें: सरकार गिराने की कोशिश करना कोई अपराध नहीं: सरयू राय

22 जुलाई को हुई थी छापेमारी
सरकार गिराने की साजिश के मामले में पुलिस की टीम ने होटल लीलैक में बीते 22 जुलाई को छापेमारी की थी. कमरा नंबर 310 से चार सूटकेस, दो लाख रुपये नकद, कई हवाई टिकट, कई मोबाइल फोन के साथ साथ कई कागजात जब्त किए थे. इस मामले में बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह के बयान पर कोतवाली थाने में राजद्रोह और साजिश के मामले में केस दर्ज किया गया है. मामले में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद को जेल भेजा गया है.

विधायक जी के नामों का नहीं किया जा रहा खुलासा
मामले में जेल भेजे गए अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद के स्वीकारोक्ति बयान में साजिशकर्ताओं के संपर्क में रहने वाले विधायकों के नाम का उल्लेख किया गया है, लेकिन आरोपितों के द्वारा नाम बताने के बावजूद बयान में केवल विधायक जी लिखा गया है. स्वीकारोक्ति बयान में लिखा गया है कि गाड़ी, किस होटल में बैठक हुई. बावजूद विधायकों के नाम स्वीकारोक्ति बयान से गायब हैं.

रांची: झारखंड में सरकार गिराने की साजिश (Conspiracy to topple the government in Jharkhand) और विधायकों की तथाकथित खरीद-फरोख्त के मामले में रांची पुलिस ने आरोपियों से डिमांड पर दूसरे दिन पूछताछ की. शुक्रवार को कोतवाली थाने में आरोपी अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण कुमार महतो से सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने पूछताछ की.

सिर्फ तीन विधायकों का लिया नाम
पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने सिर्फ तीन विधायकों का ही नाम लिया. तीन के अलावा किसी अन्य विधायक की भूमिका को लेकर इनकार किया है. आरोपियों के मुताबिक, किसी अन्य विधायक से उनका संपर्क नहीं था. आरोपियों ने पूछताछ में अपने पूर्व की स्विकारोकोक्ति बयान का ही समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र के नेताओं से अपने संपर्क की बात भी कबूली है.

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विधायकों का आरोपी बनना तय
रिमांड पर पूछताछ के बाद कि स्विकारोकोक्ति और जांच में अब तक आए तथ्यों के आधार पर 15 जुलाई को दिल्ली जाने वाले तीन विधायकों का आरोपी बनना तय है. केस डायरी में नाम सामने आने के बाद पुलिस तीनों विधायकों को 41 सीआरपीसी के तहत नोटिस देगी. महाराष्ट्र के नेताओं को भी नोटिस भेजकर पक्ष मांगा जाएगा.

विधायकों को मनाने लौटे थे तीनों आरोपित
पूछताछ में तीनों आरोपितों ने यह भी बताया है कि तीन विधायक जब दिल्ली गए थे और वहां महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं के साथ बैठक हुई थी. इस दौरान 1 करोड़ रुपये एडवांस में देने की बात पर नाराज होकर सभी वापस लौट आए थे. उनके लौटने के बाद आरोपित वापस रांची उन्हें मनाने के लिए आए थे. इस मामले में रिमांड के नाम पर खानापूर्ति की नजर आ रही है जो कि तीनों आरोपितों को 48 घंटे की रिमांड पर लाया गया है. बीते गुरुवार की दोपहर 3:00 बजे से लेकर शनिवार की दोपहर 3:00 बजे तक रिमांड अवधि है. शनिवार को दोनों वापस जेल भेज दिए जाएंगे. लेकिन इससे पहले ज्यादातर ये आरोपित हाजत में ही बंद रहे.

पुलिस की चुप्पी कायम, अनुसंधान भी धीमी
इस मामले में रांची पुलिस की चुप्पी अब भी कायम है. जबकि अनुसंधान की गति धीमी है. इस केस में कई तरह के सुराग पुलिस को मिले हैं. साजिश रचने में कई नाम सामने आए हैं. बावजूद उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा गया. न ही पूछताछ की गई. पकड़े गए तीनों आरोपितों ने अपने बयान में कई नामों का खुलासा किया था. इनमें महाराष्ट्र के भाजपा नेता, दो पत्रकारों सहित कई नाम सामने आए हैं. जिन्हें पुलिस ने अबतक सीआरपीसी 41 के तहत कोई नोटिस भी नहीं भेजा है.



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22 जुलाई को हुई थी छापेमारी
सरकार गिराने की साजिश के मामले में पुलिस की टीम ने होटल लीलैक में बीते 22 जुलाई को छापेमारी की थी. कमरा नंबर 310 से चार सूटकेस, दो लाख रुपये नकद, कई हवाई टिकट, कई मोबाइल फोन के साथ साथ कई कागजात जब्त किए थे. इस मामले में बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह के बयान पर कोतवाली थाने में राजद्रोह और साजिश के मामले में केस दर्ज किया गया है. मामले में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद को जेल भेजा गया है.

विधायक जी के नामों का नहीं किया जा रहा खुलासा
मामले में जेल भेजे गए अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद के स्वीकारोक्ति बयान में साजिशकर्ताओं के संपर्क में रहने वाले विधायकों के नाम का उल्लेख किया गया है, लेकिन आरोपितों के द्वारा नाम बताने के बावजूद बयान में केवल विधायक जी लिखा गया है. स्वीकारोक्ति बयान में लिखा गया है कि गाड़ी, किस होटल में बैठक हुई. बावजूद विधायकों के नाम स्वीकारोक्ति बयान से गायब हैं.

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