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झारखंड सरकार की SC में याचिका दायर करने की तैयारी पूरी, शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट को देगी चुनौती

झारखंड सरकार की नियोजन नीति को रद्द करने वाली झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी. इसके लिए झारखंड सरकार ने सभी प्रक्रिया पूरी कर ली है.

supreme court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 28, 2020, 7:14 PM IST

रांची: झारखंड सरकार की नियोजन नीति को रद्द करने वाली झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की सभी प्रक्रिया पूर्ण कर ली है, जल्द ही याचिका दायर कर दी जाएगी. सरकार ने हाई कोर्ट का आदेश रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी, महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने याचिका दायर करने की अनुमति प्रदान कर दी है. झारखंड हाई कोर्ट की तीन जज की बेंच ने 21 सितंबर को सोनी कुमारी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की इस नीति को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. वहीं, अदालत ने गैर-अनुसूचित जिलों में हुई नियुक्ति में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अनुसूचित जिलों के शिक्षकों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और अन्य सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए 4 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़े- कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल ने चलाया जनसंपर्क अभियान, पिता के अधूरे कामों को पूरा करने का किया वादा

सोनी कुमारी की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने साल 2016 में एक नियोजन नीति बनायी है. इसमें अनुसूचित जिलों में तीसरा और चौथा वर्ग की नौकरी इसी जिला के स्थायी निवासियों के लिए ही रखा है. गैर-अनुसूचित जिला के लोग इन जिलों की नौकरियों में आवेदन देने योग्य नहीं है. सरकार ने 10 साल के लिए यह प्रावधान किया है. सोनी कुमारी ने सरकार के इस निर्णय के असंवैधानिक करार देने का आग्रह किया था और कहा था कि सरकार के इस प्रावधान से एक जिले की शत-प्रतिशत नौकरी उसी जिले के लोगों के लिए आरक्षित हो जा रही है. यह भी संविधान के प्रावधान के विपरीत है.

रांची: झारखंड सरकार की नियोजन नीति को रद्द करने वाली झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की सभी प्रक्रिया पूर्ण कर ली है, जल्द ही याचिका दायर कर दी जाएगी. सरकार ने हाई कोर्ट का आदेश रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी, महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने याचिका दायर करने की अनुमति प्रदान कर दी है. झारखंड हाई कोर्ट की तीन जज की बेंच ने 21 सितंबर को सोनी कुमारी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की इस नीति को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. वहीं, अदालत ने गैर-अनुसूचित जिलों में हुई नियुक्ति में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अनुसूचित जिलों के शिक्षकों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और अन्य सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए 4 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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सोनी कुमारी की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने साल 2016 में एक नियोजन नीति बनायी है. इसमें अनुसूचित जिलों में तीसरा और चौथा वर्ग की नौकरी इसी जिला के स्थायी निवासियों के लिए ही रखा है. गैर-अनुसूचित जिला के लोग इन जिलों की नौकरियों में आवेदन देने योग्य नहीं है. सरकार ने 10 साल के लिए यह प्रावधान किया है. सोनी कुमारी ने सरकार के इस निर्णय के असंवैधानिक करार देने का आग्रह किया था और कहा था कि सरकार के इस प्रावधान से एक जिले की शत-प्रतिशत नौकरी उसी जिले के लोगों के लिए आरक्षित हो जा रही है. यह भी संविधान के प्रावधान के विपरीत है.

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