रांची: झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अनलॉक वन को लेकर राज्य सरकार विचार विमर्श कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के गाइडलाइन को फॉलो करेगी. उस हिसाब से धीरे-धीरे चीजें अनलॉक की जाएंगी. उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को संतुलन बनाना पड़ेगा. उन्होंने कहा की किस इलाके में पाबंदी लगाई जाए और किन इलाकों में पाबंदी हटाई जाए इस पर गंभीरता से विचार करना होगा.
रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री अधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि सोमवार की शाम तक इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी.
केंद्र की भी हो रही आलोचना लेकिन लेना होगा निर्णय
रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस बात को लेकर आलोचना केंद्र सरकार की भी हो रही है कि एक तरफ पॉजिटिव मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन में ढील दी जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खोलना समय की मांग हो गई है. इसलिए इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि जीविका का क्षेत्र पहले से निर्धारित हैं. इसको लेकर कृषि और निर्माण के क्षेत्र पर फोकस है. उन्होंने कहा कि ये ऐसे इलाके हैं जहां सोशल डिस्टेंस के तहत काम किया जा सकेगा.
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टाइम और नंबर का रखा जाए ख्याल
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ानी होगी. दो चीज का एकदम ध्यान रखना होगा. एक है टाइम और दूसरा है नंबर. उन्होंने कहा कि हर प्रतिष्ठान को यह तय करना होगा कि वह कब से कब तक खुले और वहां कितने लोग काम करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर इस पर नियंत्रण हो पाएगा तो अनलॉक होना चाहिए. क्योंकि यह बहुत जरूरी है.
सीएम ने किया ट्वीट
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि लोग घरों से बिना मास्क के बाहर नहीं निकलें. साथ ही सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन रखें. उन्होंने कहा कि घर के बुजुर्ग का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने इशारा किया है कि लॉकडाउन में ढील है लेकिन एहतियातों में किसी तरह की कोई छूट नहीं है.