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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: कौन बन सकता है विधायक, क्या होनी चाहिए योग्यता - Jago Voter Jago

राज्यों में विधानसभा चुनाव के जरिए विधायक चुने जाते हैं. जिन राज्यों में विधान परिषद है, वहां सदस्यों को मनोनीत किया जाता है. विधायक बनने के लिए योग्यता और प्रक्रिया को आसान शब्दों में वीडियो के जरिए समझा सकता है. इसके लिए वीडियो पर क्लिक करें.

Jharkhand Assembly Elections 2019
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Published : Oct 29, 2019, 7:03 AM IST

रांचीः कभी कभी आपके मन में भी ख्याल आता होगा कि काश आप भी विधायक होते. ये ख्याल सच भी हो सकता है. कौन विधायक बन सकता है, क्या योग्यता होनी चाहिए और क्या प्रक्रिया होगी, ये तमाम जानकारी हम आपको बेहद आसान शब्दों में समझाते हैं.

वीडियो में देखिए पूरी जानकारी

राज्यों में विधानसभा चुनाव के जरिए विधायक चुने जाते हैं. इसके लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है. उसकी उम्र कम से कम 25 साल होनी चाहिए और जिस राज्य से चुनाव लड़ना चाहते हों, उस राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए. अहम बात ये भी है कि उम्मीदवार को किसी भी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए और उसका मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी है. ये तो हुई विधायक का चुनाव लड़ने के लिए योग्यता की बात.

कौन बन सकता है विधायक

  • उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है
  • उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए
  • राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए
  • किसी भी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए
  • मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है

ये भी पढ़ें-झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: आसान शब्दों में समझें चुनाव की आदर्श आचार संहिता

कैसे चुने जाते हैं विधायक
जनसंख्या के आधार पर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का विभाजन किया जाता है. जैसे झारखंड में 81 विधानसभा क्षेत्र हैं. एक क्षेत्र से एक विधायक चुने जाते हैं लेकिन एक निर्वाचन क्षेत्र से कई लोग उम्मीदवार हो सकते हैं. उम्मीदवार किसी राजनीतिक दल से संबद्ध हो सकते हैं और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ सकते हैं. इन्हें चुनाव आयोग द्वारा तय तारीख तक नामांकन पत्र भरकर जमा करना होता है और इसके लिए प्रतिभूति राशि जमा करानी होती है. सामान्य वर्ग के लिए प्रतिभूति राशि 10 हजार रुपए है. नामांकन और चुनाव प्रचार के बाद मतदान के दिन क्षेत्र के वोटर अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करते हैं. इसके बाद शुरू होती है वोटों की गिनती. सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होता है और वह क्षेत्र का विधायक कहलाता है. विधायक का चुनाव आमतौर पर 5 वर्षों के लिए होता है लेकिन विधानसभा में किसी दल या गठबंधन को बहुमत न होने पर राष्ट्रपति शासन और 6 महीने के अंदर फिर से चुनाव करवाने का प्रावधान है.

  • जनसंख्या के आधार पर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का बंटवारा
  • एक निर्वाचन क्षेत्र से कई लोग उम्मीदवार हो सकते हैं
  • उम्मीदवार का किसी राजनीतिक दल से होना जरूरी नहीं
  • स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ा जा सकता है
  • नामांकन के समय आवेदक को प्रतिभूति राशि जमा करानी होगी
  • सामान्य वर्ग के लिए प्रतिभूति राशि 10 हजार रुपए
  • निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे
  • सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होगा
  • उम्मीदवार को चुनाव खर्च की जानकारी 30 दिन के अंदर आयोग को देनी होगी
  • विधायक का चुनाव आमतौर पर 5 वर्षों के लिए होता है
  • विधानसभा में बहुमत न होने पर राष्ट्रपति शासन और 6 महीने के अंदर फिर चुनाव

विधायक के ऊपर अपने क्षेत्र की बड़ी जिम्मेदारी होती है. वे अपने क्षेत्र की समस्याओं से विधानसभा सदस्यों को रूबरू कराते हैं. इसके साथ ही सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाते हैं. क्षेत्र के विकास और जनता की समस्याओं के निवारण में विधायकों की अहम भूमिका होती है. इसलिए हमेशा सोच समझकर सही उम्मीदवार को मतदान करना चाहिए.

रांचीः कभी कभी आपके मन में भी ख्याल आता होगा कि काश आप भी विधायक होते. ये ख्याल सच भी हो सकता है. कौन विधायक बन सकता है, क्या योग्यता होनी चाहिए और क्या प्रक्रिया होगी, ये तमाम जानकारी हम आपको बेहद आसान शब्दों में समझाते हैं.

वीडियो में देखिए पूरी जानकारी

राज्यों में विधानसभा चुनाव के जरिए विधायक चुने जाते हैं. इसके लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है. उसकी उम्र कम से कम 25 साल होनी चाहिए और जिस राज्य से चुनाव लड़ना चाहते हों, उस राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए. अहम बात ये भी है कि उम्मीदवार को किसी भी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए और उसका मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी है. ये तो हुई विधायक का चुनाव लड़ने के लिए योग्यता की बात.

कौन बन सकता है विधायक

  • उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है
  • उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए
  • राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए
  • किसी भी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए
  • मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है

ये भी पढ़ें-झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: आसान शब्दों में समझें चुनाव की आदर्श आचार संहिता

कैसे चुने जाते हैं विधायक
जनसंख्या के आधार पर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का विभाजन किया जाता है. जैसे झारखंड में 81 विधानसभा क्षेत्र हैं. एक क्षेत्र से एक विधायक चुने जाते हैं लेकिन एक निर्वाचन क्षेत्र से कई लोग उम्मीदवार हो सकते हैं. उम्मीदवार किसी राजनीतिक दल से संबद्ध हो सकते हैं और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ सकते हैं. इन्हें चुनाव आयोग द्वारा तय तारीख तक नामांकन पत्र भरकर जमा करना होता है और इसके लिए प्रतिभूति राशि जमा करानी होती है. सामान्य वर्ग के लिए प्रतिभूति राशि 10 हजार रुपए है. नामांकन और चुनाव प्रचार के बाद मतदान के दिन क्षेत्र के वोटर अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करते हैं. इसके बाद शुरू होती है वोटों की गिनती. सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होता है और वह क्षेत्र का विधायक कहलाता है. विधायक का चुनाव आमतौर पर 5 वर्षों के लिए होता है लेकिन विधानसभा में किसी दल या गठबंधन को बहुमत न होने पर राष्ट्रपति शासन और 6 महीने के अंदर फिर से चुनाव करवाने का प्रावधान है.

  • जनसंख्या के आधार पर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का बंटवारा
  • एक निर्वाचन क्षेत्र से कई लोग उम्मीदवार हो सकते हैं
  • उम्मीदवार का किसी राजनीतिक दल से होना जरूरी नहीं
  • स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ा जा सकता है
  • नामांकन के समय आवेदक को प्रतिभूति राशि जमा करानी होगी
  • सामान्य वर्ग के लिए प्रतिभूति राशि 10 हजार रुपए
  • निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे
  • सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होगा
  • उम्मीदवार को चुनाव खर्च की जानकारी 30 दिन के अंदर आयोग को देनी होगी
  • विधायक का चुनाव आमतौर पर 5 वर्षों के लिए होता है
  • विधानसभा में बहुमत न होने पर राष्ट्रपति शासन और 6 महीने के अंदर फिर चुनाव

विधायक के ऊपर अपने क्षेत्र की बड़ी जिम्मेदारी होती है. वे अपने क्षेत्र की समस्याओं से विधानसभा सदस्यों को रूबरू कराते हैं. इसके साथ ही सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाते हैं. क्षेत्र के विकास और जनता की समस्याओं के निवारण में विधायकों की अहम भूमिका होती है. इसलिए हमेशा सोच समझकर सही उम्मीदवार को मतदान करना चाहिए.

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राज्यों में विधानसभा चुनाव के जरिए विधायक चुने जाते हैं. जिन राज्यों में विधान परिषद है, वहां सदस्यों को मनोनीत किया जाता है. विधायक बनने के लिए योग्यता और प्रक्रिया को आसान शब्दों में वीडियो के जरिए समझा सकता है. इसके लिए वीडियो पर क्लिक करें.



रांचीः कभी कभी आपके मन में भी ख्याल आता होगा कि काश आप भी विधायक होते. ये ख्याल सच भी हो सकता है. कौन विधायक बन सकता है, क्या योग्यता होनी चाहिए और क्या प्रक्रिया होगी, ये तमाम जानकारी हम आपको बेहद आसान शब्दों में समझाते हैं. 



राज्यों में विधानसभा चुनाव के जरिए विधायक चुने जाते हैं. इसके लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है. उसकी उम्र कम से कम 25 साल होनी चाहिए और जिस राज्य से चुनाव लड़ना चाहते हों, उस राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए. अहम बात ये भी है कि उम्मीदवार को किसी भी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए और उसका मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी है. ये तो हुई विधायक का चुनाव लड़ने के लिए योग्यता की बात. 



कौन बन सकता है विधायक

उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है 

उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए

राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए

किसी भी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए 

मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है



कैसे चुने जाते हैं विधायक

जनसंख्या के आधार पर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का विभाजन किया जाता है. जैसे झारखंड में 81 विधानसभा क्षेत्र हैं. एक क्षेत्र से एक विधायक चुने जाते हैं लेकिन एक निर्वाचन क्षेत्र से कई लोग उम्मीदवार हो सकते हैं. उम्मीदवार किसी राजनीतिक दल से संबद्ध हो सकते हैं और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ सकते हैं. इन्हें चुनाव आयोग द्वारा तय तारीख तक नामांकन पत्र भरकर जमा करना होता है और इसके लिए प्रतिभूति राशि जमा करानी होती है. सामान्य वर्ग के लिए प्रतिभूति राशि 10 हजार रुपए है. नामांकन और चुनाव प्रचार के बाद मतदान के दिन क्षेत्र के वोटर अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करते हैं. इसके बाद शुरू होती है वोटों की गिनती. सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होता है और वह क्षेत्र का विधायक कहलाता है. विधायक का चुनाव आमतौर पर 5 वर्षों के लिए होता है लेकिन विधानसभा में किसी दल या गठबंधन को बहुमत न होने पर राष्ट्रपति शासन और 6 महीने के अंदर फिर से चुनाव करवाने का प्रावधान है.



जनसंख्या के आधार पर राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का बंटवारा

एक निर्वाचन क्षेत्र से कई लोग उम्मीदवार हो सकते हैं

उम्मीदवार का किसी राजनीतिक दल से होना जरूरी नहीं

स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ा जा सकता है

नामांकन के समय आवेदक को प्रतिभूति राशि जमा करानी होगी

सामान्य वर्ग के लिए प्रतिभूति राशि 10 हजार रुपए 

निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे 

सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होगा

उम्मीदवार को चुनाव खर्च की जानकारी 30 दिन के अंदर आयोग को देनी होगी

विधायक का चुनाव आमतौर पर 5 वर्षों के लिए होता है

विधानसभा में बहुमत न होने पर राष्ट्रपति शासन और 6 महीने के अंदर फिर चुनाव



विधायक के ऊपर अपने क्षेत्र की बड़ी जिम्मेदारी होती है. वे अपने क्षेत्र की समस्याओं से विधानसभा सदस्यों को रूबरू कराते हैं. इसके साथ ही सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाते हैं. क्षेत्र के विकास और जनता की समस्याओं के निवारण में विधायकों की अहम भूमिका होती है. इसलिए हमेशा सोच समझकर सही उम्मीदवार को मतदान करना चाहिए.

 


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