रांची: प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के बाद नए विधायकों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम पुरानी असेंबली बिल्डिंग में होना है. इसके पीछे झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दावा किया है कि अभी तक नई इमारत सरकार को हैंड ओवर नहीं की गई है. पार्टी का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार ने हड़बड़ी में उसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवा दिया था.
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने बुधवार को कहा कि पता नहीं किस हड़बड़ में पिछली सरकार ने धुर्वा के कूटे में बनी नई असेंबली बिल्डिंग का उद्घाटन कर दिया. इतना ही नहीं गोविंदपुर साहिबगंज रोड का हड़बड़ी में लोकार्पण करा दिया गया. उन्होंने कहा कि इसको लेकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी आवाज उठाई थी. इसके साथ ही उनके निर्देश पर पार्टी विधायक और पार्टी ने जगह-जगह आंदोलन भी किया था.
पांडेय ने कहा कि उद्घाटन समारोह में न तो झामुमो के विधायक को बुलाया गया था और न ही पार्टी का कोई नेता शामिल हुआ था. उन्होंने कहा कि यह भी संभावना है कि भवन निर्माण विभाग ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी होगी. इस वजह से सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. उन्होंने साफ किया कि 6 से 8 जनवरी तक चलने वाला विधानसभा सत्र पुरानी बिल्डिंग में होगा. वहीं इस मामले पर बीजेपी ने किसी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.
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पीएम ने किया था उद्घाटन
विधानसभा की नई इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर को किया था. उसके अगले दिन 13 सितंबर को बाकायदा विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र भी आयोजित किया गया था. दरअसल, झारखंड विधानसभा की नई इमारत 465 करोड़ों रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई है. 39 एकड़ में बनकर तैयार हुई इस इमारत में 37 मीटर ऊंचा गुंबद है. इसके साथ ही जल और ऊर्जा संरक्षण की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. यह दावा किया जा रहा है कि देश की पहली पेपर लेस विधानसभा होगी.