ETV Bharat / city

दाल में मिली छिपकली मामले में 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन, कैंटीन में खामियों की रिपोर्ट सौंपने के आदेश - ranchi news

रांची रिम्स में कोरोना काल में काम कर रहे डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकलकर्मियों को रिम्स प्रबंधन की ओर से दिए जा रहे खाने में छिपकली मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसकी जांच के लिए चिकित्सा अधीक्षक ने 5 सदस्य जांच टीम का गठन किया है. साथ ही 24 घंटे में कैंटीन में खामियों की रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं.

Formation of 5 member investigation team
रिम्स रांची
author img

By

Published : May 20, 2021, 7:55 AM IST

Updated : May 20, 2021, 8:42 AM IST

रांची: रिम्स में इन दिनों कोरोना ड्यूटी कर रहे डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकलकर्मियों को तीन वक्त का भोजन दिया जा रहा है. यह खाना रिम्स के पेइंग वार्ड स्थित कैंटीन से रिम्स प्रबंधन की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है. मंगलवार को वेंटिलेटर टेकनीशियन प्रिया रिम्स के किचन से खाना लेकर कॉटेज नंबर छह में गईं. उन्होंने खाना खोला तो दाल में मरी हुई छिपकली देखा उसने तत्काल कैंटीन के प्रबंधक को सूचना दी. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसको लेकर चिकित्सा अधीक्षक ने 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-लापरवाही: खुले में फेंकी जा रही इस्तेमाल की गई PPE किट, संक्रमण का बढ़ा खतरा

डॉ. शालिनी सुंदरम बनी जांच कमेटी की अध्यक्ष

जांच कमेटी का अध्यक्ष डॉ. शालिनी सुंदरम को बनाया गया है. कमेटी को यह आदेश दिया गया है कि रिम्स कैंटीन का निरीक्षण कर वहां की खामियों पर अपना जांच प्रतिवेदन 24 घंटे के अंदर सौंपे. जांच कमेटी की सदस्य रामरेखा राय ने बताया कि मंगलवार को रिम्स कैंटीन से दिए गए खाने में छिपकली मिलने की जानकारी हुई, जिसके बाद उन्होंने सभी लोगों से पूछताछ की. खाने में छिपकली मिलने की टेकनीशियन की शिकायत के बाद रिम्स इमरजेंसी में उसकी जांच कराई गई थी. पिछले 1 साल से रिम्स पेइंग वार्ड के कैंटीन से लोगों को खाना दिया जा रहा है, लेकिन किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई है. पिछले साल कैंटीन के कई कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हुए बावजूद इसके कैंटीन संचालक ने बाहर से कर्मचारियों को बुलाकर डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल के स्टाफ को खाना खिलाया.

ये भी पढ़ें-बड़ी लापरवाही: कोरोना ड्यूटी में तैनात कर्मी के खाने में मिली छिपकली, स्वास्थ्य कर्मियों ने खाना खाने से किया इंकार

किचन के निरीक्षण में व्यवस्था ओके

वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव और जांच कमेटी के सदस्य डॉ. अनितेश गुप्ता ने बताया कि वे पिछले डेढ़ साल से कोविड ड्यूटी के दौरान इसी कैंटीन से खाना खा रहे हैं, किसी को भी कोई समस्या नहीं हुई है. जहां तक खाने में छिपकली मिलने की बात है तो यह साफ तौर से प्रतीत होता है कि खाना बनाने के दौरान दाल में छिपकली नहीं गई है. रिम्स कैंटीन पर आरोप लगाना सरासर गलत है. बतौर जांच कमेटी का सदस्य मैंने किचन का निरीक्षण किया है और यहां की व्यवस्था ठीक है.

यह है पूरा मामला

बता दें कि बीते मंगलवार को कोरोना ड्यूटी में तैनात एक कर्मी के खाने में छिपकली मिलने की शिकायत की थी. इसके बाद कैंटीन से खाना खाने वाले डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकल कर्मियों के होश उड़ गए. स्वास्थ्य कर्मियों ने कैंटीन का खाना खाने से साफ इंकार कर दिया था. अफसरों ने कैंटीन का निरीक्षण भी किया था. अब इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक ने कैंटीन की जांच कर खामियां बताने के लिए एक टीम गठित की है.

रांची: रिम्स में इन दिनों कोरोना ड्यूटी कर रहे डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकलकर्मियों को तीन वक्त का भोजन दिया जा रहा है. यह खाना रिम्स के पेइंग वार्ड स्थित कैंटीन से रिम्स प्रबंधन की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है. मंगलवार को वेंटिलेटर टेकनीशियन प्रिया रिम्स के किचन से खाना लेकर कॉटेज नंबर छह में गईं. उन्होंने खाना खोला तो दाल में मरी हुई छिपकली देखा उसने तत्काल कैंटीन के प्रबंधक को सूचना दी. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसको लेकर चिकित्सा अधीक्षक ने 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-लापरवाही: खुले में फेंकी जा रही इस्तेमाल की गई PPE किट, संक्रमण का बढ़ा खतरा

डॉ. शालिनी सुंदरम बनी जांच कमेटी की अध्यक्ष

जांच कमेटी का अध्यक्ष डॉ. शालिनी सुंदरम को बनाया गया है. कमेटी को यह आदेश दिया गया है कि रिम्स कैंटीन का निरीक्षण कर वहां की खामियों पर अपना जांच प्रतिवेदन 24 घंटे के अंदर सौंपे. जांच कमेटी की सदस्य रामरेखा राय ने बताया कि मंगलवार को रिम्स कैंटीन से दिए गए खाने में छिपकली मिलने की जानकारी हुई, जिसके बाद उन्होंने सभी लोगों से पूछताछ की. खाने में छिपकली मिलने की टेकनीशियन की शिकायत के बाद रिम्स इमरजेंसी में उसकी जांच कराई गई थी. पिछले 1 साल से रिम्स पेइंग वार्ड के कैंटीन से लोगों को खाना दिया जा रहा है, लेकिन किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई है. पिछले साल कैंटीन के कई कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हुए बावजूद इसके कैंटीन संचालक ने बाहर से कर्मचारियों को बुलाकर डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल के स्टाफ को खाना खिलाया.

ये भी पढ़ें-बड़ी लापरवाही: कोरोना ड्यूटी में तैनात कर्मी के खाने में मिली छिपकली, स्वास्थ्य कर्मियों ने खाना खाने से किया इंकार

किचन के निरीक्षण में व्यवस्था ओके

वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव और जांच कमेटी के सदस्य डॉ. अनितेश गुप्ता ने बताया कि वे पिछले डेढ़ साल से कोविड ड्यूटी के दौरान इसी कैंटीन से खाना खा रहे हैं, किसी को भी कोई समस्या नहीं हुई है. जहां तक खाने में छिपकली मिलने की बात है तो यह साफ तौर से प्रतीत होता है कि खाना बनाने के दौरान दाल में छिपकली नहीं गई है. रिम्स कैंटीन पर आरोप लगाना सरासर गलत है. बतौर जांच कमेटी का सदस्य मैंने किचन का निरीक्षण किया है और यहां की व्यवस्था ठीक है.

यह है पूरा मामला

बता दें कि बीते मंगलवार को कोरोना ड्यूटी में तैनात एक कर्मी के खाने में छिपकली मिलने की शिकायत की थी. इसके बाद कैंटीन से खाना खाने वाले डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकल कर्मियों के होश उड़ गए. स्वास्थ्य कर्मियों ने कैंटीन का खाना खाने से साफ इंकार कर दिया था. अफसरों ने कैंटीन का निरीक्षण भी किया था. अब इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक ने कैंटीन की जांच कर खामियां बताने के लिए एक टीम गठित की है.

Last Updated : May 20, 2021, 8:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.