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फादर स्टेन स्वामी के साथ हो रहा अमानवीय व्यवहार, विरोध में आज सड़क पर उतरेगा कैथोलिक समाज

झारखंड में फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का लगातार विरोध हो रहा है. आदिवासी संगठनों के बाद कैथोलिक समाज भी स्टेन के समर्थन में उतर आया है. रांची में शुक्रवार को मौन मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा. इसके बाद स्टेन स्वामी की रिहाई के लिए चर्च में कैंडल जलाकर प्रार्थना भी की जाएगी.

स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध
स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध
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Published : Oct 15, 2020, 6:33 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 12:16 PM IST

रांचीः महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए ने फादर स्टेन स्वामी को न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार किया है बल्कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार भी हो रहा है. यह आरोप है रांची के कैथोलिक समाज का. बिशप थ्योडोर मसकारेन्हास ने कहा है कि कल यानी 16 अक्टूबर को अपराहन 4 बजे अल्बर्ट एक्का चौक से कांटा टोली चौक तक मौन मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा. इसके बाद शाम 5.30 बजे लोयला मैदान में प्रार्थना सभा होगी. अगर प्रशासन की तरफ से अनुमति नहीं मिली तो शाम के वक्त कैथोलिक चर्च में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए 50 लोग फादर स्टेन स्वामी के लिए कैंडल जलाकर प्रार्थना करेंगे.

स्टेन स्वामी की रिहाई की मांग

बिशप थ्योडोर ने कहा कि 8 अक्टूबर को रात 8 बजे 83 साल के सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को एनआईए की टीम ने न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार किया बल्कि दूसरे ही दिन मुंबई ले जाकर जेल में भी डाल दिया. यह जानते हुए भी कि स्टेन स्वामी बुजुर्ग होने के साथ-साथ बीमार भी हैं, फिर भी उन्हें अन्य कैदियों के साथ भीड़ में रखा गया है. जहां उनको कोरोना संक्रमित होने का खतरा है. यह भी आरोप लगाया कि पहले दिन उन्हें न बेड दिया गया और ना ही चटाई. बाद में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय में बात की, तब जाकर उन्हें थोड़ी सहायता मिली.

स्टेन स्वामी के साथ अमानवीयता का आरोप

ये भी पढ़ें- भीमा कोरेगांव केस की चार्जशीट में स्टेन स्वामी माओवादी, झारखंड सरकार ने जताई आपत्ति

एक्सआईएसएस के निदेशक और रांची कैथोलिक कलीसिया के प्रवक्ता फादर मलियानुस ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी को एक साजिश के तहत भीमा कोरेगांव केस में फंसाया गया है. स्टेन सामाजिक कार्यकर्ता हैं और संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं. वह खुद गरीबों का जीवन जीते हैं. उन्होंने हमेशा गरीबों और दलितों के लिए आवाज उठाई है. वह सिर्फ संदिग्ध हैं दोषी नहीं.

कानून पर जताया भरोसा

फादर मलियानुस ने ये भी कहा कि स्टेन स्वामी तो एक मोहरा है. पूरी साजिश कास्ट, क्लास और आईडियोलॉजी के चश्मे से तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में जिस ईमेल को आधार बनाया जा रहा है,दरअसल वह टेंपर्ड है क्योंकि पूर्व में ही पुणे पुलिस की टीम रांची आई थी और स्टेन स्वामी से पूछताछ भी कर चुकी थी. उसी वक्त उनका लैपटॉप भी सीज कर लिया गया था. बाद में एनआईए ने इस केस को टेकओवर किया और साजिश के तहत उनको फंसाया. बिशप थ्योडोर ने कहा कि स्टेन स्वामी को न्याय दिलाने के लिए अच्छा से अच्छा वकील खड़ा किया जाएगा

रांचीः महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए ने फादर स्टेन स्वामी को न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार किया है बल्कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार भी हो रहा है. यह आरोप है रांची के कैथोलिक समाज का. बिशप थ्योडोर मसकारेन्हास ने कहा है कि कल यानी 16 अक्टूबर को अपराहन 4 बजे अल्बर्ट एक्का चौक से कांटा टोली चौक तक मौन मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा. इसके बाद शाम 5.30 बजे लोयला मैदान में प्रार्थना सभा होगी. अगर प्रशासन की तरफ से अनुमति नहीं मिली तो शाम के वक्त कैथोलिक चर्च में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए 50 लोग फादर स्टेन स्वामी के लिए कैंडल जलाकर प्रार्थना करेंगे.

स्टेन स्वामी की रिहाई की मांग

बिशप थ्योडोर ने कहा कि 8 अक्टूबर को रात 8 बजे 83 साल के सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को एनआईए की टीम ने न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार किया बल्कि दूसरे ही दिन मुंबई ले जाकर जेल में भी डाल दिया. यह जानते हुए भी कि स्टेन स्वामी बुजुर्ग होने के साथ-साथ बीमार भी हैं, फिर भी उन्हें अन्य कैदियों के साथ भीड़ में रखा गया है. जहां उनको कोरोना संक्रमित होने का खतरा है. यह भी आरोप लगाया कि पहले दिन उन्हें न बेड दिया गया और ना ही चटाई. बाद में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय में बात की, तब जाकर उन्हें थोड़ी सहायता मिली.

स्टेन स्वामी के साथ अमानवीयता का आरोप

ये भी पढ़ें- भीमा कोरेगांव केस की चार्जशीट में स्टेन स्वामी माओवादी, झारखंड सरकार ने जताई आपत्ति

एक्सआईएसएस के निदेशक और रांची कैथोलिक कलीसिया के प्रवक्ता फादर मलियानुस ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी को एक साजिश के तहत भीमा कोरेगांव केस में फंसाया गया है. स्टेन सामाजिक कार्यकर्ता हैं और संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं. वह खुद गरीबों का जीवन जीते हैं. उन्होंने हमेशा गरीबों और दलितों के लिए आवाज उठाई है. वह सिर्फ संदिग्ध हैं दोषी नहीं.

कानून पर जताया भरोसा

फादर मलियानुस ने ये भी कहा कि स्टेन स्वामी तो एक मोहरा है. पूरी साजिश कास्ट, क्लास और आईडियोलॉजी के चश्मे से तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में जिस ईमेल को आधार बनाया जा रहा है,दरअसल वह टेंपर्ड है क्योंकि पूर्व में ही पुणे पुलिस की टीम रांची आई थी और स्टेन स्वामी से पूछताछ भी कर चुकी थी. उसी वक्त उनका लैपटॉप भी सीज कर लिया गया था. बाद में एनआईए ने इस केस को टेकओवर किया और साजिश के तहत उनको फंसाया. बिशप थ्योडोर ने कहा कि स्टेन स्वामी को न्याय दिलाने के लिए अच्छा से अच्छा वकील खड़ा किया जाएगा

Last Updated : Oct 16, 2020, 12:16 PM IST
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