रांचीः झारखंड के 127 बीएड कॉलेज पर खतरा मंडराने लगा है. नई शिक्षा नीति के मुताबिक इन बीएड कॉलेजों को बंद होने से बचाने के लिए डिग्री कॉलेज में कन्वर्ट होना होगा. जिन कॉलेजों में सिर्फ 2 वर्ष के बीएड की पढ़ाई होती है, वहां 4 वर्षीय बीए बीएड, बीकॉम बीएड और बीएससी बीएड कोर्स की व्यवस्था करनी होगी या फिर डिग्री कॉलेजों की तरह कोर्स लागू करना होगा.
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नई शिक्षा नीति के अनुसार अब अलग से बीएड कॉलेज संचालित नहीं किए जा सकेंगे. अब तक स्नातक उत्तीर्ण होने के बाद 2 वर्ष का बीएड कोर्स होता था लेकिन नई शिक्षा नीति के मुताबिक इंटर पास के बाद इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स का प्रावधान लागू हो जाएगा. इसमें बीए, बीकॉम और बीएससी के साथ बीएड की पढ़ाई 4 वर्ष की होगी. इससे एक वर्ष की बचत भी हो जाएगी.
नई शिक्षा नीति की घोषणा होने के बाद इसे देशभर में लागू करने की तैयारी चल रही है. नई शिक्षा नीति के पेज संख्या 68-69 पर बीएड कॉलेज के प्रारूप में होने वाले बदलाव का जिक्र है. नई शिक्षा नीति की घोषणा के बाद कई बिंदुओं को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है. 3 भाषा फार्मूला हो या फीस स्ट्रक्चर या फिर पारा शिक्षकों का मामला, अब देखना है कि झारखंड सरकार इस पर क्या स्टैंड लेती है.