ETV Bharat / city

मानव तस्करों की गिरफ्त से मुक्ति, झारखंड की 10 बच्चियों समेत 12 को दिल्ली से कराया गया मुक्त - दिल्ली पुलिस

झारखंड में मानव तस्करी कम नहीं हो रही है. दिल्ली से पश्चिम सिंहभूम जिले की 10 बच्चियों, एक महिला और एक बच्चे को मानव तस्करों से मुक्त कराया गया है. ये बच्चियां पश्चिमी सिंहभूम जिले की हैं. इन बच्चियों में एक डेढ़ वर्ष की बच्ची भी शामिल है.

human trafficking in jharkhand
human trafficking in jharkhand
author img

By

Published : Aug 12, 2022, 8:04 PM IST

रांची: झारखंड में मानव तस्करी (human trafficking in jharkhand) का दंश खत्म नहीं हो रहा है. ताजा मामले में पश्चिम सिंहभूम जिले की 10 बच्चियों, एक महिला और सिमडेगा जिला के एक बालक को दिल्ली में मुक्त कराया गया है. इनमें एक डेढ़ वर्ष की बच्ची भी शामिल है. एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र नई दिल्ली (Integrated Rehabilitation Resource Center New Delhi) की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि एक बच्ची की मां को दिल्ली लाया गया था. उस समय वह गर्भवती थी. किसी कारणवश वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गई थी. इसी अवस्था में उसने दिल्ली में बच्ची को जन्म दिया. जन्म के बाद वह अपने बच्चे को पहचान भी नहीं पा रही थी.

ये भी पढ़ें: साहिबगंज में दो मानव तस्कर गिरफ्तार, लड़कियों को ले जा रहे थे तमिलनाडु

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने महिला को शॉर्ट स्टे होम में और बच्ची को बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) को सुपुर्द कर दिया. जहां बच्ची वेलफेयर होम में रह रही थी. मां के इलाज के लगभग 1 साल बाद उसने अपनी बच्ची से मिलने की इच्छा जाहिर की. पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन के सहयोग से बच्ची को उसकी मां से मिलवाया गया. अब एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की टीम के साथ मां और उसकी बच्ची को झारखंड भेजा जा रहा है. मुक्त कराए गए बच्चों में एक बच्ची मात्र 8 साल की है. इस बच्ची के पिता की मृत्यु हो गई थी. उसके चार भाई-बहनों में दो भाई-बहनों का कुछ भी पता नहीं है. एक भाई अपने चाचा के साथ रहता है. इस बच्ची को दिल्ली में लगभग 1 साल पहले मानव तस्कर द्वारा बेच दिया गया था.

इन बच्चों में दो को मानव तस्करों (Human Traffickers) के चंगुल से दूसरी बार छुड़ाया गया है. मानव तस्कर द्वारा भेजी गई बच्ची के साथ शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का शोषण किया जाता था. कई बच्चियों पर शारीरिक शोषण किए जाने संबंधी दिल्ली में केस भी दर्ज है. महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देश पर पश्चिम सिंहभूम जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीशा कुजूर और जिला बाल संरक्षण के शरद कुमार गुप्ता की टीम द्वारा पहल करते हुए दिल्ली में मुक्त किए जाने पर दिल्ली से स्कॉट किया गया. सभी को ट्रेन से वापस पश्चिम सिंहभूम ले जाया जा रहा है.

दिल्ली से मुक्त करायी गई बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था. झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं. इससे उन्हें एक मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है.

रांची: झारखंड में मानव तस्करी (human trafficking in jharkhand) का दंश खत्म नहीं हो रहा है. ताजा मामले में पश्चिम सिंहभूम जिले की 10 बच्चियों, एक महिला और सिमडेगा जिला के एक बालक को दिल्ली में मुक्त कराया गया है. इनमें एक डेढ़ वर्ष की बच्ची भी शामिल है. एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र नई दिल्ली (Integrated Rehabilitation Resource Center New Delhi) की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि एक बच्ची की मां को दिल्ली लाया गया था. उस समय वह गर्भवती थी. किसी कारणवश वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गई थी. इसी अवस्था में उसने दिल्ली में बच्ची को जन्म दिया. जन्म के बाद वह अपने बच्चे को पहचान भी नहीं पा रही थी.

ये भी पढ़ें: साहिबगंज में दो मानव तस्कर गिरफ्तार, लड़कियों को ले जा रहे थे तमिलनाडु

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने महिला को शॉर्ट स्टे होम में और बच्ची को बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) को सुपुर्द कर दिया. जहां बच्ची वेलफेयर होम में रह रही थी. मां के इलाज के लगभग 1 साल बाद उसने अपनी बच्ची से मिलने की इच्छा जाहिर की. पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन के सहयोग से बच्ची को उसकी मां से मिलवाया गया. अब एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की टीम के साथ मां और उसकी बच्ची को झारखंड भेजा जा रहा है. मुक्त कराए गए बच्चों में एक बच्ची मात्र 8 साल की है. इस बच्ची के पिता की मृत्यु हो गई थी. उसके चार भाई-बहनों में दो भाई-बहनों का कुछ भी पता नहीं है. एक भाई अपने चाचा के साथ रहता है. इस बच्ची को दिल्ली में लगभग 1 साल पहले मानव तस्कर द्वारा बेच दिया गया था.

इन बच्चों में दो को मानव तस्करों (Human Traffickers) के चंगुल से दूसरी बार छुड़ाया गया है. मानव तस्कर द्वारा भेजी गई बच्ची के साथ शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का शोषण किया जाता था. कई बच्चियों पर शारीरिक शोषण किए जाने संबंधी दिल्ली में केस भी दर्ज है. महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देश पर पश्चिम सिंहभूम जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीशा कुजूर और जिला बाल संरक्षण के शरद कुमार गुप्ता की टीम द्वारा पहल करते हुए दिल्ली में मुक्त किए जाने पर दिल्ली से स्कॉट किया गया. सभी को ट्रेन से वापस पश्चिम सिंहभूम ले जाया जा रहा है.

दिल्ली से मुक्त करायी गई बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था. झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं. इससे उन्हें एक मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.