रांची: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सरायकेला एसपी मो. अर्शी को नोटिस भेजकर सम्मन किया है. एसपी को निर्देश दिया गया है कि संबंधित मामले में चार हफ्ते के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट दें. इसके साथ ही अंतिम चेतावनी दी गई है. इसके बाद आयोग सीधे कार्रवाई करेगा.
दी गई चेतावनी
आयोग ने चेतावनी दी है कि एसपी अगर चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट नहीं देते तो आयोग अपने अधिकार के तहत कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा. इससे पहले 22 मई और 28 जुलाई को आयोग ने जिले के एसपी को सम्मन जारी करते हुए मामले में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था लेकिन एसपी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.
ऐसे में आयोग ने 22 सितंबर को एसपी को समन जारी करते हुए 4 हफ्तों के भीतर यानी 30 अक्टूबर 2020 तक जवाब तलब किया है. आयोग ने एसपी को ह्यूमन राइट्स एक्ट 1993 की धारा 13 के तहत यह सम्मन जारी करते हुए साफ कर दिया है कि यह अंतिम चेतावनी दी जा रही है. इसके बाद आयोग सीधे कार्रवाई करने का अधिकार रखता है.
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क्या है पूरा मामला
1 मई को सरायकेला- खरसावां जिले के आरआईटी थाना अंतर्गत एमआईजी 247 निवासी आलोक दुबे और 248 निवासी प्रिंस कुमार के बीच हुए खूनी टकराव मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में प्रिंस कुमार राय और उनके परिवार के साथ हुई घटना और उसके बाद पुलिसिया कार्रवाई को मानवाधिकार का हनन मानते हुए शिकायत की गई थी.
कोडरमा निवासी मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने मामले की शिकायत आयोग में की थी. आरोप था कि पुलिस ने मामले में अब तक आलोक दुबे, पप्पू दुबे, सुमित राय, शांति दुबे और सोनी दुबे पर कोई कार्रवाई नहीं की है. हालांकि आलोक दुबे की ओर से भी काउंटर केस बाद में दर्ज कराया गया था.
प्रिंस राय ने भी सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट किया था तब पीड़ित का एफआईआर आरआईटी थाने में दर्ज हुआ था. शिकायत में बताया गया था कि प्रिंस का पूरा परिवार लहूलुहान अवस्था में रातभर इलाज के लिए थाने में तड़पता रहा था लेकिन थाने की ओर से मेडिकल के लिए नहीं ले जाया गया था.