गोरखपुर/हैदराबादः रंगों-उमंगों के त्योहार होली की विधिवत शुरुआत होलिका दहन के साथ होती है. अत्याचारी हिरण्यकशिपु से भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने वाले भगवान नरसिंह का स्मरण कराने वाला यह पावन अवसर भक्ति की शक्ति का प्रतीक पर्व भी है. होलिका दहन जीवन में कई बाधाओं से छुटकारा पाने का भी अचूक अवसर है. आप या आपके परिवार के लोग व्यक्तिगत, आपसी, सामाजिक, आर्थिक जैसे किसी भी कारण से परेशान हैं तो वास्तु संबंधी बहुत ही आसान और घरेलू उपायों से इनसे मुक्ति पाकर खुशहाल जीवन की शुरुआत की जा सकती है.
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क्या आपने यह सोचा है कि होलिका दहन अक्सर तिराहों और चौराहों पर ही क्यों होता है? यह वह स्थान होते हैं, जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं. होलिका दहन के अवसर पर घरों से दी जाने वाली किसी न किसी सामग्री की आहुति असामयिक मृत्यु वाली अतृप्त आत्माओं की तृप्ति के लिए भोजन स्वरूप है. क्या पता कि आप पर भी किसी अतृप्त आत्मा का साया हो, जिसके चलते आप या आपके अपने परेशानी में हों. तो इस होलिका दहन खुद को तैयार कर लीजिए परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए.
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यदि बिगड़ जाते हों बनते हुए काम
शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हर प्रकार की समस्या से मुक्ति के उपाय बहुत ही आसान हैं. घर या कारोबार में यदि बनते हुए काम भी बिगड़ जा रहे हैं तो होलिका दहन के एक दिन पूर्व भगवान का ध्यान करते हुए अपने पूरे घर में काली उड़द, काला सरसों और सुपारी फैला दें. होलिका दहन के दिन इन्हें कपड़े के सहारे एकत्र कर लें और होलिका की एक परिक्रमा कर उसमें अर्पित कर दें.
जब पति-पत्नी के बीच हो अनबन
दाम्पत्य जीवन में परेशानी हो तो किचन में काली उड़द के जरिए यही उपाय आजमाएं. किसी तंत्र मंत्र की बाधा, शारीरिक व्याधि या व्यापार में लगातार घाटा होने पर भी होलिका दहन उपाय का अचूक अवसर है. करना बस इतना ही है कि होलिका दहन के एक दिन पूर्व अपने इष्टदेव का स्मरण कर एक जोड़ी सुपारी मुख्य द्वार के चौखट पर रख दें. होलिका दहन के अवसर पर इस सुपारी को श्रद्धा से उठाएं और होलिका की एक परिक्रमा कर इसे उसमें अर्पित करें. विवाहित हों तो यह कार्य पति-पत्नी दोनों के द्वारा ही किया जाना उत्तम फलदायी रहेगा.
इन उपायों को करने वालों को चाहिए कि होली के दिन सुबह होलिका दहन की राख ले आएं और सबसे पहले उसे घर के चौखट पर और इसके बाद अपने और परिवार के सदस्यों के माथे पर लगाएं. वास्तव में होलिका दहन बुरे वक्त को भुलाकर सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ने का अवसर है और इन वास्तु सम्मत उपायों से आप स्वर्णिम भविष्य की ओर आसानी से अग्रसर हो सकते हैं.
पंडित सचिंद्रनाथ
वास्तुशास्त्री, गोरखपुर