रांची: झारखंड गठन के बाद से अबतक झारखंड पुलिस अपना एक्ट नहीं बना पाई. राज्य गठन के बाद पहली बार साल 2016 में झारखंड पुलिस एक्ट बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ. हालांकि तीन साल बाद भी वह पूरा नहीं हो पाया.
अब झारखंड पुलिस एक्ट का अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. झारखंड पुलिस एक्ट का पूरा ड्राफ्ट तैयार करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई है. कमेटी में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विधि विभाग के प्रधान सचिव और डीजीपी कमलनयन चौबे सदस्य हैं. तीन स्तरीय कमेटी को ही झारखंड पुलिस एक्ट का फाइनल ड्राफ्ट सरकार को सौंपना है. राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, विधानसभा के अगले सत्र में पुलिस एक्ट के प्रस्ताव को सरकार पेश कर सकती है.
कई राज्यों के एक्ट का हो चुका है अध्ययन
झारखंड पुलिस एक्ट बनाने के लिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत कई राज्यों के पुलिस एक्ट का अध्ययन राज्य पुलिस के अधिकारियों ने किया है. डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू, एडीजी रेजी डुंगडुंग, एडीजी आरके मल्लिक ने पुलिस मुख्यालय के स्तर पर झारखंड पुलिस एक्ट के लिए रिसर्च किया है. जिसके बाद इस संबंध में एक ड्राफ्ट तैयार किया गया. गौरतलब है कि झारखंड गठन के बाद राज्य पुलिस के द्वारा बिहार पुलिस एक्ट के आधार पर ही काम किया जा रहा है.
पुलिसिंग में कई तरह के बड़े बदलाव की हो सकती है कवायद
झारखंड पुलिस एक्ट बनने के बाद राज्य पुलिस में संरचनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव हो सकते हैं. राजधानी रांची समेत बड़े शहरों में कमिश्नरी व्यवस्था, कई थानों के अपडेशन, अधिकारियों के कार्यक्षेत्र व अधिकार में वर्तमान दौर के आधार पर फेरबदल किया जा सकता है.