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SP के ट्रांसफर के मामले को हाई कोर्ट ने नहीं माना सुनवाई योग्य, अदालत में याचिका हुई खारिज - High court dismisses SP's transfer case

झारखंड सरकार ने 28 अप्रैल मंगलवार को बड़े पैमाने पर राज्य के 35 आईपीएस ऑफिसर का तबादला करने के आदेश को झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी. झारखंड हाई कोर्ट में एसपी के स्थानांतरण के मामले को जनहित का नहीं मानते हुए इसे खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है.

High court not consider SP transfer case to be hearing
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : May 5, 2020, 7:50 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में झारखंड सरकार की मंगलवार 28 अप्रैल को किए गए 35 आईपीएस ऑफिसर के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मामले पर सुनवाई की. वही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड हाई कोर्ट के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले में अपना पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने दायर किया गया यह जनहित याचिका जनहित का नहीं है इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए.

देखें पूरी खबर

उन्होंने कहा कि पुलिस को इससे अलग रखा गया है इसलिए पुलिस का स्थानांतरण किया जा सकता है. अदालत ने उनके जवाब पर संतुष्टि जाहिर कर इसे जनहित का याचिका नहीं मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि कोरोना के इस विभीषिका में इतने बड़े पैमाने पर आईपीएस का स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें पहले क्वॉरेंटाइन करना चाहिए अदालत ने उनकी दलील पर असहमति जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

ये भी देखें- कोरोना का कहर, मजबूरी का सफर: साइकिल पर रायपुर से झारखंड के लिए निकले 22 मजदूर

बता दें कि याचिकाकर्ता अरुण कुमार सिंह ने झारखंड सरकार के हाल ही में बड़े पैमाने पर आईपीएस ऑफिसर का स्थानांतरण किए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दिया था. अदालत ने उसे जनहित का मामला नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में झारखंड सरकार की मंगलवार 28 अप्रैल को किए गए 35 आईपीएस ऑफिसर के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मामले पर सुनवाई की. वही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड हाई कोर्ट के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले में अपना पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने दायर किया गया यह जनहित याचिका जनहित का नहीं है इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए.

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उन्होंने कहा कि पुलिस को इससे अलग रखा गया है इसलिए पुलिस का स्थानांतरण किया जा सकता है. अदालत ने उनके जवाब पर संतुष्टि जाहिर कर इसे जनहित का याचिका नहीं मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि कोरोना के इस विभीषिका में इतने बड़े पैमाने पर आईपीएस का स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें पहले क्वॉरेंटाइन करना चाहिए अदालत ने उनकी दलील पर असहमति जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

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बता दें कि याचिकाकर्ता अरुण कुमार सिंह ने झारखंड सरकार के हाल ही में बड़े पैमाने पर आईपीएस ऑफिसर का स्थानांतरण किए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दिया था. अदालत ने उसे जनहित का मामला नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है.

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