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नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन का आरोप, मुख्यमंत्री के विभाग में चलता है कमीशन का खेल

झारखंड विधानसभा मॉनसून सत्र का चौथा दिन शुक्रवार तक के लिए स्थगित हो गया है. सदन में गुरुवार को दूसरे हाफ में 3 विधेयक पास हुए. सदन की कार्यवाही के बाद नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सीएम रघुवर दास के ऊर्जा विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है. हेमंत ने कहा कि ऊर्जा विभाग में पैसे का लेनदेन किया जाता है.

हेमंत सोरेन
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Published : Jul 25, 2019, 5:59 PM IST

रांची: नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सीएम रघुवर दास के ऊर्जा विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है. हेमंत सोरेन ने गुरुवार को एक खुलासा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में भी कथित तौर पर पैसे का लेनदेन किया जाता है. एक ईमेल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के कुल लागत का 2.5 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है.

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन का बयान


ऊर्जा विभाग पर कमीशन का आरोप
सोरेन ने राज्य के पलामू जिले में बिजली वितरण के काम में लगी कंपनी के अधिकारी द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए एक ईमेल का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार के ऊपर प्रोजेक्ट के कुल लागत का 2.5% कमीशन के रूप में मांगने का आरोप लगाया गया है. सोरेन ने कहा कि पत्र में इस बात का उल्लेख है कि इसके लिए पुरवार के एक रिश्तेदार सुमित कुमार पुरवार को लगाया जाता है. जो पूरा धन इकट्ठा करने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को इसके लिए धमकाया जा रहा है.


सीएम को भी है जानकारी
हेमंत ने कंपनी का नाम लेते हुए कहा कि इंजीनियरिंग एंड टेक्निकल सर्विसेज कंसल्टेंट्स टू टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नाम की कंपनी प्रदेश के पलामू जिले में पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन का काम कर रही है. सोरेन ने कहा कि हैरत की बात यह है कि इस बात की जानकारी तत्कालीन ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री तक को दी, लेकिन पुरवार के खिलाफ कार्यवाही होने की बजाय कुलकर्णी का स्थानांतरण विभाग से कर दिया गया.


हिम्मत है तो कार्रवाई करे सरकार
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आखिर सच्चाई क्या है? उन्होंने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उसमें साफ जिक्र है कि यह पैसा केवल सीएमडी तक ही नहीं सीमित रहता बल्कि मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री तक का ध्यान रखा जाता है. सोरेन ने कहा कि हैरत की बात यह है कि कंपनी की फाइल राज्य सरकार के सभी विभागों से पास होने के बाद एमडी पुरवार के दफ्तर में पड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार में अगर हिम्मत है तो इन आरोपों की जांच कराए. दरअसल, सदन में सोरेन ने ऐसा ही पत्र उठाते हुए स्पीकर दिनेश उरांव से ट्रांसलेटर की मांग भी की थी.

ये भी पढे़ं: जिंदगी की 'जंग' हार गई मासूम फलक, स्वर्णरेखा नदी से मिला शव
शुक्रवार को पेश हुए तीन विधेयक
वहीं, सदन में सेकंड हाफ में तीन विधेयक पास किए गए. इनमें श्रम नियोजन मंत्री राज परिवार ने कारखाना झारखंड संशोधन विधेयक 2019 पेश किया. वहीं मंत्री नीरा यादव ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2019 रखा, जबकि प्रभारी मंत्री अमर बाउरी ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लिए संशोधन विधेयक 2019 रखा. तीनों विधेयक सदन में पास भी किए गए. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार के दस बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई.

रांची: नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सीएम रघुवर दास के ऊर्जा विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है. हेमंत सोरेन ने गुरुवार को एक खुलासा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में भी कथित तौर पर पैसे का लेनदेन किया जाता है. एक ईमेल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के कुल लागत का 2.5 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है.

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन का बयान


ऊर्जा विभाग पर कमीशन का आरोप
सोरेन ने राज्य के पलामू जिले में बिजली वितरण के काम में लगी कंपनी के अधिकारी द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए एक ईमेल का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार के ऊपर प्रोजेक्ट के कुल लागत का 2.5% कमीशन के रूप में मांगने का आरोप लगाया गया है. सोरेन ने कहा कि पत्र में इस बात का उल्लेख है कि इसके लिए पुरवार के एक रिश्तेदार सुमित कुमार पुरवार को लगाया जाता है. जो पूरा धन इकट्ठा करने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को इसके लिए धमकाया जा रहा है.


सीएम को भी है जानकारी
हेमंत ने कंपनी का नाम लेते हुए कहा कि इंजीनियरिंग एंड टेक्निकल सर्विसेज कंसल्टेंट्स टू टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नाम की कंपनी प्रदेश के पलामू जिले में पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन का काम कर रही है. सोरेन ने कहा कि हैरत की बात यह है कि इस बात की जानकारी तत्कालीन ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री तक को दी, लेकिन पुरवार के खिलाफ कार्यवाही होने की बजाय कुलकर्णी का स्थानांतरण विभाग से कर दिया गया.


हिम्मत है तो कार्रवाई करे सरकार
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आखिर सच्चाई क्या है? उन्होंने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उसमें साफ जिक्र है कि यह पैसा केवल सीएमडी तक ही नहीं सीमित रहता बल्कि मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री तक का ध्यान रखा जाता है. सोरेन ने कहा कि हैरत की बात यह है कि कंपनी की फाइल राज्य सरकार के सभी विभागों से पास होने के बाद एमडी पुरवार के दफ्तर में पड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार में अगर हिम्मत है तो इन आरोपों की जांच कराए. दरअसल, सदन में सोरेन ने ऐसा ही पत्र उठाते हुए स्पीकर दिनेश उरांव से ट्रांसलेटर की मांग भी की थी.

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शुक्रवार को पेश हुए तीन विधेयक
वहीं, सदन में सेकंड हाफ में तीन विधेयक पास किए गए. इनमें श्रम नियोजन मंत्री राज परिवार ने कारखाना झारखंड संशोधन विधेयक 2019 पेश किया. वहीं मंत्री नीरा यादव ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2019 रखा, जबकि प्रभारी मंत्री अमर बाउरी ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लिए संशोधन विधेयक 2019 रखा. तीनों विधेयक सदन में पास भी किए गए. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार के दस बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई.

Intro:इससे जुड़ी फीड लाइव व्यू से गयी है कृपया फ़ीडरूम से ले लेंगे hemant byte स्लग से वीडियो गया है


रांची। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने गुरुवार को एक खुलासा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में भी कथित तौर पर पैसे का लेनदेन किया जाता है। सोरेन ने राज्य के पलामू जिले में बिजली वितरण के काम में लगी कंपनी के अधिकारी द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए एक ईमेल का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार के ऊपर प्रोजेक्ट के कुल लागत का 2.5% कमीशन के रूप में मांगने का आरोप लगाया गया है। सोरेन ने कहा कि पत्र में इस बात का उल्लेख है कि इसके लिए पुरवार के एक रिश्तेदार सुमित कुमार पुरवार को लगाया जाता है। जो पूरा धन इकट्ठा करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को इसके लिए धमकाया जा रहा है।


Body:उन्होंने कंपनी का नाम लेते हुए कहा कि इंजीनियरिंग एंड टेक्निकल सर्विसेज कंसल्टेंट्स टू टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नामक कंपनी प्रदेश के पलामू जिले में पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन का काम कर रही है। सोरेन ने कहा कि हैरत की बात यह है कि इस बात की जानकारी तत्कालीन ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री तक को दी लेकिन पुरवार के खिलाफ कार्यवाही होने की बजाय कुलकर्णी का स्थानांतरण से विभाग से कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आखिर सच्चाई क्या है। उन्होंने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उसमें साफ जिक्र है कि यह पैसा केवल सीएमडी तक ही नहीं सीमित रहता बल्कि मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री तक का ध्यान रखा जाता है। सोरेन ने कहा कि हैरत की बात यह है कि कंपनी की फाइल राज्य सरकार के सभी विभागों से पास होने के बाद एमडी पुरवार के दफ्तर में पड़ी हुई है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि सरकार में अगर हिम्मत है तो इन आरोपों की जांच कराये।
दरअसल सदन में सोरेन ने ऐसा ही पत्र उठाते हुए स्पीकर दिनेश उरांव से ट्रांसलेटर की मांग भी की थी।

शुक्रवार को पेश हुए तीन विधेयक
वहीं सदन में सेकंड हाफ में तीन विधेयक पास किए गए किए गए। उनमें श्रम नियोजन मंत्री राज परिवार ने कारखाना झारखंड संशोधन विधेयक 2019 पेश किया। वहीं मंत्री नीरा यादव ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2019 रखा। जबकि प्रभारी मंत्री अमर बाउरी ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लिए संशोधन विधेयक 2019 रखा। तीनों विधेयक सदन में पास भी किये गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार के दिन के दस बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई।
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