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जेपीएससी थर्ड बैच पदाधिकारी प्रोन्नति मामले मे हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित - Jharkhand High Court

झारखंड हाई कोर्ट में जेपीएससी थर्ड बैच के पदाधिकारियों की बेसिक ग्रेड से जूनियर सिलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति की मांग को लेकर सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा है.

Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Dec 20, 2021, 10:22 PM IST

रांची: जेपीएससी थर्ड बैच के पदाधिकारियों की बेसिक ग्रेड से जूनियर सिलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आज (20 दिसंबर) सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों के दलील को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.

ये भी पढ़ें- एसडीओ प्रोन्नति मामले में हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी, अदालत ने मुख्य सचिव को दी चेतावनी

जानबूझकर टाली जा रही है प्रोन्नति

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एस.एन पाठक की अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सरकार की ओर से बार-बार जानबूझकर प्रोन्नति को टाला जा रहा है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से सरकार को वर्षों से लंबित प्रोन्नति देने के लिए आदेश देने की मांग की. कोर्ट में ये गुहार लगाया गया कि अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं अगर उन्हें प्रोन्नति का लाभ नहीं मिलता है तो ऐसे में उन्हें नुकसान होगा. सरकार अगर अपना नियम बना रही है तो नियम बनाते रहे पूर्व में जिन्हें प्रोन्नति दिया जाना है उन्हें प्रोन्नति दे दिया जाए.

सरकार का रोक नियम के विरूद्ध

कोर्ट में ये बताया गया कि सरकार के द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने वाली आदेश को रद्द कर दिया जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से एक और मौका दिए जाने का आग्रह महाधिवक्ता ने किया. प्रोन्नति को लेकर सरकार नीति बना रही है. नीति शीघ्र बन जाएगी. उसके बाद प्रोन्नति दी जाएगी. अदालत ने पूर्व में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को अदालत में हाजिर होने को कहा था. जिस पर उन्होंने मुख्य सचिव के हाजिर होने के संबंध में अदालत को जानकारी दी कि विधानसभा सत्र चलने के कारण मुख्य सचिव व्यस्त हैं. अदालत में हाजिर होने में कठिनाई है इसके लिए उन्हें हाजिरी से मुक्ति दी जाए. जिस पर अदालत ने मुख्य सचिव को अदालत में उपस्थित होने से मुक्त कर दिया.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि राज किशोर प्रसाद सहित कई अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है. याचिका के माध्यम से अदालत से प्रोन्नति की गुहार लगाई है. अदालत को जानकारी दी गई है कि राज्य सरकार के द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने संबंधी आदेश नियम के विरुद्ध है, असंवैधानिक है अतः इसे निरस्त कर दी जाए. उसी याचिका पर आज सुनवाई हुई है. आज की सुनवाई के बाद सभी की नजर अदालत के फैसले पर टिकी हुई है. अब देखना अहम होगा कि अदालत से क्या फैसला आता है.

रांची: जेपीएससी थर्ड बैच के पदाधिकारियों की बेसिक ग्रेड से जूनियर सिलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आज (20 दिसंबर) सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों के दलील को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.

ये भी पढ़ें- एसडीओ प्रोन्नति मामले में हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी, अदालत ने मुख्य सचिव को दी चेतावनी

जानबूझकर टाली जा रही है प्रोन्नति

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एस.एन पाठक की अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सरकार की ओर से बार-बार जानबूझकर प्रोन्नति को टाला जा रहा है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से सरकार को वर्षों से लंबित प्रोन्नति देने के लिए आदेश देने की मांग की. कोर्ट में ये गुहार लगाया गया कि अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं अगर उन्हें प्रोन्नति का लाभ नहीं मिलता है तो ऐसे में उन्हें नुकसान होगा. सरकार अगर अपना नियम बना रही है तो नियम बनाते रहे पूर्व में जिन्हें प्रोन्नति दिया जाना है उन्हें प्रोन्नति दे दिया जाए.

सरकार का रोक नियम के विरूद्ध

कोर्ट में ये बताया गया कि सरकार के द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने वाली आदेश को रद्द कर दिया जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से एक और मौका दिए जाने का आग्रह महाधिवक्ता ने किया. प्रोन्नति को लेकर सरकार नीति बना रही है. नीति शीघ्र बन जाएगी. उसके बाद प्रोन्नति दी जाएगी. अदालत ने पूर्व में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को अदालत में हाजिर होने को कहा था. जिस पर उन्होंने मुख्य सचिव के हाजिर होने के संबंध में अदालत को जानकारी दी कि विधानसभा सत्र चलने के कारण मुख्य सचिव व्यस्त हैं. अदालत में हाजिर होने में कठिनाई है इसके लिए उन्हें हाजिरी से मुक्ति दी जाए. जिस पर अदालत ने मुख्य सचिव को अदालत में उपस्थित होने से मुक्त कर दिया.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि राज किशोर प्रसाद सहित कई अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है. याचिका के माध्यम से अदालत से प्रोन्नति की गुहार लगाई है. अदालत को जानकारी दी गई है कि राज्य सरकार के द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने संबंधी आदेश नियम के विरुद्ध है, असंवैधानिक है अतः इसे निरस्त कर दी जाए. उसी याचिका पर आज सुनवाई हुई है. आज की सुनवाई के बाद सभी की नजर अदालत के फैसले पर टिकी हुई है. अब देखना अहम होगा कि अदालत से क्या फैसला आता है.

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