रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ चल रहे दलबदल के मामले में विधानसभा न्यायाधिकरण में शुक्रवार को सुनवाई हुई. राजकुमार यादव और भूषण तिर्की की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण ने बाबूलाल मरांडी की ओर से दाखिल प्रीलिमिनरी ऑब्जेक्शन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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बाबूलाल मरांडी पर दल बदल के केस: वर्चुअल माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण के समक्ष दोनों पक्षों की ओर से दलील रखी गई. बाबूलाल की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएन सहाय ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला 10 वीं अनुसूची के उल्लंघन से जुड़ा हुआ नहीं है. उन्होंने अदालत के समक्ष जेवीएम प्रजातांत्रिक के बीजेपी में मर्जर को सही बताते हुए कहा कि इसपर चुनाव आयोग की भी सहमति मिल चुकी है.
सहाय ने विधानसभा के नियम का हवाला देते हुए न्यायाधिकरण से इस तरह के केस में अतिशीघ्र लिखित शिकायत दर्ज करने का प्रावधान बताया. कहा कि, लेकिन याचिकाकर्ता ने दस महीने बाद न्यायाधिकरण के समक्ष आवेदन दिया है. इसलिए दोनों आवेदन को खारिज किया जाय. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आरएन सहाय द्वारा बाबूलाल की ओर से फैसला आने से पहले प्रपोज इश्यू न्यायाधिकरण के समक्ष रखा गया. उन्होंने कहा कि यदि मेरा प्रिलिमिनरी ऑब्जेक्शन रिजेक्ट होता है तो आगे प्रपोज इश्यू काम करेगा और यदि भूषण तिर्की और राजकुमार यादव की पीटिशन खारिज होती है तो यह यूं ही रह जाएगा. गौरतलब है कि 09 मई को दीपिका पांडे और प्रदीप यादव की याचिका पर इसी मामले में विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई होगी.
स्पीकर कोर्ट में बाबूलाल मरांडी पर दल बदल के कई केसः बाबूलाल मरांडी पर 10 वीं अनसूची का उल्लंघन करते हुए विधानसभाध्यक्ष के न्यायाधिकरण में चार अलग अलग केस दर्ज हैं.
राजकुमार यादव ने 10 वीं अनुसूची का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए विधानसभा में 16 दिसंबर 2020 को याचिका दाखिल की थी जिसका कांड संख्या 02/2020 है उसी तरह भूषण तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 03/2020,दीपिका पांडे द्वारा दाखिल केस नंबर 01/2021 और प्रदीप यादव बंधु तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 02/2021 है.