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कनहर बैराज परियोजना को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने की तल्ख टिप्पणी - Chief Justice Dr. Ravi Ranjan

कनहर बैराज परियोजना को पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में हुई. इस दौरान अदालत ने प्रोजेक्ट में काम नहीं होने को लेकर नाराजगी जतायी.

Hearing in Jharkhand High Court on PIL in Kanhar Barrage Project case
कनहर बैराज परियोजना को लेकर सुनवाई
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Published : Dec 21, 2019, 11:29 PM IST

रांचीः कनहर बैराज परियोजना मामले में झारखंड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद के सामने सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने परियोजना में किसी प्रकार की प्रगति नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब काम नहीं करना है तो इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया जाए. प्रोजेक्ट के नाम पर सिर्फ बैठक हो रही है. अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मामले में समयबद्ध कार्रवाई होनी चाहिए है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-18 साल युवती की गला रेतकर हत्या, पुलिस ने दुष्कर्म होने की जतायी आशंका

7 फरवरी 2020 को होगी अगली सुनवाई

अदालत ने परियोजना के मुख्य सचिव को समयबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट में क्या-क्या किया जाएगा इसकी विस्तृत जानकारी अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया. इसके अलावा अदालत ने इसके लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी के प्रतिनिधि को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी 2020 को होगी सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें-एग्जिट पोल : झारखंड में BJP को लग सकता है झटका, कांग्रेस-JMM को बढ़त

प्रोजेक्ट में गंभीरता से काम हो- अदालत

अदालत ने कहा कि इस ओर सरकार का रुख स्पष्ट होना चाहिए. अदालत ने कहा अगर काम करना है तो इसे गंभीरता से किया जाए नहीं तो फिर बंद कर दिया जाए. कड़े शब्दों में अदालत ने कहा कि बीच का काम नहीं चलेगा. सरकार की ओर से कहा गया था कि कनहर बराज में 3 राज्यों की भागीदारी है. इस प्रोजेक्ट में तेजी के लिए 6 साल पहले हाईकोर्ट सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी अदालत ने कहा कि इसके बाद भी कोई प्रोग्रेस नहीं हुआ.

आपको बता दें कि पूर्व मंत्री हेमेंद्र प्रताप देहांती ने इस कनहर बराज परियोजना को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. जिसको लेकर लगातार सुनवाई हो रही है.

रांचीः कनहर बैराज परियोजना मामले में झारखंड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद के सामने सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने परियोजना में किसी प्रकार की प्रगति नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब काम नहीं करना है तो इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया जाए. प्रोजेक्ट के नाम पर सिर्फ बैठक हो रही है. अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मामले में समयबद्ध कार्रवाई होनी चाहिए है.

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7 फरवरी 2020 को होगी अगली सुनवाई

अदालत ने परियोजना के मुख्य सचिव को समयबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट में क्या-क्या किया जाएगा इसकी विस्तृत जानकारी अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया. इसके अलावा अदालत ने इसके लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी के प्रतिनिधि को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी 2020 को होगी सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा.

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प्रोजेक्ट में गंभीरता से काम हो- अदालत

अदालत ने कहा कि इस ओर सरकार का रुख स्पष्ट होना चाहिए. अदालत ने कहा अगर काम करना है तो इसे गंभीरता से किया जाए नहीं तो फिर बंद कर दिया जाए. कड़े शब्दों में अदालत ने कहा कि बीच का काम नहीं चलेगा. सरकार की ओर से कहा गया था कि कनहर बराज में 3 राज्यों की भागीदारी है. इस प्रोजेक्ट में तेजी के लिए 6 साल पहले हाईकोर्ट सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी अदालत ने कहा कि इसके बाद भी कोई प्रोग्रेस नहीं हुआ.

आपको बता दें कि पूर्व मंत्री हेमेंद्र प्रताप देहांती ने इस कनहर बराज परियोजना को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. जिसको लेकर लगातार सुनवाई हो रही है.

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कनहर बराज परियोजना को पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई । मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में हुई अदालत ने कनहर बराज को लेकर किसी प्रकार की प्रगति नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब काम नहीं करना है तो इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया जाए प्रोजेक्ट के नाम पर सिर्फ बैठक हो रही है अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मामले मे समयबध्द कार्रवाई चाहती है।

मुख्य सचिव बताएं कि समयबध्द तरीके से क्या-क्या किया जाएगा इसकी विस्तृत जानकारी अदालत में दाखिल करनी है इसके अलावा अदालत ने इसके लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी के प्रतिनिधि को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दिया गया इसका अवलोकन करने के बाद अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई


Body:अदालत ने कहा कि सरकार का रुख स्पष्ट होनी चाहिए अगर काम करना है तो इसे गंभीरता से किया जाए या फिर बंद कर दिया जाए बीच का काम नहीं चलेगा अदालत ने पूछा कि इस मामले में नोडल ऑफिसर किसे बनाया गया है अधीक्षण अभियंता का नाम सुनते ही अदालत ने कहा कि बड़े अधिकारियों के बीच में क्या कर पाएंगे सरकार की ओर से कहा गया कि कन्हार बराज में 3 राज्यों की भागीदारी है इस प्रोजेक्ट में तेजी के लिए 6 साल पहले हाईकोर्ट सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है अदालत ने कहा कि इसके बाद भी कोई प्रोग्रेस नहीं है


आपको बता दें कि पूर्व मंत्री हेमेंद्र प्रताप देहांती ने इस कनहर बराज परियोजना को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है जिसको लेकर लगातार सुनवाई हो रही है अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए आज तल्ख टिप्पणी किया है मामले की अगली सुनवाई 7फरवरी को होगी


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