रांचीः कनहर बैराज परियोजना मामले में झारखंड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद के सामने सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने परियोजना में किसी प्रकार की प्रगति नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब काम नहीं करना है तो इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया जाए. प्रोजेक्ट के नाम पर सिर्फ बैठक हो रही है. अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मामले में समयबद्ध कार्रवाई होनी चाहिए है.
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7 फरवरी 2020 को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने परियोजना के मुख्य सचिव को समयबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट में क्या-क्या किया जाएगा इसकी विस्तृत जानकारी अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया. इसके अलावा अदालत ने इसके लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी के प्रतिनिधि को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी 2020 को होगी सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा.
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प्रोजेक्ट में गंभीरता से काम हो- अदालत
अदालत ने कहा कि इस ओर सरकार का रुख स्पष्ट होना चाहिए. अदालत ने कहा अगर काम करना है तो इसे गंभीरता से किया जाए नहीं तो फिर बंद कर दिया जाए. कड़े शब्दों में अदालत ने कहा कि बीच का काम नहीं चलेगा. सरकार की ओर से कहा गया था कि कनहर बराज में 3 राज्यों की भागीदारी है. इस प्रोजेक्ट में तेजी के लिए 6 साल पहले हाईकोर्ट सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी अदालत ने कहा कि इसके बाद भी कोई प्रोग्रेस नहीं हुआ.
आपको बता दें कि पूर्व मंत्री हेमेंद्र प्रताप देहांती ने इस कनहर बराज परियोजना को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. जिसको लेकर लगातार सुनवाई हो रही है.