रांची: हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में 13 जिले को आरक्षित और 11 जिले को गैर आरक्षित किए जाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट के पूर्ण पीठ में चल रही सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई. फिलहाल अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. जल्द ही पूर्ण पीठ इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी.
दोनों पक्षों ने यह दावे किए
न्यायाधीश हरिश्चंद्र मिश्र, न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में सरकार की आरक्षण नीति को चुनौती देने वाली याचिका में सोनी कुमारी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार ने जो नियोजन नीति तैयार की है वह समानता के अधिकार के खिलाफ है. पूर्व में याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस नीति के तहत नियुक्ति करने पर रोक लगा दी थी. वहीं, सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि सरकार की बनाई गई नियोजन नीति सही है. इस लिए इस नियम के तहत नियुक्त किए गए शिक्षक की नियुक्ति को सही माना जाए.
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यह है मामला
जानकारी के मुताबिक राज्य में पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा और देवघर को गैर अनुसूचित जिलों में रखा गया है. इधर सरकार की नियोजन नीति के अनुसार हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों के अभ्यर्थी 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. वहीं 13 अनुसूचित जिलों के स्थानीय अभ्यर्थी अपने मूल जिले में ही आवेदन कर सकेंगे. याचिका में कहा गया है कि सरकार की यह नीति समानता के अधिकार के खिलाफ है. इस कारण इस नीति को रद्द किया जाना चाहिए.