रांची: राजधानी में दिन भर गर्भवती महिला भटकती रही, लेकिन समय पर इलाज न हो सका. इस कारण बच्चे की मौत गर्भ में ही हो गई. इस मामले पर हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए सरकार से जवाब मांगा है. उन्होंने सरकार से यह पूछा है कि जब राजधानी रांची में इलाज की यह स्थिति है तो राज्य के दूसरे जिले में स्थिति कैसी होगी. उन्होंने राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राजधानी रांची में गर्भवती महिला दिन भर भटकती रही, लेकिन इलाज न हो सका. अंततः उन्हें अपना बच्चा गवाना पड़ा. मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने यह जानना चाहा कि जब राजधानी रांची में इस तरह के हालात है तो राज्य के अन्य जिलों में कैसे इलाज चल रहा है.
बता दें कि 4 मई को एक स्थानीय पत्रकार की गर्भवती पत्नी इलाज के लिए दिन भर इधर से उधर भटकती रही, लेकिन समय पर इलाज नहीं होने के कारण गर्भ में ही उनका बच्चा मर गया. स्थानीय समाचार में यह खबर आने पर अदालत में मंगलवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान इस बिंदु पर सुनवाई की और सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.