रांचीः झारखंड के हजारीबाग में हुए मॉब लिंचिंग (Hazaribag mob lynching case) में अलीमुद्दीन की हत्या के सजायाफ्ता दीपक मिश्रा और विक्रम प्रसाद सहित सभी आरोपी की अपील याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. घंटों हुई सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता की ओर से दलील पेश की गई. अपीलकर्ता की ओर से दलील पूरी हो गई. हालांकि, एक सजायाफ्ता सिकंदर राम की मृत्यु हो चुकी है. अब पीड़ित पक्ष की ओर से दलील दी जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर निर्धारित की गई है.
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झारखंड हाइ कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत में अपना दलील पेश किया. सजायाफ्ता की ओर से पक्ष रखा गया. अब पीड़ित पक्ष की ओर से दलील दी जाएगी. बता दें कि रामगढ़ कोर्ट ने 21 मार्च 2018 को 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. हजारीबाग के मीट कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी की बीफ ले जाने के आरोप में भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में मृतक की पत्नी ने 12 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. 16 मार्च 2018 को 12 में से 11 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को नाबालिग होने के कारण उसका मामला जुवेनाइल बोर्ड में भेज दिया गया था.
अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी. इसमें छोटू वर्मा, दीपक मिश्रा और संतोष सिंह के अलावा भाजपा नेता नित्यानंद महतो, विक्की साव, सिकंदर राम, उत्तम राम, विक्रम प्रसाद, राजू कुमार, रोहित ठाकुर, और कपिल ठाकुर शामिल हैं. रामगढ़ जिले के मनुआ फुलसराय के रहने वाले अलीमुद्दीन की हत्या 29 जून 2017 को कर दी गयी थी. मारुति वैन से बीफ ले जाने के आरोप में भीड़ ने बाजार टांड़ स्थित गैस एजेंसी के पास अलीमुद्दीन की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.