रांचीः अपने वरीय सहयोगी स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ज्वाला प्रसाद की बर्खास्तगी और एनएचएम कर्मियों के साथ वरीय अधिकारियों की ओर से लगातार दुर्व्यवहार करने के विरोध में 11 अक्टूबर से जारी एनएचएम कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने व्यापक रूप ले लिया है.
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झारखंड में एनएचएम कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है. एनएचएम कर्मियों की इस हड़ताल का असर राज्य में कोरोना जांच के साथ साथ टीकाकरण, रिपोर्टिंग और दूरस्थ इलाकों में चलने वाली स्वास्थ्य योजनाओं और अभियानों पर पड़ने लगा है.
पहली बार नहीं जारी हुआ कोरोना टीकाकरण और अपडेट रिपोर्ट
राज्य में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से लेकर अबतक और टीकाकरण का पूरा अपडेट हर रोज स्वास्थ्य विभाग की ओर से रिपोर्ट जारी किया जाता है. इस में हर दिन का कोरोना अपडेट के साथ-साथ 16 जनवरी से शुरू हुई वैक्सीनेशन की हर अपडेट रोज दिया जाता है. लेकिन एनएचएमकर्मियों की बेमियादी हड़ताल की वजह से अब तक कोई रिपोर्ट जारी नहीं हो पा रहा है. स्टेट के IDSP में सेवा दे रहे डॉ. प्रवीण कुमार कर्ण के अनुसार NHM कर्मियों की हड़ताल के चलते रिपोर्ट जारी नहीं किया गया है.
किस-किस जगह पर ज्यादा असर
NHM के तहत दो दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम राज्य में चलाया जाता है, उन सभी पर असर पड़ना शुरू हो गया है. वहीं कोरोना सैंपल जांच में अहम भूमिका निभाने वाले लैब टेक्नीशियन और कई वैक्सीनेटर भी NHM से जुड़े हैं. ऐसे में उन जगहों पर भी असर हुआ है. इसके अलावा स्टेट लेवल के अधिकारी के हड़ताल पर रहने से NHM का विभागीय कार्य रुक गया है. अलग-अलग जिलों के NHM कर्मी भी अब मुखर हो गए हैं. वहीं स्वास्थ्य मुख्यालय में बड़ी संख्या में NHM कर्मियों ने धरना दिया.
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हड़ताल को और व्यापक बनाने की तैयारी
हड़ताल पर गए NHM कर्मियों ने कहा कि अब अनिश्चितकालीन हड़ताल को और व्यापक बनाने की तैयारी चल रही है. सभी सहिया बहनों और अनुबंधित नर्सों को भी जोड़ने के लिए दोनों के अलग अलग एसोसिएशन नेताओं से वार्ता की जा रही है. आंदोलित कर्मियों ने कि जल्द ही झासा, IMA के साथ वार्ता कर उनसे समर्थन मांगा जाएगा.