रांची: खूंटी, सरायकेला, चाईबासा, सरायकेला और आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय रहे दस लाख के इनामी जीवन कंडुलना ने आत्मसमर्पण कर दिया है. रांची पुलिस के सामने उसने सरेंडर किया है. उसके साथ अन्य माओवादियों के भी सरेंडर किए जाने की बात सामने आ रही है. हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. रांची पुलिस जीवन कंडुलना गुप्त जगह पर रखकर पूछताछ कर रही है. इस सरेंडर के बाद भाकपा माओवादियों को बड़ा झटका लगा है.
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जोनल कमांडर के पद पर था जीवन
जीवन कंडुलना भाकपा माओवादी संगठन में जोनल कमांडर पद पर था. वह झारखण्ड के खूंटी जिले के रनिया का रहने वाला है. जीवन सारंडा के जंगली इलाके में लगातार सक्रिय रह रहा था. सारंडा इलाके में ही उसने रेड कॉरीडोर बना रखा था. जीवन कंडुलना को झारखंड पुलिस के अलावा ओडिशा पुलिस भी तलाश कर रही थी. कुछ दिन पहले झारखंड और ओडिशा पुलिस ज्वाइंट ऑपरेशन भी चला रही थी.
हाल में चले सर्च ऑपरेशन से भाग निकला था जीवन
10 लाख रुपये के इनामी माओवादी जीवन कंडुलना की गिरफ्तारी के लिए पुलिस हाल के दिनों में जुटी हुई थी. करीब एक महीने पहले जीवन कंडुलना के होने की सूचना पर पोड़ाहाट जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. उस समय वह फरार हो गया था. पुलिस को भाकपा माओवादी जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के दस्ते के केड़ाबीर व स्वयंबारी की पहाड़ी में सक्रिय होने की खबर लगातार मिल रही थी.
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बोयदा पाहन के सरेंडर के बाद से ही था सरेंडर की तैयारी में
जीवन कंडुलना बीते अक्टूबर माह में बोयदा पाहन के सरेंडर के बाद से ही खुद के सरेंडर की तैयारी में था. वह चाईबासा के गुदड़ी, पौड़ाहाट, बंदगांव के इलाके में सक्रिय था. जीवन के बारे में बताया जा रहा है कि वह पुलस के संपर्क में लगातार रह रहा था. जीवन के सरेंडर के पीछे भी बोयदा की भूमिका बतायी जा रही है. जीवन के सरेंडर से चाईबासा इलाके में सक्रिय दस्ते को बड़ा झटका लगा है. जीवन की गिनती माओवादियों के तेजतर्रार कमांडरों में होती है.
आंतरिक कलह की वजह से फाड़ हो रहा संगठन में
जीवन का सरेंडर के पीछे माओवादी संगठन में आंतरिक कलह की बात सामने आ रही है. फरवरी 2018 के बाद भाकपा माओवादी संगठन में कई फेरबदल हुए थे. इस दौरान गिरिडीह के पतिराम मांझी उर्फ अनल दो को कोल्हान के इलाके में भेजा गया था. पतिराम के कोल्हान आने के बाद उत्तरी छोटानागपुर जोन में सक्रिय कई उग्रवादियों को कोल्हान इलाके में भेजा गया था. संगठन में बाहर के उग्रवादियों के आने से स्थानीय कैडरों खास कर माओवादियों के आदिवासी कैडर में नाराजगी हो गई थी. संगठन के भीतर नाराजगी के कारण ही आदिवासी कमांडर रहे बोयदा पाहन, जीवन कंडुलना, जीतराय मुंडा जैसे माओवादी संगठन छोड़कर सरेंडर कर दी थी. संगठन में बाहर के उग्रवादियों के प्रभाव की वजह से आंतरिक कलह बढ़ रही है.
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नाबालिग लड़की ने लगाया था यौन शोषण का आरोप
26 जनवरी 2018 को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में सुरक्षाबलों के जवानों ने एक नाबालिग लड़की को भी बरामद किया था. 13 साल की नाबालिग लड़की ने माओवादी कमांडर जीवन कंडुलना सहित उसके दस्ते पर एक साल से यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. लड़की से बर्तन और अपने कपड़े धुलवाने के अलावा उसके साथ जीवन और दस्ते के अन्य सदस्य राइफल की नोक पर शारीरिक संबंध बनाते थे. 13 साल की लड़की ने बताया था कि जीवन कंडुलना दस्ते में कुल 11 सदस्य हैं, जो पोड़ाहाट के जोगोबेड़ा, जोजोगड़ा, रायबेड़ा, सेरेंगदा आदि क्षेत्र में रहते हैं तथा सरकार द्वारा चलाये जा रहे विकास कार्यों को बाधित करते हैं. लड़की के बयान पर महिला थाने में नक्सली जीवन कंडुलना, रामबीर, कालिया, सूर्या समेत अन्यों के खिलाफ पोक्सो एक्ट, दुष्कर्म व नक्सली धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.