रांची: राजधानी में देश का तीसरा रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई कोर्स कराए जा रहे है, लेकिन यहां के छात्रों को प्लेसमेंट की जगह 8-10 हजार में गार्ड की नौकरी मुहैया कराई जा रही है. इस खबर को ईटीवी भारत ने संजीदगी से दिखाई थी, जिसके बाद खबर का असर हुआ और शिक्षा मंत्री ने मामले में संज्ञान लेने की बात कही है.
रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई बेहतरीन कोर्स करवाए जा रहे हैं. एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस, पोस्ट ग्रैजुएट इन डिप्लोमा इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट जैसे कोर्स से विद्यार्थियों को रूबरू कराया जा रहा है, साथ ही डिग्रियां भी प्रदान की जाती है. लेकिन यहां के विद्यार्थियों को प्लेसमेंट के नाम पर एटीएम में गार्ड की नौकरी 8 से 10 हजार के पगार पर मुहैया करवाई जा रही है.
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मामले में संज्ञान लेंगी शिक्षा मंत्री
इस मामले को लेकर हमारी टीम ने सूबे के शिक्षा मंत्री नीरा यादव से बातचीत की है. नीरा यादव ने मामले पर संज्ञान लेने की बात कही है, साथ ही यह भी माना है कि संस्थान में विद्यार्थियों के साथ इस मामले को लेकर परेशानी जरूर हो रही है.
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प्लेसमेंट के नाम पर गार्ड की नौकरी
दरअसल, झारखंड में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2016 में बड़े ही धूमधाम से हुआ था. इस विश्वविद्यालय में मुख्य रूप से आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कोर्स की पढ़ाई होती है. यहां से डिग्री हासिल करने के बाद भी छात्र बेरोजगार हैं. उन्हें नौकरी के नाम पर विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ठगा जा रहा है. प्रथम सत्र के विद्यार्थियों को चेन्नई में सिक्योरिटी इंचार्ज के नाम पर एटीएम गार्ड की नौकरी दे दी गई थी. वह भी 8 से 10 हजार महीने की पगार पर. इस मामले को लेकर छात्र अभी भी आंदोलित है.