रांची: झारखंड में पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने के उद्येश्य से राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) ने राज्य सरकार के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. राजभवन में हुई इस बैठक में पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल सहित कई अधिकारी मौजूद थे. इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य में जिस तेजी से पर्यटन के क्षेत्र में विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है. राज्य में पर्यटन की अपार सम्भवनाएं हैं. यह राज्य के विकास और राजस्व में अहम भूमिका का निर्वाह कर सकता है.
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राज्यपाल ने कहा कि प्रकृति ने प्रदेश को असीम खूबसूरती प्रदान की है. हमें उस पर गौर कर विकसित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास की लिए हम सभी को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है. हमें पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा, ताकि राज्य के पर्यटन स्थलों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हो और लोग यहां आने के प्रति अधिक-से-अधिक आकर्षित हों. प्राकृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध विभिन्न स्थलों में आधारभूत संरचनाएं विकसित की जाएं. उन्होंने अधिकारियों से इस दिशा में समर्पित भाव से कार्य करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए राशि की चिंता न करें. आवश्यकता होगी तो वे केन्द्र सरकार से वार्ता कर पर्यटन के विकास के लिए राशि की मांग करेंगे.
अधिकारियों ने दी जानकारी
राजभवन में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में राज्यपाल को विभागीय कार्यों की जानकारी दी गई. इस बैठक में सचिव, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग अमिताभ कौशल सहित विभाग एवं निदेशालय और एनसीसी के अधिकारीगण मौजूद थे.
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पर्यटन सचिव ने राज्यपाल को दी पर्यटन को विकसित करने संबंधी जानकारी
बैठक में सचिव, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग अमिताभ कौशल ने कहा कि पिछले डेढ़ सालों से कोरोना ने पर्यटन और खेलकूद की गतिविधियों को प्रभावित किया है. झारखंड धार्मिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से समृद्ध है. यहां वैद्यनाथधाम, देवघर, बासुकीनाथ, दुमका, छिन्नमस्तिका, रजरप्पा, इटखोरी, लुगुबुरू जैसे कई धार्मिक स्थल हैं. जहां श्रद्धालु आते हैं. इसके साथ ही यहां के कई जलप्रपात जोन्हा, दशम, हुंडरू, सीता, लोध पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. उन्होंने कहा कि मलूटी में मंदिरों का संरक्षण कार्य चल रहा है. साथ ही बिरसा मुंडा कारागार का भी संरक्षण कार्य कर संग्राहलय में विकसित करने का कार्या किया जा रहा है. जहां झारखंड के विभिन्न जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा स्थापित कर उनकी जीवनी को दर्शाया जाएगा.
राज्यपाल ने अधिकारियों को दिए निर्देश
राज्यपाल ने कहा कि विदेशों में कृत्रिम (आर्टिफिशियल) प्रकृति का सृजन कर अच्छे पर्यटन की सुविधा विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है. जबकि हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध और भाग्यशाली है. उन्होंने पर्यटन स्थलों के पास रात्रि में पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था पर चर्चा करते हुए पर्यटकों के ठहराव की सुविधाएं उपलब्ध करने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों को ट्यूरिस्ट सर्किट निर्माण करने का निर्देश दिया. उन्होंने राजमहल में स्थापित फॉसिल्स पार्क में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आ सकें.
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खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का निर्देश
राज्यपाल ने बैठक में खिलाड़ियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि खिलाड़ियों पर विशेष ध्यान दिया जाय. उन्होंने कहा कि अक्सर सुनने में आता है कि किसी अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त खिलाड़ी द्वारा अपना मेडल तक गिरवी रखकर जीवनयापन करना पड़ रहा है, यह बहुत ही भयावह है. ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने विभाग से ऐसे खिलाड़ियों की ओर विशेष ध्यान देने को कहा है. उन्होंने कहा कि इस राज्य में तीरंदाजी, हॉकी आदि के क्षेत्र में कई प्रतिभाएं हैं. उन्होंने हॉकी खिलाड़ियों के लिए एस्ट्रोटर्फ, उनके प्रशिक्षण और प्रोत्साहन संबंधी अन्य सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ी विभिन्न पारिवारिक, आर्थिक समस्याओं के चिंताओं के बीच खेलते हैं. यदि वे चिंतामुक्त होकर खेलेंगे तो और अच्छा प्रदर्शन करेंगे.