रांची: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने कृषि कार्य को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना 'सेंट्रल सेक्टर स्कीम फाइनेंस इन फैसिलिटी अंडर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड' की शुरुआत की है. इस योजना के कार्यान्वयन के लिए कृषि निदेशक, झारखंड को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
बता दें कि राज्य में इस योजना के कार्यान्वयन और अनुश्रवण के लिए राज्य सरकार ने स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में मुख्य सचिव को अध्यक्ष बनाया गया है और कृषि पशुपालन और सहकारिता विभाग के सचिव को सदस्य बनाया गया है. साथ ही निबंधक सहयोग समितियां, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, क्षेत्रीय निदेशक, नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, कन्वेनर, एसएलबीसी इसके सदस्य होंगे. इस योजना के सदस्य सचिव, राज्य नोडल पदाधिकारी होंगे.
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योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा
यह समिति नेशनल लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से जारी गाइडलाइंस को राज्य स्तर पर कार्यान्वित करेगी और उसका फीडबैक एनएलएमसी को देगी. साथ ही पूरे राज्य में योजना को लागू कराने में मदद करेगी. यह समिति डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी के सहयोग से लाभुकों/परियोजनाओं के सूची की समीक्षा करेगी और इस योजना में सम्मिलित किए जाने के लिए अनुमोदित करेगी. भारत सरकार की ओर से निर्धारित आउटपुट और आउटकम मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क (ओओएमएफ) प्रपत्र के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करेगी और योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा करेगी.
डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
इसी तरह जिला स्तर पर योजनाओं की कार्यान्वयन और अनुश्रवण के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष उपायुक्त होंगे. साथ ही मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद उपाध्यक्ष होंगे. जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, सचिव जिला बाजार समिति, जिला मत्स्य पदाधिकारी और जिला अग्रणी पदाधिकारी इसके सदस्य होंगे. जिला प्रबंधक नाबार्ड इसके सदस्य सचिव होंगे.
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जिला प्रशासन की आवश्यकतानुसार सहयोग से समाधान करेगी
इस समिति का कार्य योजनाओं को निर्धारित फ्रेमवर्क के अनुसार लागू और अनुश्रवण कराने की होगी. योजना के सुचारू कार्यान्वयन की जिम्मेवारी इस समिति की होगी. पीएमयू के सहयोग से समिति लाभार्थियों का चयन करेगी और उनके सहयोग के लिए परियोजनाओं की व्यवहार्यता के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर एसएलएमसी को अनुशंसा करेगी. पीएमयू के सहयोग से इस योजना का डैशबोर्ड संधारित करेगी. योजना कार्यान्वयन में जिला स्तर पर आने वाले मुद्दों का जिला प्रशासन की आवश्यकतानुसार सहयोग से समाधान करेगी.