रांची: झारखंड प्रदेश के लिए भगवान बिरसा मुंडा की एक विशेष अहमियत है. नेता हो या अफसर या फिर आम आदमी, सभी भगवान बिरसा मुंडा की अहमियत को समझते हैं और उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. उनकी जयंती या पुण्यतिथि पर राज्यपाल, राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री या फिर कई विशिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता उन्हें याद करते हैं. लेकिन उनके यह सभी संकल्प और वादे कहीं ना कहीं नजर आती दिख रही है. अगर उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प इनके मन से होते हुए दिल तक पहुंचता तो शायद उनकी समाधि स्थल की स्थिति बेहतर होती ना की नारकीय होती.
पसरी है गंदगी
कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को कोकर के डिस्लरी पुल स्थित भगवान बिरसा मुंडा के समाधि स्थल के पास दिखा. भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल पर जाकर राज्य के बड़े-बड़े लोग विकास की गाथा लिखने का संकल्प लेते हैं, फिलहाल उनकी समाधि स्थल परिसर में पसरी गंदगी को देखने के बाद यह जरूर कहा जा सकता है कि यहां पर अभी तक विकास की एक लकीर भी नहीं खींची जा सकी है.
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सरकार की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न
समाधि स्थल के सामने पसरा नाली का पानी और कीचड़ भगवान बिरसा मुंडा के सपनों के प्रदेश को चकनाचूर करता दिख रहा है. अब इसे नगर निगम की लापरवाही कहें या जिला प्रशासन की उदासीनता. चाहे कुछ भी हो लेकिन भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल के सामने पसरा यह गंदगी निश्चित रूप से राज्य सरकार की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है.