रांची: कोयलांचल के कुख्यात अपराधी अमरेंद्र तिवारी की हत्या के बाद रांची में भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव गिरोह में गैंगवार की आशंका बढ़ गई है. भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव गिरोह के बीच गैंगवार में अब तक 500 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं.
एसआईटी का गठन
इधर, राजधानी में गैंगवार की आशंका को देखते हुए रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने हर गिरोह के ऊपर ही एक-एक एसआईटी का गठन कर दिया है. हर एसआईटी का प्रमुख डीएसपी स्तर के अधिकारी को बनाया गया है.
गिरोह पर रखी जा रही नजर
एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी को निर्देश दिया गया है कि वह जेल से छूटे अपराधियों पर नजर रखें. खासकर वैसे अपराधी जो पांडेय और श्रीवास्तव गिरोह से संबंध रखते हैं. एसआईटी में शहर के कई तेज तर्रार अफसरों को भी शामिल किया गया है. एसआईटी की टीम में शामिल पुलिसकर्मी जेल से छूटे वैसे अपराधी गिरोह के सदस्यों की वर्तमान गतिविधियों पर विशेष नजर रख रहे हैं.
जांच करने का निर्देश
जेल से छूटने के बाद भी अपने क्षेत्र में क्या कर रहे हैं, उनका मेलजोल किन-किन लोगों के साथ हो रहा है. इन सभी बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश एसएसपी के द्वारा दिया गया है. निर्देश यह भी है कि अगर जेल से निकला अपराधी संदिग्ध परिस्थिति में मिले तो तुरंत उसे गिरफ्तार भी कर लेना है.
ठिकानों पर छापेमारी का दिया गया निर्देश
जेल से छूटे कुख्यात अपराधी और उनके गिरोह के सदस्यों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. एसएसपी ने यह भी आदेश दिया है कि समय-समय पर अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की जाए. छापेमारी के दौरान अगर वह संदिग्ध अवस्था में पकड़ आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल में वापस डाल दिया जाए. एसआईटी की टीम को एटीएस की टीम के द्वारा भी सहयोग किया जाएगा.
कौन-कौन से गिरोह हैं सक्रिय
रांची में कुख्यात अपराधी संदीप थापा, विकास तिवारी, लव कुश शर्मा, अमन श्रीवास्तव बिट्टू मिश्रा, शमशाद अंसारी, अनिल शर्मा, धनंजय प्रधान और सुरेंद्र बंगाली गिरोह के गुर्गों पर पुलिस की नजर है. अमरेंद्र तिवारी की हत्या के बाद सुशील श्रीवास्तव गिरोह की कमान संभाल रहे अमन श्रीवास्तव ने उसकी हत्या का बदला लेने का ऐलान किया है. विकास तिवारी, लव कुश शर्मा, अनिल शर्मा, सुरेंद्र बंगाली जैसे गैंगस्टर जेल से ही अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं.
जेल पर नजर
एसएसपी ने एसआईटी की टीम को यह भी निर्देश दिया है कि जेल में बंद अपराधी किन किन लोगों से मिल रहे हैं उनकी भी सूची तैयार की जाए. उन पर भी नजर रखी जाए. पुलिस को जानकारी मिली है कि जेल से ही यह सभी अपराधी अपने गिरोह का संचालन करते हैं. जेल से आदेश आने के बाद ही उनके गुर्गे उनके नाम पर व्यवसायियों और ठेकेदारों से पैसों की वसूली करते हैं या फिर किसी हत्याकांड को अंजाम देते हैं.
फिलहाल पांडेय और श्रीवास्तव गिरोह पर नजर
बिहार के छपरा के रसूलपुर थाना क्षेत्र के घुरापाली गांव में तीन मार्च को अमरेंद्र तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अमरेंद्र के खिलाफ झारखंड के कई जिलों में एक दर्जन से अधिक हत्या के मामले दर्ज थे. अमरेंद्र तिवारी सुशील श्रीवास्तव गिरोह के लिए काम किया करता था. सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद अमरेंद्र ने भोला पांडेय गिरोह के कई लोगों को चुन-चुनकर मार डाला था.
सभी अपराधी गिरोह पर नजर
पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद वह अपने गांव में ही छिप कर रहने लगा था. रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि अमन तिवारी के मारे जाने के बाद खूनी संघर्ष में एक बार फिर से तेजी आ सकती है. ऐसे में राजधानी में सक्रिय सभी अपराधी गिरोह पर नजर रखी जा रही है, ताकि समय से पहले खून खराबा रोका जा सके.
श्रीवास्तव गिरोह ने 2018 में 40 लोगों की हत्या का प्लान बनाया था
साल 2017 में हजारीबाग कोर्ट के अंदर दिनदहाड़े भोला पांडेय गिरोह के अपराधियों ने सुशील श्रीवास्तव को गोलियों से भून डाला था. सुशील श्रीवास्तव के मारे जाने के बाद उसके बेटे अमन श्रीवास्तव ने अमरेंद्र तिवारी के साथ मिलकर भोला पांडेय गिरोह के 40 सदस्यों की सूची बनाई थी और उन्हें एक-एक कर मार डालने की योजना पर काम कर रहे थे. भाजपा नेता पंकज गुप्ता की हत्या के बाद यह खुलासा हुआ था.
एक-एक करके हत्या की जानी थी
बता दें कि भाजपा नेता पंकज गुप्ता की हत्या श्रीवास्तव गिरोह ने गलतफहमी में कर दी थी. पंकज गुप्ता नगड़ी में एक जमीन के सिलसिले में गए हुए थे. वहीं पर श्रीवास्तव गिरोह के अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. पंकज गुप्ता के हत्याकांड का जब खुलासा हुआ तब गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को जानकारी दी थी कि श्रीवास्तव गिरोह ने 40 ऐसे लोगों की सूची बनाई है जो किसी न किसी तरीके से पांडेय गिरोह से जुड़े हुए हैं और सभी की एक-एक करके हत्या की जानी है.
AK-47 सहित दर्जनों हथियार बरामद किए गए थे
उस समय पुलिस की तत्परता की वजह से श्रीवास्तव गिरोह के ठिकानों पर छापेमारी कर एके-47 सहित दर्जनों हथियार बरामद कर इस गैंगवार को रोक दिया गया था. लेकिन अब अमृत तिवारी को ही भोला पांडेय गिरोह ने अपने रास्ते से हटा दिया है. जिसके बाद श्रीवास्तव गिरोह में काफी आक्रोश है. इस आक्रोश का अंजाम सड़कों पर खून खराब में बदल सकता है. यही वजह है कि रांची पुलिस अलर्ट पर है और सभी गिरोहों पर नजर रखे हुए है.
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सबसे खतरनाक शूटर
बता दें कि अमरेंद्र तिवारी हजारीबाग कोर्ट में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव गिरोह का सबसे खतरनाक शूटर था. पांडेय गिरोह के सरगना भोला पांडेय की हत्या के बाद अमरेंद्र अपराध की दुनिया में एक खतरनाक अपराधी के रूप में उभर कर सामने आया था.