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फर्जी दस्तावेज पर लोन लेकर यूनियन बैंक को लगाया 62 लाख का चूना, आरोपियों की तलाश जारी

रांची के कांके रोड स्थित यूनियन बैंक में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. ठग ने फर्जी दस्तावेज देकर 62 लाख का चूना लगाया है. इस मामले को लेकर मामला बैंक मैनेजर ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. फिलहाल, पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है.

fraud in union bank of ranchi
गोंदा थाना
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Published : Oct 30, 2020, 10:24 AM IST

रांची: जिले में कार लेने के नाम पर बैंक से फर्जी दस्तावेज के जरिए 62 लाख की ठगी कर ली गई. यह मामला रांची के कांके रोड स्थित यूनियन बैंक का है. जहां से फर्जी दस्तावेज देकर 62 लाख रुपये का गबन किया गया है.

गोंदा थाने में मामला दर्ज
इस मामले को लेकर यूनियन बैंक के मैनेजर संदीप कुमार ने गोंदा थाना में मेर्सस शारदा ऑटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दीपक कुमार, गीता देवी, अरविंद भगत, अमित अग्रवाल, गायत्री देवी, कविता अग्रवाल प्रतिमा माधव, प्रीती सिंह, शमीम खान और सुब्रता भद्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दीपक कुमार ने ही सभी आरोपियों को बैंक से कार लोन दिलवाया था लेकिन कार का लोन लेने के बाद सभी आरोपियों ने कार नहीं खरीदी और पैसा रख लिया. लोन लेने के बाद आरोपियों ने कुछ माह तक ईएमआई भी भरा लेकिन आगे की किस्त बंद कर दी.

बैंक प्रबंधन ने की जांच

इस मामले में शक होने पर बैंक प्रबंधन ने मामले की जांच की तो पता चला कि लोन लेने के दौरान जो भी दस्तावेज बैंक में जमा किए गए थे, वे सभी फर्जी हैं. फर्जीवाड़े का पता चलते ही बैंक अधिकारियों ने लोन लेने वाले लोगों से संपर्क करना चाहा लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पाया. यहां तक कि उन्होंने जो अपने घर का एड्रेस दिया था वहां पर भी नहीं मिले.

ये भी पढ़े- धरातल पर नहीं उतर सकी पीएम स्वनिधि योजना, भुखमरी के कगार पर स्ट्रीट वेंडर

आरोपी ने लिया था 8 लाख का लोन
यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक ने पुलिस को बताया कि हर आरोपी ने कार खरीदने के लिए बैंक से आठ लाख रुपये का लोन लिया था. आरोपियों ने बैंक में कार की डिलीवरी चालान भी फर्जी जमा किया था. डिलीवरी चालान देखने के बाद बैंक प्रबंधन को भरोसा हो गया था कि आरोपियों ने लोन के पैसे से कार खरीदी है. बैंक प्रबंधन का कहना है कि दीपक कुमार डीलर था, इस वजह से लोन का सारा पैसा उसके खाते में गया था.

जांच में जुटी पुलिस
मामला दर्ज होने के बाद गोंदा पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है. गोंदा थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर ने बताया कि बैंक अधिकारियों से मिली जानकारी और फोन नंबर के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है. मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्त में आने के बाद यह खुलासा हो पाएगा कि इस तरह से और किन-किन बैंकों में फर्जीवाड़ा कर पैसे की ठगी की गई है.

रांची: जिले में कार लेने के नाम पर बैंक से फर्जी दस्तावेज के जरिए 62 लाख की ठगी कर ली गई. यह मामला रांची के कांके रोड स्थित यूनियन बैंक का है. जहां से फर्जी दस्तावेज देकर 62 लाख रुपये का गबन किया गया है.

गोंदा थाने में मामला दर्ज
इस मामले को लेकर यूनियन बैंक के मैनेजर संदीप कुमार ने गोंदा थाना में मेर्सस शारदा ऑटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दीपक कुमार, गीता देवी, अरविंद भगत, अमित अग्रवाल, गायत्री देवी, कविता अग्रवाल प्रतिमा माधव, प्रीती सिंह, शमीम खान और सुब्रता भद्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दीपक कुमार ने ही सभी आरोपियों को बैंक से कार लोन दिलवाया था लेकिन कार का लोन लेने के बाद सभी आरोपियों ने कार नहीं खरीदी और पैसा रख लिया. लोन लेने के बाद आरोपियों ने कुछ माह तक ईएमआई भी भरा लेकिन आगे की किस्त बंद कर दी.

बैंक प्रबंधन ने की जांच

इस मामले में शक होने पर बैंक प्रबंधन ने मामले की जांच की तो पता चला कि लोन लेने के दौरान जो भी दस्तावेज बैंक में जमा किए गए थे, वे सभी फर्जी हैं. फर्जीवाड़े का पता चलते ही बैंक अधिकारियों ने लोन लेने वाले लोगों से संपर्क करना चाहा लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पाया. यहां तक कि उन्होंने जो अपने घर का एड्रेस दिया था वहां पर भी नहीं मिले.

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आरोपी ने लिया था 8 लाख का लोन
यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक ने पुलिस को बताया कि हर आरोपी ने कार खरीदने के लिए बैंक से आठ लाख रुपये का लोन लिया था. आरोपियों ने बैंक में कार की डिलीवरी चालान भी फर्जी जमा किया था. डिलीवरी चालान देखने के बाद बैंक प्रबंधन को भरोसा हो गया था कि आरोपियों ने लोन के पैसे से कार खरीदी है. बैंक प्रबंधन का कहना है कि दीपक कुमार डीलर था, इस वजह से लोन का सारा पैसा उसके खाते में गया था.

जांच में जुटी पुलिस
मामला दर्ज होने के बाद गोंदा पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है. गोंदा थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर ने बताया कि बैंक अधिकारियों से मिली जानकारी और फोन नंबर के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है. मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्त में आने के बाद यह खुलासा हो पाएगा कि इस तरह से और किन-किन बैंकों में फर्जीवाड़ा कर पैसे की ठगी की गई है.

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