रांचीः अमेरिकी नौजवान फ्रांज गैसलर जल्द ही अमेरिका लौट जाएंगे. शनिवार को उन्होंने ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बात की और फिर अपना एक्सक्लूसिव वीडियो शेयर किया. ओरमांझी में युवा इंडिया संस्था चलाने वाले फ्रांज गैसलर ने यहां के बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद की है.
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि "नमस्ते ईटीवी भारत, मेरा नाम फ्रांज गैसलर है. मैं युवा इंडिया ट्रस्ट का डायरेक्टर हूं. मैं, मेरी बच्ची और मेरी पत्नी अमेरिका वापस जा रहे हैं कुछ समय के लिए, जब तक सब कुछ सेटल हो जाता है." फ्रांज गैसलर ने बताया कि अमेरिका में हालात अच्छे नहीं है और पूरी दुनिया में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. उन्हें उम्मीद है कि वे जब तक वापस लौटेंगे तब तक सब ठीक हो जाएगा.
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गरीबों की फिक्र
फ्रांज गैसलर ने कहा कि वे अपने कोच और दूसरे कर्मचारियों का वेतन नहीं रोकेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि ये समय सबके लिए मुश्किल भरा है लेकिन गरीबों के लिए ज्यादा मुश्किल हैं. संकट के समय हम लोग साथ हैं और सब ठीक हो जाएगा. उन्होंने अपने संदेश के जरिए गरीब लोगों के प्रति चिंता जताई और कहा कि जिन लोगों का काम बंद हो चुका है, जो लोग बहुत कम पैसे पर गुजर-बसर करते हैं वैसे लोगों को मदद करना चाहिए.
कौन हैं फ्रांज गैसलर
फ्रांज गैसलर एक अमेरिकी नौजवान हैं जिन्होंने साल 2009 में ओरमांझी में आकर युवा इंडिया नामक संस्था की स्थापना की थी. फ्रांज की पत्नी का नाम रोज और बेटी का नाम लियोना है. उन्होंने सबसे पहले इलाके के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे टीम बनाकर फुटबॉल खेल से जोड़ा. फ्रांज इस बात से दुखी रहते थे कि क्षेत्र की लड़कियों को सपने देखने की छूट नहीं थी. उन्होंनेलोगों के बीच भरोसा बनाया. आज युवा इंडिया के तहत डहु, हेसातु, गगारी, कुचू, कामता, कुल्ही जैसे ओरमांझी प्रखंड के कई गांवों में शाम के वक्त बच्चियां फुटबॉल खेलती हैं. इस संस्था के पास फुटबॉल की 25 टीम हैं, जिससे करीब 450 खिलाड़ी और 44 महिला कोच जुड़े हुए हैं. बीते साल 18 फरवरी 2019 को युवा इंडिया फाउंडेशन की फुटबॉल महिला टीम को मोनाको में आयोजित लोरियस अवॉर्ड फंक्शन के दौरान सम्मानित भी किया गया था.