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Jharkhand Assembly Winter Session: सदन से झारखंड मॉब लिंचिंग प्रिवेंशन बिल 2021 पास

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन प्रभारी मंत्री गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन आलमगीर आलम ने झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 सदन पटल पर रखा. चर्चा के बाद बिल में एक संशोधन के साथ बिल को पास कर दिया गया. जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 22 दिसंबर को ही 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

fourth day proceeding  jharkhand assembly winter session
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन
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Published : Dec 21, 2021, 11:11 AM IST

Updated : Dec 21, 2021, 3:49 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन प्रभारी मंत्री गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन आलमगीर आलम ने झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 सदन पटल पर रखा. आलमगीर आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपेक्ष में इस बिल को लाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा है कि किसी भी कांड में 2 से ज्यादा लोग शामिल होंगे, वह मॉब की श्रेणी में आएंगे. झारखंड में 2014 से लेकर 2019 तक 56 लोग इससे प्रभावित हुए हैं.

अमित मंडल ने संशोधन प्रस्ताव रखा

विधायक अमित मंडल ने कहा कि मॉब लिंचिंग बिल सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए लाया गया है. यह सरकार शिजोफ्रेनिया से पीड़ित है. सरकार सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है. इस बिल में मॉब का अर्थ बताया गया है दो या दो से अधिक व्यक्ति. आईएएस अफसरों ने सरकार को खुश करने के लिए यह परिभाषा दी है. आज कोई भी जनता सरकार के क्रियाकलाप से खुश नहीं है. इस बिल से अभिव्यक्ति की आजादी भी प्रभावित होगी. अमित मंडल ने कहा कि इस बिल में कई गलतियां है. इसलिए इसे प्रवर समिति को भेजना चाहिए. स्पीकर ने इस सवाल पर मतदान कराया जो अस्वीकृत हो गया. अमित मंडल ने मॉब लिंचिंग में दुर्बल शब्द पर आपत्ति जताई जिसे संसदीय कार्य मंत्री ने स्वीकार करते हुए आम नागरिक शब्द जोड़ने की बात स्वीकार की.

केदार हाजरा ने राजनीतिक संवाददाता को विलोपित करने की मांग की है. मतदान के बाद यह प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ. विधायक अमर बाउरी ने कहा कि यह बिल आदिवासी विरोधी है. झारखंड में आदिवासी समाज अपने मसले को खुद बैठकर निपटाता है. तब तो आदिवासी समाज के लोगों को भी इस बिल के दायरे में लाकर फंसाया जाएगा.

प्रदीप यादव ने कहा कि यह बिल स्वागत योग्य है, लेकिन राजस्थान की तर्ज पर इसमें प्रावधान होना चाहिए कि पीड़ित परिवार को बसाने और उनके जीवन यापन की व्यवस्था सरकार करे. प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा वाले इसलिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं क्योंकि मॉब लिंचिंग की घटनाओं के पीछे इन्हीं लोगों का हाथ होता है.

सीपी सिंह का वक्तव्य

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हवाले से कहा कि 2014 से पहले लिंचिंग शब्द कोई नहीं जानता था. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए सीपी सिंह ने पूछा कि 1984 में जो सिख विरोधी दंगा हुआ था, क्या वह मॉब लिंचिंग था या नहीं.

अनंत ओझा ने कहा कि इस बिल को जल्दबाजी में पास नहीं करना चाहिए. इसी वजह से कई संशोधन आए हैं. इस बिल को प्रवर समिति को भेजना चाहिए. मॉब लिंचिंग प्रिवेंशन बिल का विरोध करते हुए भाजपा विधायकों ने वाक आउट कर दिया.

भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सूचना दी. भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने प्रथम पाली में ध्यानाकर्षण की कॉपी पड़ी थी. यह बेहद गंभीर मामला है. इसपर आसन को संज्ञान लेना चाहिए. जिसके बाद स्पीकर ने भाजपा विधायक मनीष जयसवाल को शीतकालीन सत्र के शेष अवधि के लिए कार्यवाही से निष्कासित कर दिया गया. स्पीकर ने कहा कि भाजपा विधायक ने सदन में गलत आचरण पेश किया है. इसलिए उन्हें सदन की कार्यवाही से निष्कासित किया जाता है.

जिस पर सीपी सिंह ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने प्रस्ताव रखा और उसे देखते हुए मनीष जयसवाल को निलंबित कर दिया गया. सदन भावना से नहीं चलती है. विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य नियमावली है. आपको बताना चाहिए कि किस नियम के तहत मनीष जयसवाल को निलंबित किया गया. अगर आपने भावना के आधार पर निलंबित किया है तो सभी भाजपा विधायकों को भी निलंबित करें.स्पीकर के फैसले के विरोध में सभी भाजपा विधायकों ने प्रोसिडिंग की कॉपी फाड़ कर सदन में उड़ाई.

कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सदन की गरिमा पर आघात पहुंचाया है. उन्होंने आसन की ओर से कार्रवाई किए जाने पर धन्यवाद दिया. उधर भाजपा विधायक मनीष जायसवाल को मार्शल आउट किया गया.

बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने ध्यानाकर्षण की कॉपी फाड़ते हुए कार्यवाही में भाग नहीं लेने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जेपीएससी जैसे गंभीर मसले पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है. इस पर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि संबंधित विधायक पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में सत्तापक्ष के विधायक भी वेल में पहुंच गए. जिसके बाद वेल में टकराव वाली स्थिति बन गई. दोनों पक्ष के विरोध को देखते हुए सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सूचना के तहत भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन को बताया कि झारखंड में आदिवासी छात्रों का जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए डॉक्यूमेंट मांगा जा रहा है. लेकिन बांग्लादेश से आए लोगों का स्वघोषणा पर प्रमाण पत्र बन रहा है. जिस पर सीएम ने बयान दिया कि जाति प्रमाण पत्र पर सरकार ने संज्ञान लिया है. 29 दिसंबर के बाद हर एक स्कूल में जो सरकारी हो या गैर सरकारी हो. सभी वर्ग के बच्चों का स्पेशल ड्राइव चलाकर 6 माह के भीतर जाति प्रमाण पत्र बना दिया जाएगा. सीएम ने कहा कि हर क्लास के बच्चों का स्कूल स्तर पर ही जाति प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. इसके लिए भी विशेष ड्राइव चलेगा. जिस पर विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यहां के मुस्लिम भाई को स्वघोषणा के आधार पर जाति प्रमाण पत्र मिले, लेकिन बांग्लादेश से आए मुसलमानों को यह क्यों दिया जा रहा है. उन्होंने 5 फरवरी 2021 के संकल्प का हवाला दिया. जिस पर सीएम ने कहा कि हम लोग बांग्लादेश के लोगों के लिए नहीं बैठे हैं. हम लोग यहां के आदिवासी, दलित, पिछड़ों के लिए बैठे हैं. भाजपा वाले हिंदू और मुस्लिम के सौहार्द्र को बिगाड़ते हैं.

सदन में शून्यकाल की कार्यवाही चल रही है. जबकि भाजपा विधायक वेल में बैठ कर विरोध दर्ज करा रहे हैं. इससे पहले सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू हुई. भाजपा विधायक बिरंची नारायण, मनीष जयसवाल, राज सिन्हा और आजसू विधायक लंबोदर महतो की कार्य स्थगन की सूचनाएं अमान्य कर दी गई. मुख्य विपक्षी दल भाजपा विधायकों का वेल में हंगामा जारी है. इसी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही भी चल रही है.

सरयू राय ने पिछले दिनों अस्पताल को लेकर जो सवाल पूछा था उस पर आज स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों जवाब थोड़ा भ्रामक था लेकिन अब उनके सवाल का पूरा जवाब दे दिया गया है. जिस पर सरयू राय ने कहा कि मंत्री खुद कह रहे हैं कि जवाब भ्रामक था, इसलिए तय होना चाहिए कि सदन मंत्री पर किस तरह की कार्रवाई करे. इस बीच हंगामे की वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सदन में प्रदीप यादव ने सवाल किया कि राज्य में मृतप्राय उद्योगों की सूची क्या है. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि मृतप्राय उद्योगों की सूची तैयार करने के लिए कॉर्पोरेशन का गठन हो गया है. कॉर्पोरेशन से लिस्ट मिलते ही इस दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा. प्रदीप यादव ने पूछा कि क्या सरकार बताएगी कि ऐसे उद्योगों के रिवाइवल के लिए कितने पैसे अलग से रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की तरह दिल्ली और मुंबई में समिट ना करें. बल्कि झारखंड में मृतप्राय हो चुके उद्योगों को खड़ा करने की दिशा में काम किया जाए.

चौथे दिन की कार्यवाही की शुरुआत भी हंगामे के साथ हुई. जेपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर भाजपा विधायक वेल में पहुंच गए. इस पर स्पीकर ने कहा कि जेपीएससी के मुद्दे पर कल ही सदन में मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब दिया जा चुका है. सिर्फ इसी मुद्दे को लेकर हंगामा खड़ा करना सही नहीं है. जिसके बाद वेल में भाजपा के हंगामे के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रही.

आज की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल में वन पर्यावरण, स्कूली शिक्षा विभाग, उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग, सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग, पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद विभाग, उद्योग विभाग, खान विभाग, जल संसाधन विभाग के अलावा खाद्य आपूर्ति विभाग से जुड़े सवालों के जवाब दिए जाएंगे.

22 दिसंबर यानी सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान नगर विकास विभाग, भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अलावा महिला बार विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग से जुड़े सवालों के जवाब दिए जाएंगे.

इससे पहले सत्र के तीसरे दिन सोमवार को 926.12 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पास हो गया है. अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक सदन में मौजूद नहीं थे. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पिछली सरकार में फिजुलखर्ची बहुत होती थी. हमारी सरकार सोशल एडवांटेज पर फोकस कर पैसे खर्च करती है. गांव और शहर में रहने वाले गरीबों को राशन देने के लिए खर्च किया जा रहा है. गरीबों को धोती साड़ी लूंगी दे रहे हैं. अब यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का लाभ दे रहे हैं. करीब 13 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा.

रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन प्रभारी मंत्री गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन आलमगीर आलम ने झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 सदन पटल पर रखा. आलमगीर आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपेक्ष में इस बिल को लाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा है कि किसी भी कांड में 2 से ज्यादा लोग शामिल होंगे, वह मॉब की श्रेणी में आएंगे. झारखंड में 2014 से लेकर 2019 तक 56 लोग इससे प्रभावित हुए हैं.

अमित मंडल ने संशोधन प्रस्ताव रखा

विधायक अमित मंडल ने कहा कि मॉब लिंचिंग बिल सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए लाया गया है. यह सरकार शिजोफ्रेनिया से पीड़ित है. सरकार सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है. इस बिल में मॉब का अर्थ बताया गया है दो या दो से अधिक व्यक्ति. आईएएस अफसरों ने सरकार को खुश करने के लिए यह परिभाषा दी है. आज कोई भी जनता सरकार के क्रियाकलाप से खुश नहीं है. इस बिल से अभिव्यक्ति की आजादी भी प्रभावित होगी. अमित मंडल ने कहा कि इस बिल में कई गलतियां है. इसलिए इसे प्रवर समिति को भेजना चाहिए. स्पीकर ने इस सवाल पर मतदान कराया जो अस्वीकृत हो गया. अमित मंडल ने मॉब लिंचिंग में दुर्बल शब्द पर आपत्ति जताई जिसे संसदीय कार्य मंत्री ने स्वीकार करते हुए आम नागरिक शब्द जोड़ने की बात स्वीकार की.

केदार हाजरा ने राजनीतिक संवाददाता को विलोपित करने की मांग की है. मतदान के बाद यह प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ. विधायक अमर बाउरी ने कहा कि यह बिल आदिवासी विरोधी है. झारखंड में आदिवासी समाज अपने मसले को खुद बैठकर निपटाता है. तब तो आदिवासी समाज के लोगों को भी इस बिल के दायरे में लाकर फंसाया जाएगा.

प्रदीप यादव ने कहा कि यह बिल स्वागत योग्य है, लेकिन राजस्थान की तर्ज पर इसमें प्रावधान होना चाहिए कि पीड़ित परिवार को बसाने और उनके जीवन यापन की व्यवस्था सरकार करे. प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा वाले इसलिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं क्योंकि मॉब लिंचिंग की घटनाओं के पीछे इन्हीं लोगों का हाथ होता है.

सीपी सिंह का वक्तव्य

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हवाले से कहा कि 2014 से पहले लिंचिंग शब्द कोई नहीं जानता था. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए सीपी सिंह ने पूछा कि 1984 में जो सिख विरोधी दंगा हुआ था, क्या वह मॉब लिंचिंग था या नहीं.

अनंत ओझा ने कहा कि इस बिल को जल्दबाजी में पास नहीं करना चाहिए. इसी वजह से कई संशोधन आए हैं. इस बिल को प्रवर समिति को भेजना चाहिए. मॉब लिंचिंग प्रिवेंशन बिल का विरोध करते हुए भाजपा विधायकों ने वाक आउट कर दिया.

भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सूचना दी. भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने प्रथम पाली में ध्यानाकर्षण की कॉपी पड़ी थी. यह बेहद गंभीर मामला है. इसपर आसन को संज्ञान लेना चाहिए. जिसके बाद स्पीकर ने भाजपा विधायक मनीष जयसवाल को शीतकालीन सत्र के शेष अवधि के लिए कार्यवाही से निष्कासित कर दिया गया. स्पीकर ने कहा कि भाजपा विधायक ने सदन में गलत आचरण पेश किया है. इसलिए उन्हें सदन की कार्यवाही से निष्कासित किया जाता है.

जिस पर सीपी सिंह ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने प्रस्ताव रखा और उसे देखते हुए मनीष जयसवाल को निलंबित कर दिया गया. सदन भावना से नहीं चलती है. विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य नियमावली है. आपको बताना चाहिए कि किस नियम के तहत मनीष जयसवाल को निलंबित किया गया. अगर आपने भावना के आधार पर निलंबित किया है तो सभी भाजपा विधायकों को भी निलंबित करें.स्पीकर के फैसले के विरोध में सभी भाजपा विधायकों ने प्रोसिडिंग की कॉपी फाड़ कर सदन में उड़ाई.

कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सदन की गरिमा पर आघात पहुंचाया है. उन्होंने आसन की ओर से कार्रवाई किए जाने पर धन्यवाद दिया. उधर भाजपा विधायक मनीष जायसवाल को मार्शल आउट किया गया.

बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने ध्यानाकर्षण की कॉपी फाड़ते हुए कार्यवाही में भाग नहीं लेने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जेपीएससी जैसे गंभीर मसले पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है. इस पर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि संबंधित विधायक पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में सत्तापक्ष के विधायक भी वेल में पहुंच गए. जिसके बाद वेल में टकराव वाली स्थिति बन गई. दोनों पक्ष के विरोध को देखते हुए सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सूचना के तहत भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन को बताया कि झारखंड में आदिवासी छात्रों का जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए डॉक्यूमेंट मांगा जा रहा है. लेकिन बांग्लादेश से आए लोगों का स्वघोषणा पर प्रमाण पत्र बन रहा है. जिस पर सीएम ने बयान दिया कि जाति प्रमाण पत्र पर सरकार ने संज्ञान लिया है. 29 दिसंबर के बाद हर एक स्कूल में जो सरकारी हो या गैर सरकारी हो. सभी वर्ग के बच्चों का स्पेशल ड्राइव चलाकर 6 माह के भीतर जाति प्रमाण पत्र बना दिया जाएगा. सीएम ने कहा कि हर क्लास के बच्चों का स्कूल स्तर पर ही जाति प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. इसके लिए भी विशेष ड्राइव चलेगा. जिस पर विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यहां के मुस्लिम भाई को स्वघोषणा के आधार पर जाति प्रमाण पत्र मिले, लेकिन बांग्लादेश से आए मुसलमानों को यह क्यों दिया जा रहा है. उन्होंने 5 फरवरी 2021 के संकल्प का हवाला दिया. जिस पर सीएम ने कहा कि हम लोग बांग्लादेश के लोगों के लिए नहीं बैठे हैं. हम लोग यहां के आदिवासी, दलित, पिछड़ों के लिए बैठे हैं. भाजपा वाले हिंदू और मुस्लिम के सौहार्द्र को बिगाड़ते हैं.

सदन में शून्यकाल की कार्यवाही चल रही है. जबकि भाजपा विधायक वेल में बैठ कर विरोध दर्ज करा रहे हैं. इससे पहले सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू हुई. भाजपा विधायक बिरंची नारायण, मनीष जयसवाल, राज सिन्हा और आजसू विधायक लंबोदर महतो की कार्य स्थगन की सूचनाएं अमान्य कर दी गई. मुख्य विपक्षी दल भाजपा विधायकों का वेल में हंगामा जारी है. इसी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही भी चल रही है.

सरयू राय ने पिछले दिनों अस्पताल को लेकर जो सवाल पूछा था उस पर आज स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों जवाब थोड़ा भ्रामक था लेकिन अब उनके सवाल का पूरा जवाब दे दिया गया है. जिस पर सरयू राय ने कहा कि मंत्री खुद कह रहे हैं कि जवाब भ्रामक था, इसलिए तय होना चाहिए कि सदन मंत्री पर किस तरह की कार्रवाई करे. इस बीच हंगामे की वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सदन में प्रदीप यादव ने सवाल किया कि राज्य में मृतप्राय उद्योगों की सूची क्या है. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि मृतप्राय उद्योगों की सूची तैयार करने के लिए कॉर्पोरेशन का गठन हो गया है. कॉर्पोरेशन से लिस्ट मिलते ही इस दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा. प्रदीप यादव ने पूछा कि क्या सरकार बताएगी कि ऐसे उद्योगों के रिवाइवल के लिए कितने पैसे अलग से रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की तरह दिल्ली और मुंबई में समिट ना करें. बल्कि झारखंड में मृतप्राय हो चुके उद्योगों को खड़ा करने की दिशा में काम किया जाए.

चौथे दिन की कार्यवाही की शुरुआत भी हंगामे के साथ हुई. जेपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर भाजपा विधायक वेल में पहुंच गए. इस पर स्पीकर ने कहा कि जेपीएससी के मुद्दे पर कल ही सदन में मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब दिया जा चुका है. सिर्फ इसी मुद्दे को लेकर हंगामा खड़ा करना सही नहीं है. जिसके बाद वेल में भाजपा के हंगामे के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रही.

आज की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल में वन पर्यावरण, स्कूली शिक्षा विभाग, उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग, सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग, पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद विभाग, उद्योग विभाग, खान विभाग, जल संसाधन विभाग के अलावा खाद्य आपूर्ति विभाग से जुड़े सवालों के जवाब दिए जाएंगे.

22 दिसंबर यानी सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान नगर विकास विभाग, भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अलावा महिला बार विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग से जुड़े सवालों के जवाब दिए जाएंगे.

इससे पहले सत्र के तीसरे दिन सोमवार को 926.12 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पास हो गया है. अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक सदन में मौजूद नहीं थे. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पिछली सरकार में फिजुलखर्ची बहुत होती थी. हमारी सरकार सोशल एडवांटेज पर फोकस कर पैसे खर्च करती है. गांव और शहर में रहने वाले गरीबों को राशन देने के लिए खर्च किया जा रहा है. गरीबों को धोती साड़ी लूंगी दे रहे हैं. अब यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का लाभ दे रहे हैं. करीब 13 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा.

Last Updated : Dec 21, 2021, 3:49 PM IST
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