रांची: अपराधियों की चहलकदमी से परेशान रांची पुलिस के सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है. बिहार के कटिहार का खतरनाक कोढ़ा गिरोह एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. रांची पुलिस और बोकारो पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रांची के ओरमांझी स्थित शंकर घाट से कोढ़ा गिरोह के चार अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है.
कैसे करता है गिरोह काम
कोढ़ा गैंग के सदस्य बैंक या एटीएम के बाहर बुजुर्गों, महिलाओं को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य बाइक का इस्तेमाल करते हैं, बगैर हथियार का इस्तेमाल किए ये बैंक से निकलने वालों को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह समेत कई जगहों पर सक्रिय रहे हैं. कटिहार के कोढ़ा गांव के लोग देशभर में घूम-घूमकर अपराधिक वारदात को अंजाम देते हैं.
धनबाद-रांची ठिकाना , नेपाल तक है दायरा
अपराधियों ने स्वीकार किया है कि झारखंड में कोढ़ा गिरोह के 50 से अधिक सदस्य फिलहाल सक्रिय हैं, जिनमें सबसे अधिक रांची और धनबाद में अलग-अलग जगह पर अपना ठिकाना बना कर रह रहे हैं और मौका मिलते ही अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. यह गिरोह बेहद शातिर है, अपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद यह दो-तीन महीनों के लिए नेपाल भाग जाते हैं और फिर मामला शांत होने के बाद दोबारा दूसरे शहर जा कर छिनतई और लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं.
14 मामलों का खुलासा
गिरफ्तारी के बाद कई लूट कांड का खुलासा हुआ है, रांची के रिम्स अस्पताल से एक पुलिस वाले से लूट की वारदात को इसी गिरोह ने अंजाम दिया था. इसके अलावा झारखंड के बोकारो में इस गिरोह ने कुल 11 घटनाओं को अंजाम दिया था. वहीं इसी गैंग ने हजारीबाग, रांची और रामगढ़ में भी वारदातों को अंजाम दिया है.