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राजधानी से कोढ़ा गिरोह के चार अपराधी गिरफ्तार, किराये के मकान को बना रखा था ठिकाना

रांची के ओरमांझी से कटिहार के कुख्यात कोढ़ा गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग शंकर घाट में किराए के मकान में छिपकर रह रहे थे. बोकारो में हुए कई लूट कांड में बोकारो पुलिस को इन अपराधियों की तलाश थी.

Four criminals of Korha gang arrested
ढ़ा गिरोह के चार अपराधी गिरफ्तार
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Published : Sep 6, 2020, 12:55 AM IST

रांची: अपराधियों की चहलकदमी से परेशान रांची पुलिस के सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है. बिहार के कटिहार का खतरनाक कोढ़ा गिरोह एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. रांची पुलिस और बोकारो पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रांची के ओरमांझी स्थित शंकर घाट से कोढ़ा गिरोह के चार अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है.

Four criminals of Korha gang arrested
बरामद सामान
बोकारो पुलिस की सूचना पर रांची में रेड कटिहार के कुख्यात कोढ़ा गिरोह के चार सदस्य रांची के ओरमांझी स्थित शंकर घाट में किराए के मकान में छिपकर रह रहे थे. बोकारो में हुए कई लूट कांड में बोकारो पुलिस इन अपराधियों की तलाश में जुटी हुई थी. जिसके लिए एक एसआईटी का गठन भी किया गया था, बोकारो की एसआईटी टीम कॉल डंपिंग पद्धति के जरिये टावर लोकेशन का पीछा करते हुए रांची के ओरमांझी पहुंची जहां उन्हें सफलता हाथ लगी.कौन-कौन हुआ गिरफ्तार गिरफ्तार आरोपियों में बिहार के कटिहार स्थित कोढ़ा गांव का राम कुमार यादव, गणेश कुमार यादव, किशन कुमार यादव और विकास कुमार यादव शामिल है, सभी रांची के ओरमांझी में किराये के कमरे में छिपे थे. रांची पुलिस की मदद से घेराबंदी कर सभी को दबोचा गया.क्या-क्या हुआ बरामदगिरफ्तार अपरधियों के पास से छीने गए एक लाख 50 हजार चार सौ पचास रुपये, चोरी की दो बाइक और सात मोबाइल फोन बरामद हुए हैं.खुजली पाउडर बरमादकोढ़ा गैंग के सदस्यों के पास से 17 पैकेट उरकुशी (खुजली पैदा करने वाला डस्ट) बरामद किया गया. पूछताछ में अपरधियों ने बताया कि बैंकों की रेकी करने के बाद ग्राहकों को निशाना बनाते वक्त इस पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. बैंक ग्राहकों के शरीर पर छिड़कते वे असहज हो जाते हैं. ऐसे में छिनतई आसान हो जाती है.ये भी पढ़ें- नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी निकला पुलिसवाले का बेटा, गिरफ्तार कर भेजा गया जेल

कैसे करता है गिरोह काम
कोढ़ा गैंग के सदस्य बैंक या एटीएम के बाहर बुजुर्गों, महिलाओं को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य बाइक का इस्तेमाल करते हैं, बगैर हथियार का इस्तेमाल किए ये बैंक से निकलने वालों को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह समेत कई जगहों पर सक्रिय रहे हैं. कटिहार के कोढ़ा गांव के लोग देशभर में घूम-घूमकर अपराधिक वारदात को अंजाम देते हैं.

धनबाद-रांची ठिकाना , नेपाल तक है दायरा
अपराधियों ने स्वीकार किया है कि झारखंड में कोढ़ा गिरोह के 50 से अधिक सदस्य फिलहाल सक्रिय हैं, जिनमें सबसे अधिक रांची और धनबाद में अलग-अलग जगह पर अपना ठिकाना बना कर रह रहे हैं और मौका मिलते ही अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. यह गिरोह बेहद शातिर है, अपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद यह दो-तीन महीनों के लिए नेपाल भाग जाते हैं और फिर मामला शांत होने के बाद दोबारा दूसरे शहर जा कर छिनतई और लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं.

14 मामलों का खुलासा
गिरफ्तारी के बाद कई लूट कांड का खुलासा हुआ है, रांची के रिम्स अस्पताल से एक पुलिस वाले से लूट की वारदात को इसी गिरोह ने अंजाम दिया था. इसके अलावा झारखंड के बोकारो में इस गिरोह ने कुल 11 घटनाओं को अंजाम दिया था. वहीं इसी गैंग ने हजारीबाग, रांची और रामगढ़ में भी वारदातों को अंजाम दिया है.

रांची: अपराधियों की चहलकदमी से परेशान रांची पुलिस के सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है. बिहार के कटिहार का खतरनाक कोढ़ा गिरोह एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. रांची पुलिस और बोकारो पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रांची के ओरमांझी स्थित शंकर घाट से कोढ़ा गिरोह के चार अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है.

Four criminals of Korha gang arrested
बरामद सामान
बोकारो पुलिस की सूचना पर रांची में रेड कटिहार के कुख्यात कोढ़ा गिरोह के चार सदस्य रांची के ओरमांझी स्थित शंकर घाट में किराए के मकान में छिपकर रह रहे थे. बोकारो में हुए कई लूट कांड में बोकारो पुलिस इन अपराधियों की तलाश में जुटी हुई थी. जिसके लिए एक एसआईटी का गठन भी किया गया था, बोकारो की एसआईटी टीम कॉल डंपिंग पद्धति के जरिये टावर लोकेशन का पीछा करते हुए रांची के ओरमांझी पहुंची जहां उन्हें सफलता हाथ लगी.कौन-कौन हुआ गिरफ्तार गिरफ्तार आरोपियों में बिहार के कटिहार स्थित कोढ़ा गांव का राम कुमार यादव, गणेश कुमार यादव, किशन कुमार यादव और विकास कुमार यादव शामिल है, सभी रांची के ओरमांझी में किराये के कमरे में छिपे थे. रांची पुलिस की मदद से घेराबंदी कर सभी को दबोचा गया.क्या-क्या हुआ बरामदगिरफ्तार अपरधियों के पास से छीने गए एक लाख 50 हजार चार सौ पचास रुपये, चोरी की दो बाइक और सात मोबाइल फोन बरामद हुए हैं.खुजली पाउडर बरमादकोढ़ा गैंग के सदस्यों के पास से 17 पैकेट उरकुशी (खुजली पैदा करने वाला डस्ट) बरामद किया गया. पूछताछ में अपरधियों ने बताया कि बैंकों की रेकी करने के बाद ग्राहकों को निशाना बनाते वक्त इस पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. बैंक ग्राहकों के शरीर पर छिड़कते वे असहज हो जाते हैं. ऐसे में छिनतई आसान हो जाती है.ये भी पढ़ें- नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी निकला पुलिसवाले का बेटा, गिरफ्तार कर भेजा गया जेल

कैसे करता है गिरोह काम
कोढ़ा गैंग के सदस्य बैंक या एटीएम के बाहर बुजुर्गों, महिलाओं को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य बाइक का इस्तेमाल करते हैं, बगैर हथियार का इस्तेमाल किए ये बैंक से निकलने वालों को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह समेत कई जगहों पर सक्रिय रहे हैं. कटिहार के कोढ़ा गांव के लोग देशभर में घूम-घूमकर अपराधिक वारदात को अंजाम देते हैं.

धनबाद-रांची ठिकाना , नेपाल तक है दायरा
अपराधियों ने स्वीकार किया है कि झारखंड में कोढ़ा गिरोह के 50 से अधिक सदस्य फिलहाल सक्रिय हैं, जिनमें सबसे अधिक रांची और धनबाद में अलग-अलग जगह पर अपना ठिकाना बना कर रह रहे हैं और मौका मिलते ही अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. यह गिरोह बेहद शातिर है, अपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद यह दो-तीन महीनों के लिए नेपाल भाग जाते हैं और फिर मामला शांत होने के बाद दोबारा दूसरे शहर जा कर छिनतई और लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं.

14 मामलों का खुलासा
गिरफ्तारी के बाद कई लूट कांड का खुलासा हुआ है, रांची के रिम्स अस्पताल से एक पुलिस वाले से लूट की वारदात को इसी गिरोह ने अंजाम दिया था. इसके अलावा झारखंड के बोकारो में इस गिरोह ने कुल 11 घटनाओं को अंजाम दिया था. वहीं इसी गैंग ने हजारीबाग, रांची और रामगढ़ में भी वारदातों को अंजाम दिया है.

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