रांचीः एक युवती के यौन शोषण के मामले में आरोपी सुनील तिवारी को यूपी के इटावा जिले से गिरफ्तार कर रांची लाया गया है. रांची एयरपोर्ट पहुंचते ही सुनील तिवारी ने बड़ा बयान दिया है. सुनील तिवारी ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्य सरकार उन्हें जान से मरवाना चाहती है.
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह फरार थे. इसी महीने 12 तारीख को उन्हें उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से गिरफ्तार किया गया. सुनील तिवारी को फिलहाल रांची सदर अस्पताल ले जाया गया है, जहां पर कोविड जांच के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.
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रांची एयरपोर्ट पहुंचने पर ईटीवी भारत की टीम ने सुनील तिवारी से बात की. सुनील तिवारी ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि "सरकार मुझे जान से मरवाना चाहती है. मुंबई में हुए हमले को लेकर वो पहले ही सीएम के खिलाफ केस कर चुके हैं. लिहाजा सरकार द्वेष की भावना से मुझे फंसाने का प्रयास कर रही है ताकि मुख्यमंत्री पर लगे आरोप का पर्दाफाश ना हो सके."
12 सितंबर को यूपी से हुई थी गिरफ्तारी
बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी को रांची की अरगोड़ा पुलिस ने 12 सितंबर रविवार को यूपी के इटावा से गिरफ्तार किया था. इसके बाद सुनील तिवारी की तबीयत बिगड़ गई. सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें इटावा के सैफई अस्पताल ले जाया गया और वहां से उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया. तबीयत में सुधार होने पर पुलिस उन्हें रांची लेकर पहुंची है.
घरेलू नौकरानी ने दर्ज करवाया है रेप का मामला
सुनील तिवारी के खिलाफ 16 अगस्त को अरगोड़ा थाना में दुष्कर्म, छेड़छाड़ और एसटी-एससी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर में पीड़ित ने बताया था कि खूंटी की रहनेवाली लक्ष्मी बाखला ने उसे सुनील तिवारी के घर पर काम पर रखवाया था. यहां रहकर वह कॉलेज में पढ़ने जाती थी, इसके बाद घर का कामकाज भी करती थी.युवती का आरोप है कि मार्च 2020 में सुनील तिवारी ने घर की छत पर उसके साथ दुष्कर्म किया.
इसके बाद सुनील ने इसे लेकर माफी भी मांगी कि शराब के नशे में गलती हो गई. लेकिन बाद में वह उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे. युवती ने बताया कि बाद में परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया था. युवती ने अरगोड़ा थाना में दिए आवेदन में बताया है कि फोन पर भी उसे धमकी दी गई थी. युवती के बयान पर सुनील तिवारी के खिलाफ 376 (1), 354 ए, 354 बी, 504, 506 आईपीसी और एसटी-एससी एक्ट की संगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
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श्रम कानून के उल्लंघन का भी दर्ज है मामला
सुनील तिवारी पर बाल श्रम कानून के तहत भी मामला दर्ज है. श्रम अधीक्षक सह बालक एवं किशाेर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) के निरीक्षक अविनाश कृष्ण की ओर से अरगोड़ा थाने में एफआइआर दर्ज की गई है. सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष के द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में यह केस दर्ज किया गया है. इसमें कडरू एजी कॉलोनी के रहने वाले सुनील तिवारी को आरोपी बनाते हुए कहा गया है कि उनके घर में रहने वाली बच्ची की उम्र 13 वर्ष है. जिसे बाल श्रम कानून का उल्लंघन कर रखा गया था. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए नियम के अनुसार 20 हजार रुपया चाइल्ड लेबर रिहैबिलेशन कम वेलफेयर फंड रांची में जमा करने की बात भी कही गई है.