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झारखंड कांग्रेस समन्वय समिति पर बीजेपी का तंज, कहा- कोआर्डिनेशन नहीं कलह दूर करने की कमिटी

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Published : Feb 5, 2022, 1:41 PM IST

Updated : Feb 5, 2022, 2:13 PM IST

झारखंड कांग्रेस समन्वय समिति पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी ने इस कलह रोकने वाली कमिटी बताया है. बीजेपी के हमले के उलट कांग्रेस ने इस कमिटी से पार्टी के मजबूत होने की उम्मीद जताई है.

Congress Coordination Committee
झारखंड कांग्रेस समन्वय समिति

रांची: झारखंड में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पार्टी संगठन में समन्वय बनाने के लिए आलाकमान ने 17 सदस्यीय झारखंड प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति बना दी है जिसके चेयरमैन, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और को चेयरमैन उमंग सिंघार बनाए गए हैं तो प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को संयोजक बनाया गया है. कांग्रेस की समन्वय समिति पर बीजेपी ने तंज कसा है.

ये भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेसः संगठन और सरकार के बीच समन्वय बनाएंगे मंत्री, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय का है निर्देश

समन्वय नहीं कलह दूर करने की कमेटी: बीजेपी के प्रदेश प्रभारी प्रदीप सिन्हा ने कहा कि यह समन्वय के लिए नहीं बल्कि आपसी कलह दूर करने की कमिटी है. पर सवाल यह कि मंत्री रामेश्वर उरांव और पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के बीच समन्वय कैसे होगा जो अभी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इसी तरह मंत्री आलमगीर आलम और हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू के बीच कैसे और कौन समन्वय स्थापित करेगा यह बड़ा सवाल है. भाजपा नेता ने कहा कि 17 सदस्यों वाला कांग्रेस को आर्डिनेशन कमिटी का हाल कहीं ज्यादा जोगी मठ उजाड़ वाला न हो जाए.

देखें वीडियो

बीजेपी के हमले पर कांग्रेस का जवाब: कांग्रेस ने बीजेपी के तंज को बेकार की बातें करार देते हुए झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कहीं कोई दिक्कत नहीं है. पार्टी में लौटे सुखदेव भगत ने मंच पर रामेश्वर उरांव का पैर छूकर आशीर्वाद लिया है तो प्रदीप बालमुचू ने मंच से ही अपनी गलती के लिए माफी मांग ली है. ऐसे में न कहीं कोई मतभेद है और न मनमुटाव. उन्होंने कहा कि कोआर्डिनेशन कमिटी से कांग्रेस की धार और तेज होगी.

एक म्यान में चार तलवार: कांग्रेस में विवाद से भले ही पार्टी इनकार कर रही हो लेकिन वास्तव में रामेश्वर उरांव और सुखदेव भगत के बीच तकरार बढ़ सकता है. सूत्र ये भी बता रहे हैं कि भले ही आलाकमान ने प्रदीप बालमुचू की दल में पुनर्वापसी करवा दिया पर नेता विधायक दल को वह दिन याद है जब आजसू नेता के रूप में प्रदीप बलमुचू ने पाकुड़ विधानसभा चुनाव के दौरान उन पर व्यक्तिगत हमले किए थे और बात बांग्लादेश तक पहुंच गई थी. अब सवाल ये है कि समन्वय समिति में कई ऐसे नेता भी हैं जो विक्षुब्ध भी रहे हैं तो क्या जम्बो जेट कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाकर कांग्रेस आलाकमान ने सभी को खुश रखने की कोशिश की है या फिर एक दूसरे के विरोधी समझे जाने वाले नेताओं को कोआर्डिनेशन कमिटी में साथ लाकर चेक एंड बैलेंस की नीति अपनाई है.

कांग्रेस के समन्वय समिति में कौन-कौन: बता दें कि कांग्रेस समन्वय समिति में अविनाश पांडे, उमंग सिंघार, राजेश ठाकुर, रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, सुबोधकांत सहाय, डॉक्टर अजय कुमार, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख, प्रदीप बालमुचू, सुखदेव भगत, धीरज साहू,गीता कोड़ा,प्रदीप यादव,बंधु तिर्की,जलेश्वर महतो और शहजादा अनवर शामिल हैं.

रांची: झारखंड में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पार्टी संगठन में समन्वय बनाने के लिए आलाकमान ने 17 सदस्यीय झारखंड प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति बना दी है जिसके चेयरमैन, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और को चेयरमैन उमंग सिंघार बनाए गए हैं तो प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को संयोजक बनाया गया है. कांग्रेस की समन्वय समिति पर बीजेपी ने तंज कसा है.

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समन्वय नहीं कलह दूर करने की कमेटी: बीजेपी के प्रदेश प्रभारी प्रदीप सिन्हा ने कहा कि यह समन्वय के लिए नहीं बल्कि आपसी कलह दूर करने की कमिटी है. पर सवाल यह कि मंत्री रामेश्वर उरांव और पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के बीच समन्वय कैसे होगा जो अभी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इसी तरह मंत्री आलमगीर आलम और हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू के बीच कैसे और कौन समन्वय स्थापित करेगा यह बड़ा सवाल है. भाजपा नेता ने कहा कि 17 सदस्यों वाला कांग्रेस को आर्डिनेशन कमिटी का हाल कहीं ज्यादा जोगी मठ उजाड़ वाला न हो जाए.

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बीजेपी के हमले पर कांग्रेस का जवाब: कांग्रेस ने बीजेपी के तंज को बेकार की बातें करार देते हुए झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कहीं कोई दिक्कत नहीं है. पार्टी में लौटे सुखदेव भगत ने मंच पर रामेश्वर उरांव का पैर छूकर आशीर्वाद लिया है तो प्रदीप बालमुचू ने मंच से ही अपनी गलती के लिए माफी मांग ली है. ऐसे में न कहीं कोई मतभेद है और न मनमुटाव. उन्होंने कहा कि कोआर्डिनेशन कमिटी से कांग्रेस की धार और तेज होगी.

एक म्यान में चार तलवार: कांग्रेस में विवाद से भले ही पार्टी इनकार कर रही हो लेकिन वास्तव में रामेश्वर उरांव और सुखदेव भगत के बीच तकरार बढ़ सकता है. सूत्र ये भी बता रहे हैं कि भले ही आलाकमान ने प्रदीप बालमुचू की दल में पुनर्वापसी करवा दिया पर नेता विधायक दल को वह दिन याद है जब आजसू नेता के रूप में प्रदीप बलमुचू ने पाकुड़ विधानसभा चुनाव के दौरान उन पर व्यक्तिगत हमले किए थे और बात बांग्लादेश तक पहुंच गई थी. अब सवाल ये है कि समन्वय समिति में कई ऐसे नेता भी हैं जो विक्षुब्ध भी रहे हैं तो क्या जम्बो जेट कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाकर कांग्रेस आलाकमान ने सभी को खुश रखने की कोशिश की है या फिर एक दूसरे के विरोधी समझे जाने वाले नेताओं को कोआर्डिनेशन कमिटी में साथ लाकर चेक एंड बैलेंस की नीति अपनाई है.

कांग्रेस के समन्वय समिति में कौन-कौन: बता दें कि कांग्रेस समन्वय समिति में अविनाश पांडे, उमंग सिंघार, राजेश ठाकुर, रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, सुबोधकांत सहाय, डॉक्टर अजय कुमार, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख, प्रदीप बालमुचू, सुखदेव भगत, धीरज साहू,गीता कोड़ा,प्रदीप यादव,बंधु तिर्की,जलेश्वर महतो और शहजादा अनवर शामिल हैं.

Last Updated : Feb 5, 2022, 2:13 PM IST
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