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सौंदर्य देखने सात समुंदर पार से पहुंची विदेशी मैम, कहा- प्रकृति ने झारखंड को फुर्सत से है संवारा - दशम फॉल जलप्रपात

नए वर्ष 2020 को लेकर उत्साह का माहौल अभी भी बदस्तूर जारी है. ऐसे में झारखंड की प्रकृति को निहारने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावे सात समुंदर पार अमेरिका के सैलानी भी शामिल है.

Ranchi Dasham Fall
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Published : Jan 4, 2020, 5:08 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 11:11 PM IST

रांची: नए वर्ष का मौका है और इस अवसर पर लोग प्रकृति की गोद में रहकर जश्न मनाना जरूर पसंद करते है.. ऐसे में झारखंड के छोटानागपुर के झरना और चट्टानी नदियों की बात ही कुछ और है. इन्हीं प्राकृतिक छटाओं के बीच है रांची से करीब 34 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में कांची नदी पर स्थित दशम फॉल जलप्रपात. करीब 144 फीट की ऊंचाई से गिरती पानी की कल कल आहट को देखना और महसूस करना एक अलग अनुभूति देता है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

नए वर्ष 2020 को लेकर उत्साह का माहौल अभी भी बदस्तूर जारी है. ऐसे में झारखंड की प्रकृति को निहारने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावे सात समुंदर पार अमेरिका के सैलानी भी शामिल है. लोग झारखंड की ओर रुख करें भी क्यों न, यहां प्रकृति ने अपनी सुंदरता की हर नक्काशी को उतारा है. जंगलों से घिरे झरनों और चट्टानी नदियों का क्षेत्र अनायास ही मन मोह लेता है. इन्हीं प्राकृतिक छटाओं के बीच स्थित है. दशम फॉल जलप्रपात. मुंडारी में पानी को दाअ और स्वच्छ को सोअ कहते हैं और यहां की पानी शीशे की तरह साफ और स्वच्छ है.

हॉलीडे के दौरान भी गुलजार रहता है ये जलप्रपात
भारत के विभिन्न राज्यों के अलावे देश-विदेश से आए सैलानी भी इस जलप्रपात की खूबसूरती को देखकर प्रशंसा करते नहीं थकते. 2020 नए वर्ष के मौके पर फर्स्ट जनवरी से ही यहां सैलानियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. वर्ष के प्रथम सप्ताह के अलावे पूरे जाड़े का मौसम सैलानियों से गुलजार रहेगी यह जलप्रपात. छुट्टियों के दिनों में भी दशम फॉल घूमने पर्यटक जरूर पहुंचते हैं और यहां घंटों दिनभर समय व्यतीत करते हैं.

दशम फॉल की चट्टान काफी खतरनाक
वन विभाग और सरकार द्वारा इस जलप्रपात में भ्रमण को सुरक्षित बनाने की हर संभव कोशिश की गई है. पर्यटकों को सावधान करने के लिए जगह-जगह हिदायतें दी गई है. जलप्रपात की धारा में नहीं जाने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही ऊंचे चट्टानों पर चढ़ना भी मनाही है और इसके देखरेख के लिए क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं से ही मदद लेकर सैलानियों को सुरक्षा दी जाती है. सूचना पट्ट में लिखें हिदायतों को नहीं मामने वालों को सीटी बजाकर अलर्ट किया जाता है. नहीं मानने पर ऐसे पर्यटको पर कार्रवाई भी की जाती है. क्योंकि दशम फॉल के चट्टानों को काफी खतरनाक भी माना जाता है.

ये भी पढे़ं: सीआरपीएफ-पुलिस विवाद के बीच CRPF आईजी ने संभाला पदभार, कहा- नहीं है कोई विवाद

वहीं, डिजिटल दुनिया की दौर में यहां के शिक्षित ग्रामीण युवा टेक्नोलॉजी का भी खूब इस्तेमाल करते दिख जाएंगे. जगह-जगह पर युवाओं की टोली द्वारा पोर्टेबल स्टूडियो की भी व्यवस्था है. 5 मिनट के अंदर सैलानियों के फोटो खींचकर उन्हें उनका प्रिंटआउट के साथ-साथ सॉफ्ट कॉपी भी सौंप दी जाती है. दशम फॉल आने वाले सैलानी यहां आकर यहां के फोटोग्राफर से फोटोग्राफी जरूर करवाते हैं. उनके पास लाखों के हैंडसेट या कैमरा ही क्यों ना हो. नए वर्ष के प्रथम दिन से होली तक यहां पर्यटकों की खूब भीड़ उमड़ेगी.

रांची: नए वर्ष का मौका है और इस अवसर पर लोग प्रकृति की गोद में रहकर जश्न मनाना जरूर पसंद करते है.. ऐसे में झारखंड के छोटानागपुर के झरना और चट्टानी नदियों की बात ही कुछ और है. इन्हीं प्राकृतिक छटाओं के बीच है रांची से करीब 34 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में कांची नदी पर स्थित दशम फॉल जलप्रपात. करीब 144 फीट की ऊंचाई से गिरती पानी की कल कल आहट को देखना और महसूस करना एक अलग अनुभूति देता है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

नए वर्ष 2020 को लेकर उत्साह का माहौल अभी भी बदस्तूर जारी है. ऐसे में झारखंड की प्रकृति को निहारने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावे सात समुंदर पार अमेरिका के सैलानी भी शामिल है. लोग झारखंड की ओर रुख करें भी क्यों न, यहां प्रकृति ने अपनी सुंदरता की हर नक्काशी को उतारा है. जंगलों से घिरे झरनों और चट्टानी नदियों का क्षेत्र अनायास ही मन मोह लेता है. इन्हीं प्राकृतिक छटाओं के बीच स्थित है. दशम फॉल जलप्रपात. मुंडारी में पानी को दाअ और स्वच्छ को सोअ कहते हैं और यहां की पानी शीशे की तरह साफ और स्वच्छ है.

हॉलीडे के दौरान भी गुलजार रहता है ये जलप्रपात
भारत के विभिन्न राज्यों के अलावे देश-विदेश से आए सैलानी भी इस जलप्रपात की खूबसूरती को देखकर प्रशंसा करते नहीं थकते. 2020 नए वर्ष के मौके पर फर्स्ट जनवरी से ही यहां सैलानियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. वर्ष के प्रथम सप्ताह के अलावे पूरे जाड़े का मौसम सैलानियों से गुलजार रहेगी यह जलप्रपात. छुट्टियों के दिनों में भी दशम फॉल घूमने पर्यटक जरूर पहुंचते हैं और यहां घंटों दिनभर समय व्यतीत करते हैं.

दशम फॉल की चट्टान काफी खतरनाक
वन विभाग और सरकार द्वारा इस जलप्रपात में भ्रमण को सुरक्षित बनाने की हर संभव कोशिश की गई है. पर्यटकों को सावधान करने के लिए जगह-जगह हिदायतें दी गई है. जलप्रपात की धारा में नहीं जाने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही ऊंचे चट्टानों पर चढ़ना भी मनाही है और इसके देखरेख के लिए क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं से ही मदद लेकर सैलानियों को सुरक्षा दी जाती है. सूचना पट्ट में लिखें हिदायतों को नहीं मामने वालों को सीटी बजाकर अलर्ट किया जाता है. नहीं मानने पर ऐसे पर्यटको पर कार्रवाई भी की जाती है. क्योंकि दशम फॉल के चट्टानों को काफी खतरनाक भी माना जाता है.

ये भी पढे़ं: सीआरपीएफ-पुलिस विवाद के बीच CRPF आईजी ने संभाला पदभार, कहा- नहीं है कोई विवाद

वहीं, डिजिटल दुनिया की दौर में यहां के शिक्षित ग्रामीण युवा टेक्नोलॉजी का भी खूब इस्तेमाल करते दिख जाएंगे. जगह-जगह पर युवाओं की टोली द्वारा पोर्टेबल स्टूडियो की भी व्यवस्था है. 5 मिनट के अंदर सैलानियों के फोटो खींचकर उन्हें उनका प्रिंटआउट के साथ-साथ सॉफ्ट कॉपी भी सौंप दी जाती है. दशम फॉल आने वाले सैलानी यहां आकर यहां के फोटोग्राफर से फोटोग्राफी जरूर करवाते हैं. उनके पास लाखों के हैंडसेट या कैमरा ही क्यों ना हो. नए वर्ष के प्रथम दिन से होली तक यहां पर्यटकों की खूब भीड़ उमड़ेगी.

Intro:रांची.

नए वर्ष का मौका है और इस अवसर पर लोग प्रकृति की गोद में रहकर जश्न मनाना, पसंद जरूर करते है. ऐसे में झारखंड के छोटानागपुर के झरना और चट्टानी नदियों की बात ही कुछ और है .इन्हीं प्राकृतिक छटाओं के बीच है रांची से करीब 34 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में कांची नदी पर स्थित दशम फॉल जलप्रपात .करीब 144 फीट की ऊंचाई से गिरती पानी की कल कल -आहट को देखना और महसूस करना एक अलग अनुभूति देती है और नए वर्ष के अवसर पर यहां घूमने वाले सैलानियों में देश के विभिन्न क्षेत्रों के आलावे अमेरिका के पर्यटक भी शामिल है.


Body:नए वर्ष 2020 को लेकर उत्साह का माहौल अभी भी बदस्तूर जारी है.ऐसे में झारखंड की प्रकृति को निहारने के लिए देश-विदेश से लोग इस नए वर्ष के दौरान पहुंच रहे हैं. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावे सात समुंदर पार अमेरिका के सैलानी भी शामिल है. लोग झारखंड की ओर रुख करें भी क्यों ना ,यहां प्रकृति ने अपनी सुंदरता की हर नक्काशी को उतारी है. जंगलों से घिरे झरनों और चट्टानी नदियों का क्षेत्र अनायास ही मन मोह लेता है इन्हीं प्राकृतिक छटाओं के बीच स्थित है. दशम फॉल जलप्रपात मुंडारी में पानी को दाअ और स्वच्छ को सोअ कहते हैं और यहां की पानी शीशे की तरह साफ और स्वच्छ है.


जाड़े के मौसम के अलावे हॉलीडे के दौरान भी गुलजार रहता है ये जलप्रपात:

भारत के विभिन्न राज्यों के अलावे देश-विदेश से आए सैलानी भी इस जलप्रपात की खूबसूरती को देखकर प्रशंसा करते नहीं थकते. 20-20 नए वर्ष के मौके पर फर्स्ट जनवरी से ही यहां सैलानियों की भीड़ जुटने शुरू हो गए थे.वर्ष के प्रथम सप्ताह के अलावे पूरे जाड़े का मौसम सैलानियों से गुलजार रहेगी यह जलप्रपात ,छुट्टियों के दिनों में भी दशम फॉल घूमने पर्यटक जरूर पहुंचते हैं और यहां घंटों दिनभर समय व्यतीत करते हैं.

दशम फॉल के चट्टान है काफी खतरनाक:

वन विभाग और सरकार द्वारा इस जलप्रपात में भ्रमण को सुरक्षित बनाने की हर संभव कोशिश की गई है .पर्यटकों को सावधान करने के लिए जगह-जगह हिदायतें दी गई है .जलप्रपात की धारा में नहीं जाने की सलाह दी जाती है .साथ ही ऊँचे चट्टानों पर चढ़ना भी मनाही है और इसके देखरेख के लिए क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं से ही मदद लेकर सैलानियों को सुरक्षा दी जाती है. सूचना पट्ट में लिखें हिदायतों को नहीं मामने वालों को सीटी बजा बजाकर अलर्ट किया जाता है .नहीं मानने पर ऐसे पर्यटको पर कार्रवाई भी की जाती है .क्योंकि दशम फॉल के चट्टानों को काफी खतरनाक भी माना जाता है.

बाइट- अमेरिकन सैलानी,

बाइट- बंगाल से आए सैलानी,

बाइट- सुरक्षाकर्मी,

बाइट- स्थानीय सैलानी.






Conclusion:डिजिटल दुनिया की दौर में यहां भाता है सैलानीयों को 5:00 मिनट की फोटोग्राफी:

वहीं डिजिटल दुनिया की दौर में यहां के शिक्षित ग्रामीण युवा टेक्नोलॉजी का भी खूब इस्तेमाल करते दिख जाएंगे.जगह जगह पर युवाओं की टोली द्वारा पोर्टेबल स्टूडियो की भी व्यवस्था है. 5 मिनट के अंदर सैलानियों के फोटो खींचकर उन्हें उनका प्रिंटआउट के साथ-साथ सॉफ्ट कॉपी भी सौंप दी जाती है. दशम फॉल आने वाले सैलानी यहां आकर यहां के फोटोग्राफर से फोटोग्राफी जरूर करवाते हैं. उनके पास लाखों के हैंडसेट या कैमरा ही क्यों ना हो. नए वर्ष के प्रथम दिन से होली तक यहां पर्यटकों की खूब भीड़ उमड़ेगी.
Last Updated : Jan 4, 2020, 11:11 PM IST
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