रांची: झारखंड के बजट पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सरकार की तरफ से जवाब पेश किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसान, गरीब, बुजुर्ग और जरूरतमंदों का दर्द समझती है, इसलिए सभी वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है. इस साल तक 50 हजार तक का किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है जिसे अगले साल बढ़ाकर एक लाख कर दिया जाएगा.
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उन्होंने सबसे पहले भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी के उस सवाल का जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि बजट में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि पैसे आएंगे कहां से. रामेश्वर उरांव ने कहा कि पेज नंबर 7 पर साफ-साफ लिखा हुआ है कि पैसे किस-किस माध्यम से आएंगे. उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि रामचंद्र चंद्रवंशी का यह कहना कि अधिकारी के बजट को मैंने पढ़ दिया, यह सरासर गलत है और मैं इसकी निंदा करता हूं. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहते थे कि लोगों के हाथ में पैसे दो तो मंदी भागेगी, लेकिन केंद्र सरकार किसानों को लकठो और बताशा खाने के पैसे देकर बरगला रही है जबकि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार किसानों के कर्ज को माफ कर उन्हें कर्ज के दलदल से बाहर निकालना चाहती है.
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रामेश्वर उरांव ने आजसू विधायक सुदेश महतो के सवाल का भी जवाब दिया, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यूनिवर्सल पेंशन स्कीम शुरू करने जा रही है. इससे बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांग और अनाथ को आर्थिक मदद मिलेगी. मनरेगा में पारिश्रमिक के रूप में 194 रुपए मिलते थे लेकिन अपनी तरफ से 31 रुपए राज्य सरकार देगी. सरकार ने रसोईया सहायिका के मानदेय में 500 रु प्रति महीना इजाफा किया है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि भाजपा के लोग सदन से चले गए हैं क्योंकि उनमें सच सुनने की क्षमता नहीं है.