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कोरोना और तूफान ने तोड़ी तरबूज किसानों की कमर, महज 3 रुपए किलो बेच रहे हैं

कोरोना बंदिश और लगातार बारिश के कारण किसानों को तरबूज की फसल पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालात यह हैं कि किसान औने-पौने दाम में तरबूज बेच रहे हैं. इसके बावजूद इसकी बिक्री नहीं हो पा रही है. तरबूज की खेती अच्छी होने के बावजूद लॉकडाउन में किसान इसे बाजार तक नहीं पहुंचा पाए.

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आखिर क्यों 3 रुपये किलो बेच रहे तरबूज
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Published : Jun 5, 2021, 4:59 PM IST

रांची: झारखंड में तरबूज की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इस वर्ष भी किसानों ने अपने खेतों में तरबूज लगाए. कम समय में अधिक लाभ देने वाली यह फसल इस बार किसानों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. कोरोना के कारण जारी सरकारी बंदिश को लेकर बाजारों में ग्राहकों की कमी है. इसके साथ ही पिछले दिनों आए चक्रवाती तूफान यास के कारण तरबूज की खेती पर व्यापक असर पड़ा है. बिक्री के अभाव में खेतों में लगे तरबूज बर्बाद हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- World Environment Day: पेड़-पौधे के दादा के नाम से मशहूर जमशेदपुर के सुनील आनंद, निशुल्क बांटते हैं औषधि पेड़

कोरोना बंदिश और लगातार बारिश के कारण किसानों को तरबूज की फसल पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालात यह है कि किसान औने-पौने दाम में तरबूज बेच रहे हैं. इसके बावजूद इसकी बिक्री नहीं हो पा रही है. तरबूज की खेती अच्छी होने के बावजूद लॉकडाउन में किसान इसे बाजार तक नहीं पहुंचा पाए.

उस पर से लगातार बारिश की वजह से फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही है. ऐसे में तरबूज को जल्द बेचना किसानों के लिए मजबूरी बनी हुई है. इसके कारण राजधानी रांची सहित राज्य के अन्य हिस्सों में 2 से 3 रुपये प्रति किलो के भाव से किसानों को तरबूज बेचना पड़ा रहा है. इसके बावजूद भी ग्राहक नहीं मिलने के कारण किसान इसे बेचने के लिए भटक रहे हैं.

उम्मीदों पर फिरा पानी

तरबूज बेचने के लिए भटक रहे बेड़ो के किसान राजकुमार साहू बेहद परेशान हैं. 30 हजार रुपया प्रति किलो तरबूज का बीज लेकर राजकुमार ने इस बार तरबूज की खेती की थी. करीब तीन लाख रुपया लगने के बाद तैयार तरबूज से राजकुमार को उम्मीद थी कि इस बार लाभ अच्छा होगा. मगर उनकी उम्मीदों पर कोरोना की बंदिश और बारिश ने पानी फेर दिया. इसी तरह की परेशानी ओरमांझी, बुंडू सहित अन्य इलाकों के किसानों को हो रही है.

सरकार की व्यवस्था नाकाफी, परेशान हैं किसान

राज्य सरकार ने तरबूज किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए बाजार समिति के माध्यम से सुविधा केन्द्र में तरबूज बेचने की व्यवस्था की है. अब तक बाजार समिति की ओर से रांची शहरी क्षेत्र में 4 सुविधा केन्द्रों में तरबूज की बिक्री शुरू की गई है, जो नाकाफी है. हरमू, लालपुर, पंडरा स्थित इन सुविधा केन्द्र में तरबूज 10 रुपया प्रति पीस मिल रहा है.

बाजार समिति सचिव अभिषेक आनंद की मानें तो विभागीय सचिव के निर्देश पर किसानों की परेशानी को दूर करने के लिए ये कदम उठाये गए हैं, जिससे इनकी लागत कम से कम वसूल हो जाये. इधर कृषि मंत्री बादल ने किसानों को हरसंभव सहयोग सरकार की ओर से देने का आश्वासन दिया है. फल सब्जियों की एमएसपी निर्धारित करने की सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि इससे किसानों को सहायता मिल सकेगी. तरबूज की बिक्री के लिए सरकार कदम उठा रही है और सभी जगहों से इसकी सकारात्मक सूचना आ रही है.

रांची: झारखंड में तरबूज की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इस वर्ष भी किसानों ने अपने खेतों में तरबूज लगाए. कम समय में अधिक लाभ देने वाली यह फसल इस बार किसानों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. कोरोना के कारण जारी सरकारी बंदिश को लेकर बाजारों में ग्राहकों की कमी है. इसके साथ ही पिछले दिनों आए चक्रवाती तूफान यास के कारण तरबूज की खेती पर व्यापक असर पड़ा है. बिक्री के अभाव में खेतों में लगे तरबूज बर्बाद हो रहे हैं.

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कोरोना बंदिश और लगातार बारिश के कारण किसानों को तरबूज की फसल पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालात यह है कि किसान औने-पौने दाम में तरबूज बेच रहे हैं. इसके बावजूद इसकी बिक्री नहीं हो पा रही है. तरबूज की खेती अच्छी होने के बावजूद लॉकडाउन में किसान इसे बाजार तक नहीं पहुंचा पाए.

उस पर से लगातार बारिश की वजह से फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही है. ऐसे में तरबूज को जल्द बेचना किसानों के लिए मजबूरी बनी हुई है. इसके कारण राजधानी रांची सहित राज्य के अन्य हिस्सों में 2 से 3 रुपये प्रति किलो के भाव से किसानों को तरबूज बेचना पड़ा रहा है. इसके बावजूद भी ग्राहक नहीं मिलने के कारण किसान इसे बेचने के लिए भटक रहे हैं.

उम्मीदों पर फिरा पानी

तरबूज बेचने के लिए भटक रहे बेड़ो के किसान राजकुमार साहू बेहद परेशान हैं. 30 हजार रुपया प्रति किलो तरबूज का बीज लेकर राजकुमार ने इस बार तरबूज की खेती की थी. करीब तीन लाख रुपया लगने के बाद तैयार तरबूज से राजकुमार को उम्मीद थी कि इस बार लाभ अच्छा होगा. मगर उनकी उम्मीदों पर कोरोना की बंदिश और बारिश ने पानी फेर दिया. इसी तरह की परेशानी ओरमांझी, बुंडू सहित अन्य इलाकों के किसानों को हो रही है.

सरकार की व्यवस्था नाकाफी, परेशान हैं किसान

राज्य सरकार ने तरबूज किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए बाजार समिति के माध्यम से सुविधा केन्द्र में तरबूज बेचने की व्यवस्था की है. अब तक बाजार समिति की ओर से रांची शहरी क्षेत्र में 4 सुविधा केन्द्रों में तरबूज की बिक्री शुरू की गई है, जो नाकाफी है. हरमू, लालपुर, पंडरा स्थित इन सुविधा केन्द्र में तरबूज 10 रुपया प्रति पीस मिल रहा है.

बाजार समिति सचिव अभिषेक आनंद की मानें तो विभागीय सचिव के निर्देश पर किसानों की परेशानी को दूर करने के लिए ये कदम उठाये गए हैं, जिससे इनकी लागत कम से कम वसूल हो जाये. इधर कृषि मंत्री बादल ने किसानों को हरसंभव सहयोग सरकार की ओर से देने का आश्वासन दिया है. फल सब्जियों की एमएसपी निर्धारित करने की सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि इससे किसानों को सहायता मिल सकेगी. तरबूज की बिक्री के लिए सरकार कदम उठा रही है और सभी जगहों से इसकी सकारात्मक सूचना आ रही है.

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