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पूरे देश में हैं रांची के इस लिट्टी-चोखा के दीवाने, इसकी खुशबू से खिंचे चले आते हैं लोग

रांची के डोरंडा स्थित तुलसी चौक पर भोला लिट्टी स्टॉल है. अपने खास स्वाद के कारण यह शहर भर में प्रसिद्ध है. लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं कि भोला की लिट्टी रोजाना हवाई यात्रा कर देश के विभिन्न कोने में पहुंचता है. इस लिट्टी चेाखा के कई नेता भी मुरीद हैं.

Bhola litti in Ranchi
इंटरनेशनल लिट्टी-चोखा
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Published : Feb 27, 2020, 11:59 AM IST

रांची: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिट्टी-चोखा खाने के बाद सोशल मीडिया पर लिट्टी चोखा ट्रेंड करने लगा. लिट्टी-चोखा यूं तो बिहार का सिग्नेचर डिश है. लेकिन झारखंड के स्ट्रीट फूड में भी इसका खास महत्व है. रांची के डोरंडा स्थित भोला लिट्टी स्टॉल की बात ही निराली है. 70 साल पहले इसकी स्थापना हरिवंश केवट ने की थी. अब दुकान संचालित करने वाले भोला केवट कहते हैं कि यह शहर का सबसे पुराना लिट्टी स्टॉल है.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

वहीं भोला के लिट्टी को लालू प्रसाद यादव भी खूब पसंद करते हैं. उनके प्रशंसक पार्सल करा कर जेल ले जाते हैं. कहा जाता है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने ही लिट्टी-चोखा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई थी. झारखंड में लिट्टी चोखा इस कदर फेमस हुआ है कि शायद ही इस राज्य का कोई शहर होगा जहां लिट्टी चोखा नहीं बिकता होगा.

ये भी पढ़ें- दुमका के ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति, डॉक्टर के बिना मरीज हो रहे परेशान

रांची में लिट्टी चोखा के स्टॉल की भरमार है लेकिन झारखंड हाईकोर्ट के बगल में तुलसी चौक पर लगने वाली लिट्टी चोखा की दुकान जैसे ट्रेडमार्क बन गई है. नाम है भोला लिट्टी. लालू प्रसाद भी हमेशा भोला की दुकान से लिट्टी चोखा मंगवाते रहे हैं. भोला का कहना है भले लालू प्रसाद यादव जेल में हो लेकिन उनके प्रशासक आज भी भोला के इस लिट्टी को लालू प्रसाद यादव के डिमांड से पार्सल कराकर ले जाते हैं.

मूल रूप से बिहार निवासी हैं ठेला संचालक भोला

भोला मूल रूप से पटना के बाढ़ के रहने वाले हैं. इनके पिता 1956 में रांची आए थे और उन्होंने लिट्टी-चोखा बेचना शुरू किया था, और आज उनके बेटे भोला केवट उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 1989 से झारखंड हाईकोर्ट के समीप तुलसी चौक पर भोला लिटी के नाम से ठेला लगाते हैं. अब भोला हरदिन 800 से 900 लिट्टी बेचते हैं.

ये भी पढ़ें- निर्यात बंधु स्कीम से मिल रहा स्थानीय उद्योगों को फायदा, विदेशी निर्यात व्यापार से जुड़ने का मिल रहा अवसर

भोला लिट्टी की चर्चा झारखंड ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. बाहर से आने वाले लोग लिट्टी चोखा को पार्सल करा कर प्लेन और ट्रेन के जरिए ले जाते हैं. ठेला संचालक भोला केवट का दावा है कि 4 से 5 दिनों तक लिट्टी खराब नहीं होगा. शाम के टाइम में भोला की लिट्टी के इस दुकान में ग्राहकों की पारी भीड़ रहती है और लोग भूख लगते ही बाबा की लिट्टी स्टॉल पर खींचे चले आते हैं.

ऑनलाइन डिलीवरी की भी है सुविधा

यहां 2 सादी लिट्टी की कीमत 50 रुपए है, जबकि घी वाली 2 लिट्टी की कीमत 80 रु है. खास बात है कि रांची के बाहर से आने वाले सैलानी गुगल का सहारा लेकर भोला लिट्टी तक पहुंचते हैं. यहां तक कि लोग भोला की इस लिट्टी-चोखे को ऑनलाइन भी बुक करते हैं. भोला लिट्टी के यहां से अब जोमैटो और स्विगी की डिलीवरी भी होती है, साथ ही यहां ग्राहक डिजिटल भुगतान भी कर सकते हैं.

पूरे देश में हैं रांची के इस लिट्टी-चोखा के दीवाने, इसकी खुशबू से खिंचे चले आते हैं लोग

रांची: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिट्टी-चोखा खाने के बाद सोशल मीडिया पर लिट्टी चोखा ट्रेंड करने लगा. लिट्टी-चोखा यूं तो बिहार का सिग्नेचर डिश है. लेकिन झारखंड के स्ट्रीट फूड में भी इसका खास महत्व है. रांची के डोरंडा स्थित भोला लिट्टी स्टॉल की बात ही निराली है. 70 साल पहले इसकी स्थापना हरिवंश केवट ने की थी. अब दुकान संचालित करने वाले भोला केवट कहते हैं कि यह शहर का सबसे पुराना लिट्टी स्टॉल है.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

वहीं भोला के लिट्टी को लालू प्रसाद यादव भी खूब पसंद करते हैं. उनके प्रशंसक पार्सल करा कर जेल ले जाते हैं. कहा जाता है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने ही लिट्टी-चोखा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई थी. झारखंड में लिट्टी चोखा इस कदर फेमस हुआ है कि शायद ही इस राज्य का कोई शहर होगा जहां लिट्टी चोखा नहीं बिकता होगा.

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रांची में लिट्टी चोखा के स्टॉल की भरमार है लेकिन झारखंड हाईकोर्ट के बगल में तुलसी चौक पर लगने वाली लिट्टी चोखा की दुकान जैसे ट्रेडमार्क बन गई है. नाम है भोला लिट्टी. लालू प्रसाद भी हमेशा भोला की दुकान से लिट्टी चोखा मंगवाते रहे हैं. भोला का कहना है भले लालू प्रसाद यादव जेल में हो लेकिन उनके प्रशासक आज भी भोला के इस लिट्टी को लालू प्रसाद यादव के डिमांड से पार्सल कराकर ले जाते हैं.

मूल रूप से बिहार निवासी हैं ठेला संचालक भोला

भोला मूल रूप से पटना के बाढ़ के रहने वाले हैं. इनके पिता 1956 में रांची आए थे और उन्होंने लिट्टी-चोखा बेचना शुरू किया था, और आज उनके बेटे भोला केवट उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 1989 से झारखंड हाईकोर्ट के समीप तुलसी चौक पर भोला लिटी के नाम से ठेला लगाते हैं. अब भोला हरदिन 800 से 900 लिट्टी बेचते हैं.

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भोला लिट्टी की चर्चा झारखंड ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. बाहर से आने वाले लोग लिट्टी चोखा को पार्सल करा कर प्लेन और ट्रेन के जरिए ले जाते हैं. ठेला संचालक भोला केवट का दावा है कि 4 से 5 दिनों तक लिट्टी खराब नहीं होगा. शाम के टाइम में भोला की लिट्टी के इस दुकान में ग्राहकों की पारी भीड़ रहती है और लोग भूख लगते ही बाबा की लिट्टी स्टॉल पर खींचे चले आते हैं.

ऑनलाइन डिलीवरी की भी है सुविधा

यहां 2 सादी लिट्टी की कीमत 50 रुपए है, जबकि घी वाली 2 लिट्टी की कीमत 80 रु है. खास बात है कि रांची के बाहर से आने वाले सैलानी गुगल का सहारा लेकर भोला लिट्टी तक पहुंचते हैं. यहां तक कि लोग भोला की इस लिट्टी-चोखे को ऑनलाइन भी बुक करते हैं. भोला लिट्टी के यहां से अब जोमैटो और स्विगी की डिलीवरी भी होती है, साथ ही यहां ग्राहक डिजिटल भुगतान भी कर सकते हैं.

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