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उत्तर प्रदेश से चलाई जा रही है जैक की फर्जी वेबसाइट, साइबर सेल को दी गई जानकारी

झारखंड एकेडमिक काउंसिल को जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश से www.jacresults.in के नाम से एक डुप्लीकेट आईडी संचालित की जा रही है. आईपी एड्रेस भी यूपी का ही बताया जा रहा है. जैक अध्यक्ष ने साइबर एसपी को जल्द से जल्द इस मामले को लेकर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

Fake website of JAC being run in Uttar Pradesh
जैक की फर्जी वेबसाइट
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Published : Jun 26, 2020, 8:53 AM IST

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह ने साइबर एसपी को एक पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से जैक अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश से जैक की फर्जी वेबसाइट चलाए जाने की सूचना दी गई है. इस मामले को लेकर जैक ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा संचालित नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर को भी सूचना दी है. इस पूरे मामले की जानकारी जैक अध्यक्ष ने दी है.

फर्जी प्रमाण पत्र बांटने के फिराक में अपराधी

झारखंड एकेडमिक काउंसिल को जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश से www.jacresults.in के नाम से एक डुप्लीकेट आईडी संचालित की जा रही है. आईपी एड्रेस भी यूपी का ही बताया जा रहा है. जैक की आईटी सेल के द्वारा जैसे ही इस फर्जी वेबसाइट को लेकर जानकारी मिली. तुरंत एक्शन लेते हुए मामले की जानकारी जैक अध्यक्ष और संबंधित पदाधिकारियों को दी गई. जैक अध्यक्ष ने साइबर एसपी को जल्द से जल्द इस मामले को लेकर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

धोखाधड़ी के लिए संचालित हो रही है वेबसाइट
यह वेबसाइट धोखाधड़ी के लिए ही संचालित हो रही है. विद्यार्थियों को झांसे में लेकर जाली प्रमाण पत्र दिया जा सकता है. यह वेबसाइट पूरी तरह जैक की वेबसाइट की तरह ही दिखता है. वेबसाइट खुलते ही जैक के ओरिजिनल वेबसाइट जैसा ही पेज खुल रहा है. मामले को लेकर जैक अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा है कि इसे सत्यापित करने के लिए संबंधित अधिकारी को जानकारी दे दी गई है. यह गंभीर मामला है. फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर इस तरीके से साइबर क्रिमिनल्स का एक सिंडिकेट चल रहा है.

ये भी पढे़ं: साइबर हमलों से बचने के लिए आईटी सेक्टर में आत्मनिर्भरता जरूरी, जानिए भारत की स्थिति

हालांकि, समय रहते जैक के आईटी सेल ने इस संबंध में जानकारी हासिल कर ली है नहीं तो आने वाले समय में बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आ सकता था. जैक से प्रतिवर्ष आठ लाख से अधिक परीक्षार्थी विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होते हैं, जिसमें इंटर वोकेशनल कोर्स के साथ-साथ मैट्रिक, इंटर, मध्यमा, मदरसा जैसे परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. वहीं, अन्य गतिविधियों का संचालन भी जैक वेबसाइट से होता है.

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह ने साइबर एसपी को एक पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से जैक अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश से जैक की फर्जी वेबसाइट चलाए जाने की सूचना दी गई है. इस मामले को लेकर जैक ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा संचालित नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर को भी सूचना दी है. इस पूरे मामले की जानकारी जैक अध्यक्ष ने दी है.

फर्जी प्रमाण पत्र बांटने के फिराक में अपराधी

झारखंड एकेडमिक काउंसिल को जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश से www.jacresults.in के नाम से एक डुप्लीकेट आईडी संचालित की जा रही है. आईपी एड्रेस भी यूपी का ही बताया जा रहा है. जैक की आईटी सेल के द्वारा जैसे ही इस फर्जी वेबसाइट को लेकर जानकारी मिली. तुरंत एक्शन लेते हुए मामले की जानकारी जैक अध्यक्ष और संबंधित पदाधिकारियों को दी गई. जैक अध्यक्ष ने साइबर एसपी को जल्द से जल्द इस मामले को लेकर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

धोखाधड़ी के लिए संचालित हो रही है वेबसाइट
यह वेबसाइट धोखाधड़ी के लिए ही संचालित हो रही है. विद्यार्थियों को झांसे में लेकर जाली प्रमाण पत्र दिया जा सकता है. यह वेबसाइट पूरी तरह जैक की वेबसाइट की तरह ही दिखता है. वेबसाइट खुलते ही जैक के ओरिजिनल वेबसाइट जैसा ही पेज खुल रहा है. मामले को लेकर जैक अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा है कि इसे सत्यापित करने के लिए संबंधित अधिकारी को जानकारी दे दी गई है. यह गंभीर मामला है. फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर इस तरीके से साइबर क्रिमिनल्स का एक सिंडिकेट चल रहा है.

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हालांकि, समय रहते जैक के आईटी सेल ने इस संबंध में जानकारी हासिल कर ली है नहीं तो आने वाले समय में बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आ सकता था. जैक से प्रतिवर्ष आठ लाख से अधिक परीक्षार्थी विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होते हैं, जिसमें इंटर वोकेशनल कोर्स के साथ-साथ मैट्रिक, इंटर, मध्यमा, मदरसा जैसे परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. वहीं, अन्य गतिविधियों का संचालन भी जैक वेबसाइट से होता है.

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