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पुलिस को मिला अचूक हथियार, क्रिमिनल्स के रांची में आते ही बजने लगेगा अलार्म - कार्रवाई

रांची में अब वांटेड अपराधियों की खैर नहीं. राजधानी रांची में कुख्यात अपराधी जैसे एंट्री करेंगे पुलिस को इसकी सूचना मिल जाएगी. इसके लिए पुलिस फेस डिटेक्शन कैमरे का सहारा ले रही है.

रांची कंट्रोल रूम
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Published : Jul 23, 2019, 5:11 PM IST

रांची: राजधानी रांची की पुलिस हाल के दिनों में हुए कई सांप्रदायिक तनाव, तनाव फैलाने वालों उपद्रवियों और अपराधियों की बढ़ी हुई गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अब फेस डिटेक्शन कैमरे का सहारा ले रही है. रांची पुलिस ने शहर के वैसे इलाके जहां अक्सर सांप्रदायिक तनाव के मामले सामने आते हैं.

रांची में अपराधियों की खैर नहीं

फेस डिटेक्शन कैमरा
या फिर वैसे इलाके जहां अपराधियों का मूवमेंट ज्यादा होता है, वहां उच्च क्वालिटी का फेस डिटेक्शन कैमरा लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. कई जगहों पर फेस डिटेक्शन कैमरा लगा दिया गया है. जबकि कई जगहों पर इसका काम जोर शोर से चल रहा है.


वांटेड कैमरे से गुजरेगा तो पुलिस को मिल जाएगी सूचना
रांची में आने वाला कोई भी शातिर अपराधी अब पुलिस की तीसरी आंख से नहीं बच पाएगा. रांची पुलिस के द्वारा लगाए गए फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम अपराधी की पहचान करेगा. राजधानी रांची की सुरक्षा को फुलप्रूफ बनाने की कवायद के तहत रांची के महत्वपूर्ण स्थानों पर फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम लगाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- धनबाद पीएमसीच में न डॉक्टर न दवाइयां, आखिर कैसे होगा मरीजों का इलाज

अपराधियों का प्रोफाइल और हुलिया फीड होगा
इसमें राज्य भर के अपराधियों का प्रोफाइल और हुलिया फीड होगा. अपराधी के कैमरे की जद में आते ही कंट्रोल रूम में सिग्नल बीप बजेगी और पुलिस को शातिर अपराधी के राजधानी में आने की सूचना मिल जाएगी. इससे अपराधियों की पहचान के साथ धरपकड़ में आसानी होगी.

50 से अधिक कैमरे लगाए जा रहे
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राजधानी के सुरक्षा के लिहाज से 50 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इन कैमरों की खासियत इनकी फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी होगी. यह वह आधुनिक तकनीक है, जो सीसीटीवी कैमरों के सामने से गुजरने वाले हर चेहरे को पहचानने की काबिलियत रखती है.

कार्रवाई करने में आसानी रहेगी
इसके लिए पुलिस उन सभी वांटेड अपराधियों और संदिग्ध लोगों के चेहरे अपने मास्टर कंप्यूटर में फीड करेगी, जो सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है. साथ ही उन शातिरों के चेहरों को भी कंप्यूटर में फीड किया जाएगा, जो अक्सर राजधानी में वारदातों को अंजाम देते पकड़े जाते हैं. जैसे ही कोई संदिग्ध सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरेगा, वैसे ही कंट्रोल रूम में एक विशेष तरह की सिग्नल बीप बजेगी. इसके आधार पर पुलिस को संदिग्ध को पहचानने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी रहेगी.

इसलिए है जरूरत
राजधानी में हाल के दिनों में अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है. जेल से निकले कई अपराधी लगातार अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जंगल में लगातार अभियान चलने की वजह से कई नक्सली भी शहर में पनाह ले रहे हैं. चुंकी शातिर अपराधियों और वांटेड नक्सलियों की तस्वीर पुलिस के पास मौजूद है. ऐसे में अगर वे फेस डिटेक्शन कैमरे के सामने से गुजरते हैं तो पुलिस को उनके शहर में आने की सूचना मिल जाएगी और समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर अपराध की वारदातों पर रोक लगाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें- ST जमीन मामले पर सदन में हेमंत को आया गुस्सा, कहा- साबित होने पर दे देंगे इस्तीफा

कई जगहों पर लगाए गए गुप्त रूप से कैमरे
राजधानी रांची में पिछले साल से ही हर चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. लेकिन इसी बीच कई ऐसी जगह पर फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं, जिसके बारे में सिर्फ और सिर्फ पुलिस को जानकारी है. पुलिस का मानना है कि अगर अपराधियों को यह जानकारी मिल जाए कि किन इलाकों में फेस डिटेक्शन कैमरा लगा हुआ है तो वह सावधान हो जाएंगे. ऐसे में कई संवेदनशील स्थानों पर गुप्त रूप से फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं.

रांची: राजधानी रांची की पुलिस हाल के दिनों में हुए कई सांप्रदायिक तनाव, तनाव फैलाने वालों उपद्रवियों और अपराधियों की बढ़ी हुई गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अब फेस डिटेक्शन कैमरे का सहारा ले रही है. रांची पुलिस ने शहर के वैसे इलाके जहां अक्सर सांप्रदायिक तनाव के मामले सामने आते हैं.

रांची में अपराधियों की खैर नहीं

फेस डिटेक्शन कैमरा
या फिर वैसे इलाके जहां अपराधियों का मूवमेंट ज्यादा होता है, वहां उच्च क्वालिटी का फेस डिटेक्शन कैमरा लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. कई जगहों पर फेस डिटेक्शन कैमरा लगा दिया गया है. जबकि कई जगहों पर इसका काम जोर शोर से चल रहा है.


वांटेड कैमरे से गुजरेगा तो पुलिस को मिल जाएगी सूचना
रांची में आने वाला कोई भी शातिर अपराधी अब पुलिस की तीसरी आंख से नहीं बच पाएगा. रांची पुलिस के द्वारा लगाए गए फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम अपराधी की पहचान करेगा. राजधानी रांची की सुरक्षा को फुलप्रूफ बनाने की कवायद के तहत रांची के महत्वपूर्ण स्थानों पर फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम लगाया जा रहा है.

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अपराधियों का प्रोफाइल और हुलिया फीड होगा
इसमें राज्य भर के अपराधियों का प्रोफाइल और हुलिया फीड होगा. अपराधी के कैमरे की जद में आते ही कंट्रोल रूम में सिग्नल बीप बजेगी और पुलिस को शातिर अपराधी के राजधानी में आने की सूचना मिल जाएगी. इससे अपराधियों की पहचान के साथ धरपकड़ में आसानी होगी.

50 से अधिक कैमरे लगाए जा रहे
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राजधानी के सुरक्षा के लिहाज से 50 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इन कैमरों की खासियत इनकी फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी होगी. यह वह आधुनिक तकनीक है, जो सीसीटीवी कैमरों के सामने से गुजरने वाले हर चेहरे को पहचानने की काबिलियत रखती है.

कार्रवाई करने में आसानी रहेगी
इसके लिए पुलिस उन सभी वांटेड अपराधियों और संदिग्ध लोगों के चेहरे अपने मास्टर कंप्यूटर में फीड करेगी, जो सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है. साथ ही उन शातिरों के चेहरों को भी कंप्यूटर में फीड किया जाएगा, जो अक्सर राजधानी में वारदातों को अंजाम देते पकड़े जाते हैं. जैसे ही कोई संदिग्ध सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरेगा, वैसे ही कंट्रोल रूम में एक विशेष तरह की सिग्नल बीप बजेगी. इसके आधार पर पुलिस को संदिग्ध को पहचानने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी रहेगी.

इसलिए है जरूरत
राजधानी में हाल के दिनों में अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है. जेल से निकले कई अपराधी लगातार अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जंगल में लगातार अभियान चलने की वजह से कई नक्सली भी शहर में पनाह ले रहे हैं. चुंकी शातिर अपराधियों और वांटेड नक्सलियों की तस्वीर पुलिस के पास मौजूद है. ऐसे में अगर वे फेस डिटेक्शन कैमरे के सामने से गुजरते हैं तो पुलिस को उनके शहर में आने की सूचना मिल जाएगी और समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर अपराध की वारदातों पर रोक लगाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें- ST जमीन मामले पर सदन में हेमंत को आया गुस्सा, कहा- साबित होने पर दे देंगे इस्तीफा

कई जगहों पर लगाए गए गुप्त रूप से कैमरे
राजधानी रांची में पिछले साल से ही हर चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. लेकिन इसी बीच कई ऐसी जगह पर फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं, जिसके बारे में सिर्फ और सिर्फ पुलिस को जानकारी है. पुलिस का मानना है कि अगर अपराधियों को यह जानकारी मिल जाए कि किन इलाकों में फेस डिटेक्शन कैमरा लगा हुआ है तो वह सावधान हो जाएंगे. ऐसे में कई संवेदनशील स्थानों पर गुप्त रूप से फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं.

Intro:Day plan story

राजधानी रांची की पुलिस हाल के दिनों में हुए कई सांप्रदायिक तनाव , तनाव फैलाने वालों उपद्रवियों और अपराधियों की बढ़ी हुई गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अब फेस डिटेक्शन कैमरे का सहारा ले रही है। रांची पुलिस ने शहर के वैसे इलाके जहां अक्सर संप्रदायिक तनाव के मामले सामने आते हैं या फिर वैसे इलाके जहां अपराधियों का मूवमेंट  ज्यादा होता है , वहां उच्च क्वालिटी का फेस डिटेक्शन कैमरा लगाने का काम शुरू कर दिया है। कई जगहों पर फेस डिटेक्शन कैमरा लगा दिया गया है जबकि कई जगह पर इसका काम जोर शोर से चल रहा है।


वांटेड कैमरे से गुजरेगा तो पुलिस को मिल जाएगी सूचना

रांची में आने वाला कोई भी शातिर अपराधी अब पुलिस की तीसरी आंख से नहीं बच पाएगा। रांची पुलिस के द्वारा लगाए गए फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम अपराधी की पहचान करेगा। राजधानी राँची की सुरक्षा को फुलप्रूफ बनाने की कवायद के तहत रांची के महत्वपूर्ण स्थानों पर फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम लगाया जा रहा है। इसमें राज्य भर के अपराधियों का प्रोफाइल और हुलिया फीड होगा। अपराधी के कैमरे की जद में आते ही कंट्रोल रूम में सिग्नल बीप बजेगी ,और पुलिस को शातिर अपराधी के राजधानी में आने की सूचना मिल जाएगी।इससे अपराधियों की पहचान के साथ धरपकड़ में आसानी होगी।   


50 से अधिक कैमरे लगाए जा रहे

रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राजधानी के सुरक्षा के लिहाज से 50 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है।  इन कैमरों की खासियत इनकी फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी होगी।  यह वह आधुनिक  तकनीक है, जो सीसीटीवी कैमरों के सामने से  गुजरने वाले हर चेहरे को पहचानने की काबिलियत रखती है। इसके लिए पुलिस उन सभी वांटेड अपराधियों और  संदिग्ध लोगों  के चेहरे अपने मास्टर कंप्यूटर में फीड करेगी जो सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है।साथ ही उन शातिरों के चेहरों को भी कंप्यूटर में फीड किया जाएगा, जो अक्सर राजधानी में वारदातों को अंजाम देते पकड़े जाते हैं।  जैसे ही कोई संदिग्ध सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरेगा, वैसे ही कंट्रोल रूम में एक विशेष तरह की सिग्नल बीप बजेगी। इसके आधार पर पुलिस को संदिग्ध को पहचानने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी रहेगी।   

Body:इसलिए है जरूरत  
राजधानी में हाल के दिनों में अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है। जेल से निकले कई अपराधी लगातार अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जंगल में लगातार अभियान चलने की वजह से कई नक्सली भी शहर में पनाह ले रहे हैं। चुकी शातिर अपराधियों और वांटेड नक्सलियों की तस्वीर पुलिस के पास मौजूद है ।ऐसे में अगर वे फेस डिटेक्शन कैमरे के सामने से गुजरते हैं तो पुलिस को उनके शहर में आने की सूचना मिल जाएगी और समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर अपराध की वारदातों पर रोक लगाई जा सकती है।


 Conclusion:कई जगहों पर लगाए गए गुप्त रूप से कैमरे

राजधानी रांची में पिछले साल से ही हर चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन इसी बीच कई ऐसी जगह पर फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं ,जिसके बारे में सिर्फ और सिर्फ पुलिस को जानकारी है। पुलिस का मानना है कि अगर अपराधियों को यह जानकारी मिल जाए कि किन इलाकों में फेस डिटेक्शन कैमरा लगा हुआ है तो वह सावधान हो जाएंगे। ऐसे में कई संवेदनशील स्थानों पर गुप्त रूप से फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं।

बाइट - अनीश गुप्ता ,एसएसपी ,रांची

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