रांची: झारखंड में ओल्ड पेंशन स्कीम की मंजूरी मिल गई है (Old Pension Scheme Implemented In Jharkhand). हेमंत कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में इसकी मंजूरी दी है. इससे पहले विकास आयुक्त के नेतृत्व में एसओपी तैयार किया गया जिसपर कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान करते हुए राज्य सरकार के कर्मियों को 1 सितंबर 2022 से लागू कर दिया. ओल्ड पेंशन स्कीम पर मुहर लगते ही राज्य सरकार के कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई.
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जैसे ही लोगों को खबर मिली की ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो गई है वे प्रोजेक्ट भवन पहुंच गए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का कर्मचारियों ने प्रोजेक्ट भवन में माला पहनाकर धन्यवाद किया गया. ओल्ड पेंशन स्कीम पर मुहर लगने के बाद प्रोजेक्ट भवन का नजारा ही बदल गया. बड़ी संख्या में यहां पहुंचे कर्मचारी ढोल नगाड़ों के साथ झूमते नजर आए. इस दौरान कर्मचारियों की ओर से राज्य सरकार के इस निर्णय का जमकर स्वागत किया गया और लोगों ने थैक्यू हेमंत सोरेन बोला.
इस मौके पर एनएमपीएस के उपाध्यक्ष डॉ सुधांशु कुमार सिंह ने कहा कि हेमंत सरकार ने बुढ़ापे का सहारा दे दिया है, जिसका शब्दों में बयां नहीं कर सकते. वहीं धनंजय कुमार ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम कहीं से भी कर्मचारियों के लिए लाभदायक नहीं था सरकार ने अपने वादे के अनुरूप फैसला लेकर कर्मचारियों के हितों में फैसला लिया है.
वर्तमान समय में कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम के तहत सुविधा प्राप्त है. जिसके तहत कर्मचारियों का 10 प्रतिशत और सरकार की ओर से 14 प्रतिशत अंशदान पेंशन मद में जमा हो रहा है. झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में 5 लाख 33 हजार 737 पद सृजित हैं जिसमें से वर्तमान में 1 लाख 83 हजार 16 पदों पर कार्यरत हैं. अगर ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत वैसे कर्मी जो 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी नौकरी पाए हैं उनकी 30 वर्षों की सेवा 2034 से पूरे होने पर पेंशन शुरू हो जाएगी.
वर्तमान समय में इस योजना के शुरू होने से करीब एक लाख 10 हजार कर्मचारियों-पदाधिकारियों को लाभ मिलेगा. राज्य सरकार को भलें ही तत्काल इसपर होने वाले खर्च का बोझ ज्यादा महसूस नहीं होगा. मगर 2034 के बाद से जैसे जैसे सेवानिवृत्त कर्मियों की संख्या बढ़ेगी सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ना शुरू हो जायेगा. वर्तमान समय में सेवानिवृत्त कर्मियों पर खर्च होने वाली पेंशन राशि की बात करें तो 2021-22 के दौरान राज्य सरकार ने 6804.3 करोड़ खर्च किया है. प्रति वर्ष पेंशन मद में राशि बढ़ती जा रही है.