रांची: प्रदेश में बने महागठबंधन की सरकार के बजट सेशन में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के चुनावी घोषणा पत्र की झलक देखने को मिलेगी. इस बाबत अलग-अलग विभागों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने दावा किया कि झारखंड का मूल बजट फरवरी महीने के अंत तक पेश किया जाएगा.
आलमगीर आलम ने कहा कि बजट में इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने जो मेनिफेस्टो तैयार किया था, उसकी बातें झलकें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्राथमिकता में किसान ऋण माफी की बात कही है और वह देखने को मिलेगी. इसके अलावा बेरोजगारों को रोजगार देना भी सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य सरकार बजट पेश करने जा रही है.
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि दरअसल राज्य में महागठबंधन की सरकार है. ऐसे में जो भी कमिटमेंट चुनाव के समय किया गया है, उसे गठबंधन में शामिल दल मिलकर पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि जनता के सामने जो चुनावी घोषणा पत्र रखा गया है, उसके अलग-अलग बिंदुओं को पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार को 5 साल का मैंडेट मिला है और 5 साल में उन सभी बातों को पूरा करना है जो भी कमिटमेंट करके आए हैं, वह बजट में देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि चिकित्सा, शिक्षा आदि ऐसे विभाग हैं जिन पर सरकार पूरा फोकस करेगी.
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दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट जनवरी 2019 में झारखंड विधानसभा में पेश किया था. मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए पेश किया गया बजट 85,429 करोड का था. आधिकारिक सूत्रों की माने तो इस बार भी बजट इसी के आसपास रहने की उम्मीद है.