रांचीः बदलते समय के साथ संयुक्त परिवार की सोच अब खत्म होते जा रहे हैं. ऐसे में हरेक लोगों को सबसे ज्यादा चिंता बुढापे की है. सब कुछ रहते हुए भी उन्हें सुविधा और संसाधन मुहैया नहीं हो पाती है. इनकी परेशानी को दूर करता है, एल्डर लाइन टोल फ्री नंबर 14567 (Elder Line Toll Free Number 14567). जिसके जरिए जरुरतमंद बुजुर्गों को मोरल और व्यक्तिगत सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित यह सुविधा झारखंड में बेहतर साबित हो रहा है.
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कैसे काम करता है एल्डर लाइन टोल फ्री नंबर 14567
वरिष्ठ नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानियों से ना जूझना पड़े, इसके लिए सरकार कई कदम उठा रही है. आज के समय में भी कई ऐसी जरूरतें है, जिन्हें समझना और फिर पूरा करना सीनियर सिटीजन के लिए किसी दिक्कत से कम नहीं है. क्योंकि इस उम्र के लोगों को अलग-अलग मानसिक, भावनात्मक, वित्तीय, कानूनी और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में 1 अक्टूबर से झारखंड सहित देशभर में शुरू हुआ Elder Line Toll Free Number 14567 काफी सफल हो रहा है.
क्या कहते हैं लाभुक
रांची के हरमू रोड में संचालित एल्डर लाइन में अब तक 5000 से अधिक बुजुर्गों ने टॉल फ्री नंबर 14567 पर कॉल कर मदद मांगी है. सुबह 8 से रात 8 बजे तक संचालित इस कॉल सेंटर के माध्यम से बुजुर्गों को कानूनी सहायता से लेकर पेंशन, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पारिवारिक विवाद जैसे मामले में सहायता पहुंचाई जाती है. इनके अलावा बेसहारा बुजुर्गों और परिवार से भटके बुजुर्गों को भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सहायता पहुंचाई जाती है.
झारखंड में निजी संस्था समर्थ के माध्यम से बुजुर्गों को सहायता पहुंचाने में लगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार अभी तक आये 5000 कॉल में 1000 बुजुर्ग सीधे तौर लाभान्वित हो चुके हैं. इसके अलावा कई बुजुर्गों को मोरल और कानूनी सलाह भी दी गयी है. Elder Line Toll Free Number 14567 के माध्यम से रांची सहित झारखंड के कई जिलों में रेसक्यू ऑपरेशन भी चलाया गया है. एल्डर लाइन के ऑफिसर स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से बुजुर्गों को सहायता देते हैं.
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एल्डर लाइन कॉल सेंटर में सभी समस्याएं निपटाएं जाते हैं- कर्मचारी
इस कॉल सेंटर में कार्यरत प्रमिला की मानें तो कॉल सेंटर में घरेलू विवाद, पेंशन, राशन कार्ड, आधार कार्ड जैसी समस्याएं बुजुर्गों द्वारा बताई जाती हैं. जिसका समाधान जिला स्तर पर नियुक्त हमारे पदाधिकारी सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत ऑफिसर से संपर्क कर करते हैं, जिसका फीडबैक कॉल उन्हें किया जाता है. इस कॉल सेंटर के माध्यम से पेंशन और राशन कार्ड में गड़बड़ी को सुधार करवाने में सफल रहे लाभुक राजेंद्र तिवारी ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि यह बुजुर्गों के लिए खासकर ऐसे बुजुर्ग जिनके घर में कोई छोटे मोटे काम कराने के लिए कोई लोग नहीं है, उनके लिए बुढापे का सहारा जैसा है.
रांची में एल्डर लाइन के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वृद्धाश्रम तक पहुंची महिलाओं की देखरेख कर रही वृद्धाश्रम संचालिका सिस्टर एम्मा अनाथ बुजुर्गो की जिंदगी को देखकर बेहद व्यथित हैं. ईटीवी भारत से उनकी परेशानियों को साझा करते हुए सिस्टर एम्मा बताती हैं कि अधिकांश बुजुर्गों आज अपनों से ठुकराए जा रहे हैं. बुढे मां-बाप अपने बेटे की एक झलक पाने के लिए तड़पते रहते हैं. ऐसे में मोरल और निजी जरूरत को पूरा करने का काम सरकारी और गैर-सरकारी स्तर से की जाती है.
2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड में 60 वर्ष से ऊपर करीब 30 लाख जनसंख्या है. 2021 के जनगणना पूर्ण होने पर यह आंकड़ा 35 लाख के करीब पहुंच जाएगा. ऐसे में झारखंड सहित देशभर में बुजुर्गों की संख्या में होने वाली वृद्धि और उनकी जरुरतों को ध्यान में रखकर सरकार ने एल्डर लाइन टोल फ्री नंबर 14567 की शुरुआत कर बुढापे का सहारा बनने की कोशिश की है.