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एकरा मस्जिद के सेक्रेटरी का मीडिया पर आरोप, कहा- मरकज और जमात को किया जा रहा टारगेट - एकरा मस्जिद के सेक्रेटरी का मीडिया पर आरोप

रांची के मेन रोड स्थित करा मस्जिद के खतीब और जनरल सेक्रेटरी मरकजी मजलिस-ए-उलेमा के डॉक्टर उबैदुल्लाह कासमी ने मीडिया पर मुसलमानों को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान मुसलमानों को टारगेट कर रही है.

iqra masjid, एकरा मस्जिद
एकरा मस्जिद
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Published : Apr 11, 2020, 4:16 PM IST

रांची: एकरा मस्जिद के खतीब और जनरल सेक्रेटरी मरकजी मजलिस-ए-उलेमा के डॉक्टर उबैदुल्लाह कासमी ने लोगों से अपील की है कि कुछ मीडिया संस्थानों ने मुसलमानों को टारगेट किया है. मरकज और जमात को टारगेट किया जा रहा है और कोरोना वायरस को इससे जोड़ दिया गया है, जो कुछ अखबार और चैनलों में स्पष्ट देखा जा रहा है.

iqra masjid, एकरा मस्जिद
एकरा मस्जिद
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस किसी धर्म जाति और समुदाय से नहीं है, यह एक वायरस है जो किसी को भी हो सकता है. लेकिन मीडिया पर आरोप लगाते हुए बताया कि मुसलमानों और तबलीगी के साथ जोड़कर पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. वहीं निगम कर्मचारी पर हुए थूक फेंकने के घटना को बेबुनियाद बताया है. इसके साथ ही उन्होंने वार्ड पार्षद के माध्यम से थूक फेंकने की बात का खंडन करवाते हुए कहा है यह बात बिल्कुल गलत है और इस तरह की अफवाह से मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की साजिश है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीहः कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से मचा हड़कंप, प्रशासन ने पीड़ित के गांव को किया सील


मीडिया पर आरोप लगाते हुए मौलाना ओबेदुल्ला हाशमी ने कहा है कि मीडिया लिखने की आजादी के नाम पर कब तक मुसलमानों को टारगेट करते रहेंगे अगर अखबारों को लिखने की आजादी है तो उन्होंने अपील किया कि हम लोगों को भी अखबार ना लेने की आजादी है. मौलाना उबैदुल्लाह कासमी ने वीडियो के माध्यम से अपील किया है कि मुसलमान समुदाय के लोग अपने घरों में अखबार लेना बंद करें और नफरत फैलानेवाले चैनल को लॉक कर दिया जाए. वहीं मौलाना उबैदुल्लाह कासमी की अपील के बाद मिल रही सूचना के अनुसार हिंदपीढ़ी में रहने वाले मुसलमानों ने शनिवार को अखबार देने आये हॉकरों को अखबार देने से मना कर दिया.

रांची: एकरा मस्जिद के खतीब और जनरल सेक्रेटरी मरकजी मजलिस-ए-उलेमा के डॉक्टर उबैदुल्लाह कासमी ने लोगों से अपील की है कि कुछ मीडिया संस्थानों ने मुसलमानों को टारगेट किया है. मरकज और जमात को टारगेट किया जा रहा है और कोरोना वायरस को इससे जोड़ दिया गया है, जो कुछ अखबार और चैनलों में स्पष्ट देखा जा रहा है.

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एकरा मस्जिद
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस किसी धर्म जाति और समुदाय से नहीं है, यह एक वायरस है जो किसी को भी हो सकता है. लेकिन मीडिया पर आरोप लगाते हुए बताया कि मुसलमानों और तबलीगी के साथ जोड़कर पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. वहीं निगम कर्मचारी पर हुए थूक फेंकने के घटना को बेबुनियाद बताया है. इसके साथ ही उन्होंने वार्ड पार्षद के माध्यम से थूक फेंकने की बात का खंडन करवाते हुए कहा है यह बात बिल्कुल गलत है और इस तरह की अफवाह से मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की साजिश है.

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मीडिया पर आरोप लगाते हुए मौलाना ओबेदुल्ला हाशमी ने कहा है कि मीडिया लिखने की आजादी के नाम पर कब तक मुसलमानों को टारगेट करते रहेंगे अगर अखबारों को लिखने की आजादी है तो उन्होंने अपील किया कि हम लोगों को भी अखबार ना लेने की आजादी है. मौलाना उबैदुल्लाह कासमी ने वीडियो के माध्यम से अपील किया है कि मुसलमान समुदाय के लोग अपने घरों में अखबार लेना बंद करें और नफरत फैलानेवाले चैनल को लॉक कर दिया जाए. वहीं मौलाना उबैदुल्लाह कासमी की अपील के बाद मिल रही सूचना के अनुसार हिंदपीढ़ी में रहने वाले मुसलमानों ने शनिवार को अखबार देने आये हॉकरों को अखबार देने से मना कर दिया.

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