रांची: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने कई अहम निर्णय लिए हैं. एक पत्र जारी कर इस संबंध में अवगत कराया गया है. एक तरफ जहां आंदोलन के दौरान हुई पारा शिक्षकों की मौत पर परिजनों को मुआवजा देने का रास्ता साफ हो गया है. वहीं, टेट पास अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की मान्यता 5 साल की जगह आजीवन किए जाने पर विचार किया जा रहा है. इधर, अनट्रेंड पारा शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया विभाग ने शुरू कर दी है.
सरकार के निर्देश के बावजूद जिन पारा शिक्षकों ने शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया, उन 4812 पारा शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है. प्रखंड स्तर पर शिक्षकों को सेवा मुक्त करने का पत्र जारी कर दिया गया है. इसकी पूरी जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन समिति को दी गई है. वहीं, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से 8 में सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य कर दिया है.
हालांकि टेट पास परीक्षार्थियों के परेशानियों को देखते हुए अब सरकार 5 साल नहीं बल्कि आजीवन टेट की मान्यता करने पर विचार कर रही है. इसे लेकर नियमावली में बदलाव किया जा सकता है. इधर, 23 पारा शिक्षकों के परिजनों को राज्य सरकार ने एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. गौरतलब है कि ये वही 23 पारा शिक्षक हैं, जिनका निधन आंदोलन के दौरान हुआ था. उनके नाम संबंधित जिले के पदाधिकारियों को भेज दिए गए हैं.
शिक्षा परियोजना परिषद ने डीईओ से सभी की इस मामले में सत्यापन रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट मिलने के बाद 23 पारा शिक्षकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से एक निर्देश के तहत यह निर्णय लिए गए हैं तमाम जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष गाइडलाइन पत्र के माध्यम से जारी किया गया है.