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रांची: शिक्षा दरबार के जरिए विद्यार्थियों की परेशानियों को किया जाएगा दूर, प्रखंड स्तर पर भी लगेगा दरबार

रांची में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की परेशानियों को सुनने के लिए शिक्षा दरबार का आयोजन किया जाएगा. इसके जरिए विद्यार्थियों ऑन द स्पॉट अपनी शिकायत को रख सकेंगे और पढ़ाई में हो रही उनकी समस्या को दूर किया जाएगा. इसके साथ ही पठन-पाठन की गतिविधियों और रिपोर्ट की जानकारी भी ली जाएगी.

Education court will be organized for government schools in Ranchi
शिक्षा दरबार
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Published : Aug 16, 2020, 1:43 PM IST

रांची: सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की समस्याओं को सुनने के लिए जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा दरबार का आयोजन किया जाएगा. शिक्षा दरबार के जरिए कोरोना महामारी के दौरान हो रही परेशानियों के अलावा अब तक पठन-पाठन की गतिविधियों और रिपोर्ट की जानकारी भी ली जाएगी. अभिभावक ऑन द स्पॉट भी शिकायत दर्ज करा पाएंगे और ऑनलाइन माध्यम से भी विद्यार्थी अपनी समस्याओं को विभागीय अधिकारियों के सामने रख पाएंगे.

देखें पूरी खबर

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की परेशानियां बढ़ी

कोरोना महामारी के कारण शिक्षा जगत में व्यापक असर पड़ा है. इस महामारी ने पूरे शिक्षा व्यवस्था को ही बिगाड़ दिया है. हालांकि निजी स्कूलों की ओर से लगातार ऑनलाइन क्लासेज चलाए जा रहे हैं. जिससे कुछ हद तक निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की समस्याएं दूर हो रही है. लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की परेशानियां बढ़ी हुई है. लाख दावे करने के बावजूद सरकारी स्कूलों के शत-प्रतिशत बच्चों तक ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल मुहैया कराने में विभाग को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी सही तरीके से स्टडी मटेरियल नहीं मिल रही है. इसलिए उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है.

दूरदर्शन से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को नहीं हो रहा है फायदा

सरकार की ओर से दूरदर्शन के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाने का दावा किया गया था. समय निर्धारित कर दूरदर्शन में सिलेबस के तहत कक्षा एक से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई करवाई जा रही थी. लेकिन इससे भी विद्यार्थियों को कुछ ज्यादा फायदा नहीं मिल पाया. एक सर्वे के अनुसार अब तक ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को दूरदर्शन के माध्यम से सिलेबस से जुड़े गतिविधि नहीं पहुंची है. इसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से संचालित डीजी साथ ऐप इन बच्चों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है.

ये भी देखें- धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा, माही के पूर्व कोच ने ईटीवी भारत से शेयर की यादें

लगाया जाएगा शिक्षा दरबार

हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से यह जानकारी दी है कि विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते हुए उनका समस्याओं का निपटारा करने के उद्देश्य से स्कूल खोलने से पहले और कोरोना महामारी के रफ्तार कम होने के बाद, विभाग शिक्षा दरबार लगाया जाएगा. इस दरबार के तहत विद्यार्थियों की परेशानियों को सुना जाएगा. अभिभावकों की राय ली जाएगी और फिर पठन-पाठन को सुचारू करने के लिए एक योजना चलाई जाएगी. इसके तहत इन विद्यार्थियों के लिए क्लासेस की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए विभाग को चरणबद्ध तरीके से समय बढ़ा कर क्लास लिया जाएगा. इसके साथ ही शनिवार और रविवार को भी बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है.

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लगाई जाएगी शिक्षा दरबार

यह शिक्षा दरबार राज्य के तमाम जिला मुख्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगाया जाएगा. प्रखंड स्तर पर भी शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से शिक्षा दरबार के जरिए परेशानियों को सुना जाएगा. अब तक विद्यार्थियों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा है और उनके क्षतिपूर्ति के लिए विभाग को क्या कदम उठाने हैं. इन तमाम मामलों को लेकर आकलन किया जाएगा. फिर उचित निर्णय लेकर विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर किया जाएगा.

रांची: सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की समस्याओं को सुनने के लिए जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा दरबार का आयोजन किया जाएगा. शिक्षा दरबार के जरिए कोरोना महामारी के दौरान हो रही परेशानियों के अलावा अब तक पठन-पाठन की गतिविधियों और रिपोर्ट की जानकारी भी ली जाएगी. अभिभावक ऑन द स्पॉट भी शिकायत दर्ज करा पाएंगे और ऑनलाइन माध्यम से भी विद्यार्थी अपनी समस्याओं को विभागीय अधिकारियों के सामने रख पाएंगे.

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सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की परेशानियां बढ़ी

कोरोना महामारी के कारण शिक्षा जगत में व्यापक असर पड़ा है. इस महामारी ने पूरे शिक्षा व्यवस्था को ही बिगाड़ दिया है. हालांकि निजी स्कूलों की ओर से लगातार ऑनलाइन क्लासेज चलाए जा रहे हैं. जिससे कुछ हद तक निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की समस्याएं दूर हो रही है. लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की परेशानियां बढ़ी हुई है. लाख दावे करने के बावजूद सरकारी स्कूलों के शत-प्रतिशत बच्चों तक ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल मुहैया कराने में विभाग को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी सही तरीके से स्टडी मटेरियल नहीं मिल रही है. इसलिए उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है.

दूरदर्शन से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को नहीं हो रहा है फायदा

सरकार की ओर से दूरदर्शन के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाने का दावा किया गया था. समय निर्धारित कर दूरदर्शन में सिलेबस के तहत कक्षा एक से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई करवाई जा रही थी. लेकिन इससे भी विद्यार्थियों को कुछ ज्यादा फायदा नहीं मिल पाया. एक सर्वे के अनुसार अब तक ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को दूरदर्शन के माध्यम से सिलेबस से जुड़े गतिविधि नहीं पहुंची है. इसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से संचालित डीजी साथ ऐप इन बच्चों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है.

ये भी देखें- धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा, माही के पूर्व कोच ने ईटीवी भारत से शेयर की यादें

लगाया जाएगा शिक्षा दरबार

हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से यह जानकारी दी है कि विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते हुए उनका समस्याओं का निपटारा करने के उद्देश्य से स्कूल खोलने से पहले और कोरोना महामारी के रफ्तार कम होने के बाद, विभाग शिक्षा दरबार लगाया जाएगा. इस दरबार के तहत विद्यार्थियों की परेशानियों को सुना जाएगा. अभिभावकों की राय ली जाएगी और फिर पठन-पाठन को सुचारू करने के लिए एक योजना चलाई जाएगी. इसके तहत इन विद्यार्थियों के लिए क्लासेस की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए विभाग को चरणबद्ध तरीके से समय बढ़ा कर क्लास लिया जाएगा. इसके साथ ही शनिवार और रविवार को भी बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है.

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लगाई जाएगी शिक्षा दरबार

यह शिक्षा दरबार राज्य के तमाम जिला मुख्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगाया जाएगा. प्रखंड स्तर पर भी शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से शिक्षा दरबार के जरिए परेशानियों को सुना जाएगा. अब तक विद्यार्थियों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा है और उनके क्षतिपूर्ति के लिए विभाग को क्या कदम उठाने हैं. इन तमाम मामलों को लेकर आकलन किया जाएगा. फिर उचित निर्णय लेकर विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर किया जाएगा.

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